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February 5, 2025 10:23 AM

चीनी टेक्नोलॉजी को किया मॉडिफाई, रोबोट करने लगा नमस्ते

31वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस: रोबोट ने सीखा नमस्ते, छात्रों के अनोखे मॉडल बने आकर्षण"

31वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस में चर्चा में हैं छात्रों के अनूठे मॉडल

भोपाल: मध्य प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद और राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद के संयुक्त तत्वावधान में 31वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का आयोजन किया जा रहा है। यह विज्ञान मेला रवीन्द्र भवन परिसर में 6 जनवरी तक चलेगा। इसमें स्कूली छात्रों ने अपने अभिनव और अनूठे मॉडलों का प्रदर्शन किया।

चीन के रोबोट को सिखाया नमस्ते और डांस

आइशर भोपाल के रिसर्च स्कॉलर शिवेंद्र नाथ मिश्रा ने चीनी तकनीक का इस्तेमाल कर कॉर्डरुफ्ट रोबोट को मॉडिफाई किया। उन्होंने बताया कि यह रोबोट डिजास्टर मैनेजमेंट और डिफेंस सेक्टर में उपयोगी हो सकता है। रोबोट के पार्ट्स चीन की एक कंपनी से मंगवाए गए और रिवर्स इंजीनियरिंग के जरिए इसे तैयार किया गया। मॉडिफिकेशन के बाद यह रोबोट भारतीय संस्कृति को दर्शाते हुए कमर घुमा कर इंडियन डांस और हाथ जोड़कर नमस्ते करने लगा।

पराली जलाने से प्रदूषण रोकने की तकनीक

सागर पब्लिक स्कूल के छात्रों सिकंदर खान और अभिज्ञान प्रताप सिंह ने पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए एक स्टेबल बर्नर बनाया। यह मशीन फसल कटाई के बाद उपयोग की जाती है। इसके हीटर से फसल की जड़ें जलाई जाती हैं और ऐग्जास्ट फैन से अनबर्न पार्टिकल्स को खींचकर फिल्टर में इकट्ठा किया जाता है। इस मशीन को चलाने के लिए सोलर पैनल का उपयोग किया गया है।

बच्चों की सुरक्षा के लिए स्मार्ट बैग

सागर पब्लिक स्कूल की छात्राओं दिया मनवानी, वान्या हिरानी, और सैयर कर्द अहमद ने छोटे बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक स्मार्ट बैग डिज़ाइन किया है। यह बैग किताबों का वजन मापने के साथ-साथ बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है। बैग में एक एसओएस स्विच लगाया गया है, जिसे खतरे की स्थिति में दबाने पर जीपीएस के माध्यम से तुरंत पेरेंट्स को नोटिफिकेशन भेजा जा सकता है। इस स्मार्ट बैग में जीपीएस, वेट मॉनिटरिंग सिस्टम और आरडीनो जैसी तकनीकों का उपयोग किया गया है।

एनर्जी प्रोडक्शन की नई तकनीक

महर्षि विद्या मंदिर के छात्र नैतिक राज सिंह ने हाइड्रोलिक री-जेनरेट सिस्टम का मॉडल पेश किया। उन्होंने बताया कि इस तकनीक का उपयोग वंदे भारत जैसी ट्रेनों में किया जाता है। इसमें ब्रेक लगाने पर गाड़ी की एनर्जी व्यर्थ जाने के बजाय डायनमो के जरिए एनर्जी प्रोड्यूस की जाती है। यह सिस्टम एनर्जी दक्षता को बढ़ाने में मदद करता है।

छात्रों के इनोवेशन की सराहना

विज्ञान मेले में प्रदर्शित इन मॉडलों को शिक्षाविदों और वैज्ञानिकों से सराहना मिली। आयोजकों ने बताया कि ऐसे कार्यक्रमों से बच्चों में इनोवेशन और विज्ञान के प्रति रुचि बढ़ती है। छात्रों के ये प्रोजेक्ट देश की जरूरतों और समस्याओं को सुलझाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।

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