भोपाल। मध्यप्रदेश के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारियों के लिए नववर्ष 2025 का आगमन खुशखबरी लेकर आया है। राज्य सरकार ने 82 आईएएस अधिकारियों की पदोन्नति और उनके वेतनमान में वृद्धि के आदेश जारी किए हैं। इस निर्णय से कई अधिकारियों को महत्वपूर्ण पदों पर पदोन्नति मिली है, जो उनके लिए एक बड़ी सफलता है।
पदोन्नति में प्रमुख सचिव बने कोठारी और नरहरि
मध्यप्रदेश की मोहन सरकार ने 2001 बैच के दो वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों को सचिव से प्रमुख सचिव के पद पर पदोन्नत किया है। इनमें से एक हैं नवनीत मोहन कोठारी, जो पर्यावरण विभाग में सचिव थे, और दूसरे हैं पी नरहरि, जो लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सचिव थे। इन दोनों अधिकारियों की पदोन्नति से उनके कद और जिम्मेदारियों में भी वृद्धि हुई है। यह पदोन्नति आदेश भारतीय सेवा अधिकारियों को एक नई प्रेरणा देगी और उनके कार्य में और सुधार आएगा।
विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक
मुख्य सचिव अनुराग जैन की अध्यक्षता में विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक आयोजित की गई, जिसमें अधिकारियों की पदोन्नति और वेतन वृद्धि पर चर्चा की गई। इस बैठक के बाद जारी किए गए आदेशों में विभिन्न बैच के अधिकारियों को पदोन्नति दी गई। इन पदोन्नतियों का लाभ एक जनवरी 2025 से लागू होगा।
पदोन्नति पाने वाले अन्य अधिकारी
इस आदेश के तहत कई अन्य अधिकारियों को भी पदोन्नति का लाभ मिला है। इनमें प्रमुख रूप से अपर सचिव से सचिव बनाए गए अधिकारियों में प्रियंका दास, अविनाश लवानिया, इलैया राजा, सूफिया फारूखी वली, प्रीति मैथिल, धनराजू एस, अनुभा श्रीवास्तव, मनीष सिंह, अमित तोमर और शैलबाला अंजना शामिल हैं।
बैचों के आधार पर पदोन्नति
- 2009 बैच के 16 अधिकारियों को अपर सचिव से सचिव के पद पर पदोन्नति दी गई है।
- 2016 बैच के 26 अधिकारियों को कनिष्ठ प्रशासनिक ग्रेड में पदोन्नति मिली है।
- 2021 बैच के नौ अधिकारियों को वरिष्ठ समय वेतनमान का लाभ दिया गया है।
- 2011 और 2012 बैच के अधिकारियों को भी पदोन्नति और वेतन वृद्धि का लाभ मिला है।
यह निर्णय मध्यप्रदेश सरकार द्वारा भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को एक तरह से नया साल का तोहफा माना जा रहा है। इन पदोन्नतियों से इन अधिकारियों की जिम्मेदारियां बढ़ेंगी और वे राज्य के प्रशासनिक कार्यों में और अधिक प्रभावी भूमिका निभा सकेंगे।
नववर्ष में आई खुशखबरी
इस पदोन्नति आदेश के बाद राज्य सरकार का यह कदम निश्चित रूप से अधिकारियों में उत्साह का संचार करेगा। यह भी माना जा रहा है कि इससे राज्य प्रशासन में और अधिक दक्षता और जिम्मेदारी का माहौल बनेगा। नववर्ष के इस तोहफे के साथ, मध्यप्रदेश सरकार ने अपने प्रशासनिक ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एक और कदम उठाया है।