नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने नीट (नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट) परीक्षा को लेकर विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों को लागू करने का निर्णय लिया है। यह जानकारी केंद्र सरकार ने गुरुवार को सर्वोच्च न्यायालय को दी। कोर्ट ने इस सूचना के बाद मामले की सुनवाई तीन महीने के लिए टाल दी है। अब इस मामले की अगली सुनवाई अप्रैल 2025 में होगी।
केंद्र सरकार ने दी रिपोर्ट लागू करने की जानकारी
गुरुवार को सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि नीट परीक्षा को लेकर गठित विशेषज्ञ समिति ने अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंप दी है। अब केंद्र सरकार उस रिपोर्ट की सभी अनुशंसाओं पर अमल करेगी। मेहता ने न्यायालय से समय देने की अपील की, ताकि केंद्र सरकार उन सिफारिशों पर पूरी तरह से कार्रवाई कर सके। इसके बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई तीन महीने के लिए टाल दी।
नीट परीक्षा को लेकर विशेषज्ञ समिति की सिफारिशें
सर्वोच्च न्यायालय ने पहले 2 अगस्त 2024 को नीट परीक्षा में कथित गड़बड़ियों और पेपर लीक को लेकर दायर याचिका को खारिज कर दिया था। कोर्ट ने तब कहा था कि नीट परीक्षा में कोई सिस्टेमैटिक ब्रीच नहीं हुआ था, और पेपर लीक केवल पटना और हजारी बाग में ही हुआ था। हालांकि, कोर्ट ने सरकार को परीक्षा की सुरक्षा और प्रक्रिया को और मजबूत करने की दिशा में कदम उठाने को कहा था।
इस आदेश के बाद, विशेषज्ञ समिति को नीट परीक्षा की सुरक्षा और संचालन से जुड़ी कई महत्वपूर्ण सिफारिशों का पालन करने के निर्देश दिए गए थे। इन सिफारिशों में प्रमुख थे:
- एग्जाम सेंटर की समीक्षा और अलॉटमेंट प्रक्रिया:
विशेषज्ञ समिति ने सुझाव दिया कि परीक्षा केंद्रों के अलॉटमेंट की प्रक्रिया की समीक्षा की जाए, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी केंद्रों पर परीक्षा पूरी सुरक्षा के साथ आयोजित हो। - सीसीटीवी मॉनिटरिंग:
सभी परीक्षा केंद्रों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं ताकि परीक्षा की निगरानी की जा सके और किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी को रोका जा सके। - पेपर की सुरक्षा:
परीक्षा के पेपर की सुरक्षा को लेकर भी सिफारिशें की गईं, जिसमें यह सुनिश्चित करना शामिल था कि पेपर को सुरक्षित तरीके से परीक्षा केंद्रों तक भेजा जाए। इसके लिए इलेक्ट्रॉनिक लॉक सिस्टम का उपयोग करने पर विचार किया जाएगा। - शिकायत निवारण प्रणाली:
परीक्षा में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या धोखाधड़ी की स्थिति में तत्काल शिकायत निवारण प्रणाली स्थापित की जाए, ताकि छात्रों को त्वरित न्याय मिल सके। - पेपर ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था:
पेपर को खुले ई-रिक्शा के बजाय बंद वाहन में भेजने की व्यवस्था पर विचार किया जाएगा, जिसमें रियल टाइम इलेक्ट्रॉनिक लॉक सिस्टम का इस्तेमाल किया जाएगा ताकि पेपर की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
सर्वोच्च न्यायालय का आदेश
कोर्ट ने यह भी कहा कि समिति का कार्य क्षेत्र स्पष्ट किया गया है और इसके तहत एग्जाम सिक्योरिटी और संचालन से संबंधित सभी पहलुओं की समीक्षा की जाएगी। इससे यह स्पष्ट हो गया कि सरकार को परीक्षा की प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और सुरक्षित बनाने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।
केंद्र सरकार की तत्परता
केंद्र सरकार ने इस बात की भी पुष्टि की है कि वह समिति की सिफारिशों को जल्द से जल्द लागू करने के लिए तैयार है और इस पर कार्रवाई करने के लिए आवश्यक संसाधन जुटाए जा रहे हैं। सरकार का यह कदम नीट परीक्षा को और अधिक सुरक्षित और भरोसेमंद बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
नीट परीक्षा को लेकर केंद्र सरकार की ओर से उठाए गए कदम से यह उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले समय में परीक्षा में पारदर्शिता और सुरक्षा का स्तर और बेहतर होगा। विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के लागू होने से छात्रों को परीक्षा की प्रक्रिया में अधिक विश्वास होगा और किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की स्थिति में सुधार की संभावना भी बढ़ेगी। इस प्रकार, यह कदम नीट परीक्षा के भविष्य को और अधिक मजबूती प्रदान करने के लिए एक महत्वपूर्ण दिशा में उठाया गया कदम है।