रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) की टेलीकॉम यूनिट, जियो, के IPO (Initial Public Offering) की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। सूत्रों के अनुसार, जियो का आईपीओ ₹35 हजार करोड़ से ₹40 हजार करोड़ के बीच हो सकता है, जो कि अब तक देश में सबसे बड़ा आईपीओ बनने की उम्मीद है। इस आईपीओ के माध्यम से रिलायंस समूह का लक्ष्य है कि वह इस साल की दूसरी छमाही में इसे बाजार में लॉन्च करे।
देश का सबसे बड़ा IPO बनने की ओर
रिलायंस जियो का IPO भारतीय बाजार में अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ बनने जा रहा है। वर्तमान में, देश का सबसे बड़ा आईपीओ हुंडई मोटर इंडिया का है, जिसने अक्टूबर 2023 में ₹27,870 करोड़ का आईपीओ लांच किया था। इसके बाद, भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने 2022 में ₹21,000 करोड़ का आईपीओ लाया था। जियो का आईपीओ इन दोनों से बड़ा होगा, जो भारतीय बाजार के लिए एक ऐतिहासिक घटना मानी जा रही है।
प्री-IPO प्लेसमेंट और निवेशकों से चर्चा
रिलायंस जियो ने प्री-IPO प्लेसमेंट के लिए निवेशकों से चर्चा भी शुरू कर दी है। प्री-IPO प्लेसमेंट का मतलब है कि कंपनी अपनी पब्लिक पेशकश से पहले निवेशकों को शेयर जारी करती है, जो आमतौर पर रणनीतिक निवेशकों और प्रमुख वित्तीय संस्थानों को प्रस्तावित किए जाते हैं। यह प्रक्रिया कंपनी को पर्याप्त फंड जुटाने में मदद करती है और साथ ही साथ आईपीओ के बाद का मूल्यांकन भी सुनिश्चित करती है।
जियो का मजबूत टेलीकॉम नेटवर्क और ग्राहकों की संख्या
रिलायंस जियो देश का सबसे बड़ा दूरसंचार ऑपरेटर है और इसने टेलीकॉम, इंटरनेट और डिजिटल बिजनेस में महत्वपूर्ण निवेश किया है। जियो के पास अक्टूबर 2023 तक 47 करोड़ से अधिक वायरलेस ग्राहक थे। यह कंपनी ने पिछले पांच वर्षों में अपने नेटवर्क को विस्तार देने के लिए लगभग ₹26 हजार करोड़ की पूंजी निवेश की है।
जियो की ग्राहक संख्या में तेजी से बढ़ोतरी देखी गई है, खासकर पिछले साल जून में टैरिफ में वृद्धि के बाद। इस वृद्धि के चलते, सितंबर तिमाही में जियो के मुनाफे में भी उल्लेखनीय उछाल आया है। जियो की टेलीकॉम सेवा के अलावा, कंपनी अब इंटरनेट, डिजिटल सेवाओं और ई-कॉमर्स के क्षेत्रों में भी अपनी पकड़ मजबूत करने की दिशा में काम कर रही है।
रिलायंस समूह का रणनीतिक निवेश और भविष्य की योजना
रिलायंस जियो का आईपीओ रिलायंस इंडस्ट्रीज के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है, जो कि विभिन्न क्षेत्रों में अपने प्रभाव को और अधिक बढ़ाना चाहती है। खासकर डिजिटल और टेलीकॉम बिजनेस में कंपनी का मजबूत कारोबार और बढ़ती ग्राहक संख्या इसे एक आकर्षक निवेश विकल्प बनाती है।
इसके अलावा, रिलायंस का लक्ष्य जियो को एक ऐसी ताकतवर इकाई में बदलने का है, जो न सिर्फ टेलीकॉम बल्कि अन्य डिजिटल सेवाओं के क्षेत्र में भी लीडर बने। जियो का IPO इन सभी योजनाओं को आगे बढ़ाने में मददगार साबित हो सकता है।
भारत में आईपीओ का बढ़ता ट्रेंड
रिलायंस जियो का आईपीओ भारतीय पूंजी बाजार में एक और बड़ी घटना हो सकता है। पिछले कुछ वर्षों में भारतीय बाजार में आईपीओ का ट्रेंड बढ़ा है, जिसमें प्रमुख कंपनियों ने अपने आईपीओ के जरिए निवेशकों से भारी मात्रा में फंड जुटाए हैं। जियो का आईपीओ इस रुझान को और अधिक मजबूती दे सकता है।
यह आईपीओ भारतीय निवेशकों के लिए एक सुनहरा अवसर हो सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जो दूरसंचार और डिजिटल सेक्टर में निवेश करने के इच्छुक हैं।
रिलायंस जियो का आईपीओ भारतीय बाजार में एक ऐतिहासिक कदम साबित हो सकता है, और इसके जरिए कंपनी अपने व्यापार को और अधिक विस्तार देने की दिशा में अग्रसर हो सकती है। भारतीय निवेशकों के लिए यह आईपीओ आकर्षक साबित हो सकता है, खासकर अगर जियो के कारोबार की वृद्धि और ग्राहकों की संख्या में इजाफा जारी रहता है।