भोपाल:
संविधान दिवस के अवसर पर राज्यपाल मंगु भाई पटेल ने एक अहम बयान देते हुए कहा कि भारतीय संविधान आधुनिक भारत का “धर्म ग्रंथ” है। उनका मानना था कि संविधान ने लोकतांत्रिक मूल्यों को स्थायित्व प्रदान किया और भारतीय समाज को एकजुट रखने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने संविधान के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारतीय समाज और संस्कृति की बुनियाद बताया।
संविधान सभा के मध्य प्रदेश के 29 सदस्य
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री सचिव ने संविधान सभा के उन 29 सदस्य को याद किया, जो मध्य प्रदेश से थे और जिन्होंने संविधान निर्माण में अहम योगदान दिया। उनका कहना था कि मध्य प्रदेश के इन महान नेताओं के योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा क्योंकि उनके प्रयासों के कारण भारत का संविधान आज हर नागरिक के अधिकारों का संरक्षक बन सका है।
मुख्य सचिव ने इन 29 महान नेताओं के नाम का उल्लेख करते हुए उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। इन नेताओं ने भारतीय लोकतंत्र की नींव रखने में अपनी भूमिका निभाई और भारतीय समाज के प्रत्येक वर्ग के लिए समान अधिकारों की दिशा तय की।
संविधान दिवस की महत्ता
संविधान दिवस हर वर्ष 26 नवंबर को मनाया जाता है, जब 1949 में संविधान सभा ने भारतीय संविधान को अंगीकार किया था। यह दिन हमें संविधान के आदर्शों और मूल्यों को याद दिलाता है, जो भारत के लोकतांत्रिक ढांचे को मजबूत करते हैं।
राज्यपाल का संबोधन
राज्यपाल मंगु भाई पटेल ने अपने संबोधन में कहा,
“संविधान हमारे लोकतंत्र की आधारशिला है। यह भारत के प्रत्येक नागरिक को समान अधिकार और कर्तव्य प्रदान करता है। संविधान का आदर्श हमें एक मजबूत और समृद्ध राष्ट्र की दिशा में मार्गदर्शन देता है।”
उन्होंने संविधान की स्थायित्व को सुनिश्चित करने और इसे प्रत्येक नागरिक तक पहुंचाने के महत्व पर बल दिया।
संविधान का भविष्य में महत्व
राज्यपाल ने संविधान के भविष्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की बात कही और यह भी रेखांकित किया कि आने वाली पीढ़ियों को संविधान के महत्व को समझाने और उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने की आवश्यकता है।
संविधान दिवस पर राज्यपाल और मुख्यमंत्री सचिव ने संविधान की महिमा को स्वीकार करते हुए उन सभी महान नेताओं की भूमिका को याद किया, जिनके योगदान से भारतीय संविधान आज हर नागरिक के अधिकारों का संरक्षक बना हुआ है।