December 24, 2024 1:08 AM

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सिंधिया स्कूल के 125वें स्थापना दिवस पर आज प्रधानमंत्री मोदी ग्वालियर आएंगे

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  • 100 साल से अधिक पुराने सिंधिया स्कूल के 125 वर्ष गांठ के मौके पर देश के प्रधानमंत्री मोदी आ रहे हैं।
  • देश के श्रेष्ठ स्कूलों में सिंधिया स्कूल ने अपना स्थान बनाया है।
    ग्वालियर।
    देश का सबसे प्रतिष्ठित स्कूलों में शुमार और 100 साल से अधिक पुराने सिंधिया स्कूल के 125 वर्ष गांठ के मौके पर देश के प्रधानमंत्री मोदी आ रहे हैं। ऐसा पहली बार मौका है कि इस स्कूल में देश के प्रधानमंत्री कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आ रहे हैं। हालांकि इससे पहले कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री पूर्व राष्ट्रपति से लेकर कई बड़ी हस्तियां शामिल हो चुकी हैं। सबसे खास बात यह है कि इस स्कूल में मशहूर उद्योगपति मुकेश अंबानी, अभिनेता सलमान खान, पूर्व सीएम दिग्विज सिंह समेत तमाम बड़ी औद्योगिक, सियासी और सिनेमा की हस्तियों ने पढ़ाई की है। देश के श्रेष्ठ स्कूलों में सिंधिया स्कूल ने अपना स्थान बनाया है। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में स्थित सिंधिया स्कूल की स्थापना सन 1897 में हुई थी। सिंधिया राजघराने इस स्कूल को जागीरदारों और सरदारों की बेटों के भविष्य और शिक्षित करने के लिए महाराज माधवराव सिंधिया प्रथम द्वारा की गई थी। पहले इसका नाम सरदार स्कूल हुआ करता था, लेकिन सन 1908 में सरदार स्कूल को ग्वालियर किले में स्थानांतरित कर दिया गया और इस सरदार स्कूल का नाम बदलकर सिंधिया स्कूल कर दिया गया। वहीं, एक जुलाई 1933 को इस स्कूल के दरवाजे जनता के लिए खोल दिए गए। उसके बाद सन 1984 में यह सिंधिया स्कूल अपने पाठ्यक्रम में आईटी को शामिल करने वाला देश का पहला स्कूल बना। यह स्कूल सिंधिया परिवार की नेतृत्व में एक नई युग की शिक्षा छात्रों को प्रदान करता है, जिसमें देश ही नहीं बल्कि पूरे विश्व भर के छात्र शिक्षा लेने के लिए आते हैं। सिंधिया स्कूल में एडमिशन पाने के लिए दो कॉमन टेस्ट से गुजरना पड़ता है। इसमें एक CCA (कॉमन एप्टीट्यूड टेस्ट) और SAA (सिंधिया स्कूल एप्टीट्यूड एसेसमेंट) के माध्यम से छात्रों का एडमिशन किया जाता है। अगर सिंधिया स्कूल की फीस की बात करें तो इसकी सालाना फीस 15 लाख रुपये से अधिक होती है जो अलग-अलग कक्षाओं और सालों में अलग-अलग बदलती रहती है। इस स्कूल में बोर्डिंग व्यवस्था है। बच्चे इसी स्कूल कैंपस में रहते हैं और वहीं पढ़ाई करते हैं। साथ ही इस स्कूल के बच्चों को बाहर जाने की बिल्कुल अनुमति नहीं है।
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