भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को डिजिटल भुगतान को और प्रोत्साहित करने के लिए यूपीआई लाइट वॉलेट की सीमा बढ़ाने का महत्वपूर्ण फैसला लिया। अब वॉलेट की अधिकतम सीमा 5000 रुपये और प्रति लेन-देन सीमा 1000 रुपये कर दी गई है।
क्या है यूपीआई लाइट वॉलेट?
यूपीआई लाइट एक ऐसा फीचर है जो ऑफलाइन और छोटे लेन-देन को सुगम बनाता है। यह उन क्षेत्रों में भी काम करता है, जहां इंटरनेट की कनेक्टिविटी कमजोर होती है। इसके जरिए उपभोक्ता अपने वॉलेट में पैसे जोड़कर छोटे-छोटे भुगतान कर सकते हैं।
आरबीआई का उद्देश्य
इस कदम का उद्देश्य मोबाइल आधारित भुगतान को बढ़ावा देना और डिजिटल लेन-देन को ज्यादा सहज बनाना है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस बदलाव की घोषणा करते हुए कहा कि यह सुविधा खासतौर पर उन लोगों के लिए उपयोगी होगी जो इंटरनेट की दिक्कतों का सामना करते हैं।
मुख्य बदलाव
- वॉलेट लिमिट बढ़ी: पहले वॉलेट की सीमा 2000 रुपये थी, जो अब 5000 रुपये कर दी गई है।
- लेन-देन सीमा बढ़ी: प्रति लेन-देन सीमा 200 रुपये से बढ़ाकर 1000 रुपये कर दी गई है।
- डिजिटल भुगतान का विस्तार: यह निर्णय डिजिटल लेन-देन को सरल और प्रभावी बनाने के लिए है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसका उपयोग कर सकें।
प्रभाव
- छोटे दुकानदार और ग्राहक अब बिना इंटरनेट कनेक्शन के भी आसानी से लेन-देन कर सकेंगे।
- डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में और तेजी आने की उम्मीद है।
- इससे यूपीआई लाइट वॉलेट की उपयोगिता बढ़ेगी और मोबाइल बैंकिंग को अधिक प्रचलित बनाया जा सकेगा।
आरबीआई के इस निर्णय से छोटे व्यापारियों और उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलने की संभावना है। यह कदम डिजिटल इंडिया के विज़न को साकार करने की दिशा में एक और मजबूत कदम है।