भोपाल: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रालय में आयोजित मंत्रि-परिषद की बैठक में प्रदेश के समग्र विकास के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इनमें स्वामी विवेकानंद युवा शक्ति मिशन की प्रारंभिक स्वीकृति और मध्यप्रदेश में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सहकारिता अनुबंध पर सहमति शामिल है।
स्वामी विवेकानंद युवा शक्ति मिशन की प्रारंभिक स्वीकृति
मंत्रि-परिषद ने प्रदेश के युवाओं के समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए स्वामी विवेकानंद युवा शक्ति मिशन प्रारंभ करने की सैद्धांतिक स्वीकृति दी। यह मिशन युवा-उन्मुखीकरण की गतिविधियों को समन्वित रूप से एक मंच पर लाएगा, जिससे राज्य में विकास को बढ़ावा मिलेगा। इस मिशन का उद्देश्य युवाओं में आत्म-विश्वास निर्माण, कौशल उन्नयन, और प्रतिस्पर्धा की तैयारी को बढ़ावा देना है।
मिशन के तहत तीन प्रमुख लक्ष्य तय किए गए हैं:
- युवाओं की आय का स्तर बढ़ाना, ताकि यह न्यूनतम कुशल श्रेणी श्रमिक की दर के बराबर हो सके।
- युवाओं को कक्षा 12वीं तक शिक्षा देने के प्रयास, जिसे 10वीं तक 2028 और 12वीं तक 2030 तक पूरा किया जाएगा।
- समाज के हित में युवाओं को सामाजिक पहल का हिस्सा बनाना, ताकि 2030 तक 70 प्रतिशत उपलब्धि हासिल की जा सके।
स्वामी विवेकानंद की जयंती 12 जनवरी 2025 को इस मिशन की शुरुआत की जाएगी, जो युवा दिवस के रूप में मनाई जाएगी।
दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सहकारिता अनुबंध पर सहमति
मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश में दुग्ध उत्पादकों की आय दोगुनी करने और दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक सहकारिता अनुबंध (कोलेबोरेशन एग्रीमेंट) पर सहमति दी। यह अनुबंध एमपी स्टेट को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन लिमिटेड और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के बीच हुआ है। इसके तहत, हर ग्राम पंचायत में कलेक्शन सेंटर स्थापित किए जाएंगे और दुग्ध संघों की प्रोसेसिंग क्षमता बढ़ाई जाएगी।
सरकार ने अगले 5 वर्षों में इस परियोजना में 1500 करोड़ रुपए का निवेश करने का निर्णय लिया है। इसके परिणामस्वरूप:
- दुग्ध समितियों की संख्या 6 हजार से बढ़ाकर 9 हजार की जाएगी।
- दुग्ध संकलन को 10.5 लाख किलोग्राम से बढ़ाकर 20 लाख किलोग्राम किया जाएगा।
- दुग्ध उत्पादकों की कुल वार्षिक आय को 1700 करोड़ रुपए से दोगुना कर 3500 करोड़ रुपए किया जाएगा।
- सांची ब्रांड का राष्ट्रीय स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाएगा।
16वें वित्त आयोग के समक्ष प्रदेश का नजरिया पेश करने के लिए समिति का गठन
प्रदेश सरकार ने 16वें वित्त आयोग के समक्ष प्रदेश का नजरिया रखने के लिए एक समिति का गठन किया है, जिसका अध्यक्ष अर्थशास्त्री अरविंद पनगरिया को बनाया गया है। इस समिति का उद्देश्य केंद्र से ज्यादा से ज्यादा राशि प्राप्त करना है, ताकि प्रदेश का विकास और भी तेजी से हो सके।
पीथमपुर में कचरा जलाने के विरोध को लेकर सरकार करेगी संवाद
पीथमपुर में कचरा जलाने के खिलाफ स्थानीय लोगों का विरोध सामने आया है। सरकार ने इस मुद्दे को हल करने के लिए जन संवाद का निर्णय लिया है। छोटे-छोटे समूहों में लोगों से बात की जाएगी और उन्हें बताया जाएगा कि यूनियन कार्बाइड (यूका) का कचरा 25 वर्षों में अपना दुष्प्रभाव खत्म कर चुका है और अब यह कचरा किसी भी तरह से हानिकारक नहीं है। इससे स्थानीय लोगों की गलतफहमियों को दूर किया जाएगा।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक में राज्य के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं और परियोजनाओं पर निर्णय लिया गया है। इन योजनाओं से न केवल युवाओं का समग्र विकास होगा, बल्कि प्रदेश के दुग्ध उत्पादकों की आय में भी वृद्धि होगी। इसके साथ ही वित्तीय संसाधनों के लिए केंद्र से ज्यादा राशि प्राप्त करने के प्रयास किए जाएंगे।