अडानी, संभल, मणिपुर मुद्दों पर संसद में विपक्ष का जोरदार हंगामा, कार्यवाही सोमवार तक स्थगित
संसद के शीतकालीन सत्र में शुक्रवार को अडानी समूह, संभल हिंसा और मणिपुर की स्थिति को लेकर विपक्षी दलों ने जोरदार हंगामा किया। लोकसभा और राज्यसभा में कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सदस्यों ने इन मुद्दों पर चर्चा की मांग की और सदन के अंदर नारेबाजी शुरू कर दी।
लोकसभा में हंगामा
लोकसभा की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), आम आदमी पार्टी (AAP) और अन्य विपक्षी दलों के सांसदों ने अपने-अपने मुद्दे उठाने शुरू कर दिए। विपक्षी सदस्यों ने अडानी समूह पर हालिया आरोपों की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (JPC) गठित करने की मांग की। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश के संभल में हुई सांप्रदायिक हिंसा पर चर्चा की मांग को लेकर भी जोरदार प्रदर्शन किया गया।
अध्यक्ष ओम बिरला ने सांसदों को शांत रहने और निर्धारित एजेंडा पर चर्चा करने की अपील की। लेकिन विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही पहले दोपहर 12 बजे तक स्थगित करनी पड़ी। दोबारा शुरू होने के बाद भी हंगामा जारी रहा, जिसके चलते कार्यवाही सोमवार तक स्थगित कर दी गई।
राज्यसभा का माहौल भी गरम
राज्यसभा में भी विपक्षी सदस्यों ने मणिपुर की स्थिति और अडानी समूह पर हो रहे आरोपों को लेकर सरकार से जवाब मांगा। राज्यसभा के सभापति ने शांति बनाए रखने की अपील की, लेकिन विपक्ष के जोरदार विरोध के कारण सदन की कार्यवाही को बार-बार बाधित करना पड़ा। अंततः राज्यसभा को भी सोमवार तक स्थगित कर दिया गया।
सरकार का पक्ष
सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने विपक्ष पर संसद की कार्यवाही को बाधित करने का आरोप लगाया। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सरकार हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन विपक्ष केवल हंगामा कर रहा है।
विपक्ष की मांगें
- अडानी समूह की जांच: विपक्षी दल अडानी समूह पर हाल ही में लगे वित्तीय अनियमितताओं और सरकारी संरक्षण के आरोपों की जांच JPC से करवाने की मांग कर रहे हैं।
- संभल हिंसा पर चर्चा: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में हुई सांप्रदायिक हिंसा को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरा और सुरक्षा की विफलता का आरोप लगाया।
- मणिपुर की स्थिति: मणिपुर में जारी हिंसा और कानून-व्यवस्था को लेकर सरकार से विस्तृत जवाब मांगा गया।
सोमवार को क्या रहेगा माहौल?
संसद की कार्यवाही सोमवार को फिर से शुरू होगी, लेकिन जिस तरह से शुक्रवार को दोनों सदनों में गतिरोध देखने को मिला, उससे यह साफ है कि विपक्ष अपने मुद्दों पर सरकार को घेरने के लिए पूरी तरह तैयार है।