7 लोगों की मौत, 12 से अधिक गंभीर घायल; अल्मोड़ा से रामनगर जा रही थी बस

नैनीताल। उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में मंगलवार सुबह एक दर्दनाक सड़क हादसे ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया। यात्रियों से भरी एक बस अनियंत्रित होकर करीब 160 फीट गहरी खाई में जा गिरी। इस भयावह दुर्घटना में अब तक 7 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 12 से ज्यादा यात्री गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं। हादसे के बाद मौके पर चीख-पुकार मच गई और पहाड़ी क्षेत्र में अफरा-तफरी का माहौल बन गया।

यह दुर्घटना भिकियासैंण-रामनगर मार्ग पर शीलापानी क्षेत्र में विनायक के पास सुबह करीब 8 बजे हुई। बताया गया है कि बस द्वाराहाट-भिकियासैंण-बासोट होते हुए रामनगर की ओर जा रही थी। इसी दौरान पहाड़ी मोड़ पर चालक का बस से अचानक नियंत्रण हट गया और बस सीधे गहरी खाई में समा गई।

हादसे की सूचना से मचा हड़कंप, तुरंत शुरू हुआ रेस्क्यू

घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासन और पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। स्थानीय पुलिस के साथ एसडीआरएफ की टीम तत्काल मौके पर पहुंची। दुर्गम और खड़ी पहाड़ी ढलान होने के कारण राहत एवं बचाव कार्य में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। इसके बावजूद एसडीआरएफ, पुलिस और स्थानीय ग्रामीणों ने मिलकर रेस्क्यू अभियान शुरू किया।

ग्रामीणों ने रस्सियों और अस्थायी साधनों की मदद से खाई में उतरकर घायलों को बाहर निकाला। कई यात्री बस के अंदर फंसे हुए थे, जिन्हें निकालने में घंटों मशक्कत करनी पड़ी। हादसे की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बस के परखच्चे उड़ गए और यात्री दूर-दूर तक जा गिरे।

घायलों का इलाज जारी, गंभीरों को एयरलिफ्ट की तैयारी

हादसे में घायल यात्रियों को प्राथमिक उपचार के लिए भिकियासैंण के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं दो गंभीर घायलों को रामनगर स्थित राम दत्त जोशी राजकीय संयुक्त चिकित्सालय भेजा गया है। प्रशासन के अनुसार जिन यात्रियों की हालत बेहद नाजुक है, उन्हें एयरलिफ्ट कर एम्स ऋषिकेश ले जाने की तैयारी की जा रही है। डॉक्टरों का कहना है कि कई घायलों को सिर, रीढ़ और अंदरूनी चोटें आई हैं, जिससे उनकी हालत चिंताजनक बनी हुई है। मृतकों की पहचान की प्रक्रिया भी जारी है और प्रशासन परिजनों को सूचना देने में जुटा है। 

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पहाड़ी सड़कों पर सुरक्षा व्यवस्था पर फिर उठे सवाल

यह हादसा एक बार फिर उत्तराखंड की पहाड़ी सड़कों पर यात्री सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े करता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस मार्ग पर पहले भी कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। संकरी सड़कें, तीखे मोड़ और सुरक्षा रेलिंग की कमी के कारण ऐसे हादसे बार-बार सामने आ रहे हैं।

प्रशासनिक स्तर पर हादसे के कारणों की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार चालक द्वारा नियंत्रण खोना हादसे की मुख्य वजह मानी जा रही है, हालांकि तकनीकी खराबी या सड़क की स्थिति की भी जांच की जा रही है।

शोक और संवेदना, जांच के निर्देश

हादसे के बाद पूरे इलाके में शोक का माहौल है। प्रशासन ने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की हैं और घायलों के समुचित इलाज का भरोसा दिलाया है। साथ ही, भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए सड़क सुरक्षा और परिवहन व्यवस्था की समीक्षा करने की बात कही गई है।

यह दुर्घटना न केवल कई परिवारों के लिए अपूरणीय क्षति लेकर आई है, बल्कि पहाड़ी क्षेत्रों में सुरक्षित परिवहन व्यवस्था की सख्त जरूरत को भी उजागर करती है।