केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को भारतीय रेलवे के 101 अधिकारियों को 69वें अति विशिष्ट रेल सेवा पुरस्कार से सम्मानित किया। इस अवसर पर उन्होंने विभिन्न श्रेणियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 22 रेलवे जोनों को शील्ड भी प्रदान की। मंत्री ने पुरस्कार विजेताओं को उनके असाधारण कार्य और प्रयासों के लिए बधाई दी और भारतीय रेलवे में पिछले एक दशक में हुई महत्वपूर्ण प्रगति को साझा किया।
रेलवे में हुए परिवर्तनों की सराहना
वैष्णव ने कहा कि भारतीय रेलवे ने पिछले कुछ वर्षों में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन किए हैं। उन्होंने रेलवे के बुनियादी ढांचे के तेज़ी से निर्माण की गति और कश्मीर से कन्याकुमारी तक रेल लिंक की परियोजना को पूरा करने की उपलब्धियों का उल्लेख किया। इसके साथ ही, पूर्वोत्तर भारत की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए किए गए प्रयासों की भी सराहना की। मंत्री ने कहा कि भारतीय रेलवे के लिए 2025 तक 100 प्रतिशत विद्युतीकरण का लक्ष्य तय किया गया है, और इस दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है। उन्होंने वंदे भारत और नमो भारत जैसी प्रमुख परियोजनाओं को भी उल्लेख किया, जो रेलवे के भविष्य के दृष्टिकोण का हिस्सा हैं।
कवच सुरक्षा प्रणाली और स्टेशन पुनर्विकास
रेल मंत्री ने रेलवे की सुरक्षा प्रणाली में सुधार पर भी जोर दिया। उन्होंने बताया कि ‘कवच’ सुरक्षा प्रणाली को बड़े पैमाने पर लागू किया गया है, जो रेल दुर्घटनाओं को रोकने में सहायक साबित हो रही है। इसके अलावा, स्टेशन पुनर्विकास में भी उल्लेखनीय प्रगति हुई है, जिससे यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिल रही हैं। उन्होंने बताया कि रेलवे में दुर्घटनाओं की संख्या में भी काफी कमी आई है—जहां 2010 में 345 दुर्घटनाएं हुई थीं, वहीं अब यह संख्या घटकर 90 तक रह गई है।
स्वच्छता और भर्ती प्रक्रियाओं में सुधार
स्वच्छता पहल के बारे में बोलते हुए, वैष्णव ने बताया कि भारतीय रेलवे की स्वच्छता पहल की देशभर में सराहना हो रही है, जिसमें विपक्षी नेताओं ने भी प्रशंसा की है। इसके साथ ही, रेलवे के भर्ती प्रक्रिया में सुधार की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। उन्होंने बताया कि रेलवे ने 1.5 लाख पदों को भरने की प्रक्रिया को पूरा किया है, जिससे भर्ती प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और प्रभावी बन रही है।
नवाचार और तकनीकी सुधार पर जोर
रेल मंत्री ने नवाचार और बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि रेलवे को यात्रियों को एक विश्वस्तरीय अनुभव प्रदान करने के लिए सुरक्षा, रखरखाव, गुणवत्ता और प्रशिक्षण में तीन गुना अधिक प्रयास करने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि रेलवे विभाग ने उद्योग सहयोग, उन्नत निरीक्षण प्रणाली और अधिकारियों और तकनीशियनों के लिए बेहतर प्रशिक्षण के प्रयासों को बढ़ावा दिया है। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी घोषणा की कि रेलवे की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता बनी रहेगी और अगले वर्ष जीरो डिरेलमेंट वाली ज़ोन को शील्ड और वित्तीय पुरस्कारों से प्रोत्साहित किया जाएगा।
‘राष्ट्र प्रथम, सदाव प्रथम’ का आह्वान
वैष्णव ने रेलवे के कर्मचारियों से ‘राष्ट्र प्रथम, सदाव प्रथम’ के लोकाचार के तहत काम करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे को उत्कृष्टता का प्रतीक बनाए रखने के लिए अद्वितीय टीमवर्क और अथक प्रयास की आवश्यकता है। मंत्री ने रेलवे में उत्कृष्टता लाने के लिए अगले साल से एसएमक्यूटी (सबसे सुरक्षित, रखरखाव, गुणवत्ता और प्रशिक्षण) प्रथाओं के माध्यम से शील्ड और वित्तीय पुरस्कार देने की घोषणा की।
किफायती रेल सेवाओं के लिए प्रतिबद्धता
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और सीईओ, सतीश कुमार ने भारतीय रेलवे की किफायती और विश्वस्तरीय रेल सेवाओं के प्रति प्रतिबद्धता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि रेलवे की परियोजनाओं जैसे ‘अमृत भारत स्टेशन’, लिफ्ट, एस्केलेटर और दिव्यांगजनों के अनुकूल बुनियादी ढांचे से स्टेशनों को पूरी तरह से बदलने का प्रयास किया जा रहा है। यह कदम यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाने के साथ-साथ भारतीय रेलवे को एक और ऊंचाई पर पहुंचाने में मदद करेगा।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भारतीय रेलवे के कर्मचारियों के समर्पण और प्रयासों की सराहना की और रेलवे की भविष्यवाणी को लेकर कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की। रेलवे के बुनियादी ढांचे, सुरक्षा, स्वच्छता, और नवाचार में सुधार की दिशा में उठाए गए कदम भारतीय रेलवे के लिए सकारात्मक बदलाव साबित हो सकते हैं। इस मौके पर, रेलवे ने अपनी कार्य संस्कृति और यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए कई नई पहलें शुरू करने का संकल्प लिया है।