टोक्यो विश्व चैंपियनशिप 2025: नीरज चोपड़ा की अगुआई में भारत के चार भाला फेंक खिलाड़ी उतरेंगे मैदान में
अगले महीने टोक्यो में होने वाली विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप भारतीय भाला फेंक खिलाड़ियों के लिए ऐतिहासिक होने जा रही है। पहली बार देश के चार खिलाड़ी एक साथ इस वैश्विक प्रतियोगिता में उतरेंगे। टीम की अगुवाई करेंगे ओलंपिक स्वर्ण और रजत पदक विजेता नीरज चोपड़ा, जिनके दमदार प्रदर्शन ने पिछले कुछ वर्षों में भारत को एथलेटिक्स की दुनिया में नई पहचान दिलाई है।
भारतीय टीम की घोषणा
भारतीय एथलेटिक्स महासंघ ने रविवार को 19 सदस्यीय टीम की घोषणा की, जिसमें पुरुष भाला फेंक में चार खिलाड़ियों का चयन विशेष रूप से चर्चा का विषय बना। नीरज चोपड़ा के साथ-साथ सचिन यादव, यशवीर सिंह और रोहित यादव को भी जगह मिली है। यह संख्या किसी एक इवेंट में सबसे अधिक भारतीय खिलाड़ियों की भागीदारी को दर्शाती है।

रोहित यादव की वापसी
दिलचस्प बात यह रही कि शुरुआती 36 खिलाड़ियों के समूह में शामिल न हो पाने के बावजूद रोहित यादव को अंततः विश्व एथलेटिक्स से आमंत्रण मिला। इसका कारण यह रहा कि विश्व रैंकिंग में उनसे ऊपर के कुछ एथलीटों ने प्रतियोगिता से नाम वापस ले लिया। पिछले संस्करण में भी रोहित ने क्वालिफाई किया था, लेकिन चोट की वजह से मैदान में नहीं उतर सके। इस बार वे अपनी प्रतिभा साबित करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
पिछली विश्व चैंपियनशिप का प्रदर्शन
भारत के लिए पिछली विश्व चैंपियनशिप, जो 2023 में बुडापेस्ट में हुई थी, बेहद यादगार रही। नीरज चोपड़ा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक जीता और इतिहास रच दिया। वहीं, किशोर जेना और डीपी मनु भी फाइनल तक पहुंचे और क्रमश: पांचवें और छठे स्थान पर रहे। यह उपलब्धि भारत में भाला फेंक को नई ऊंचाइयों पर ले गई और युवाओं में इस खेल के प्रति रुचि भी बढ़ी।
भाला फेंक में बढ़ती भारतीय ताकत
भाला फेंक एक ऐसा खेल है, जिसमें भारत ने हाल के वर्षों में अपनी सबसे मजबूत पकड़ बनाई है। नीरज चोपड़ा की लगातार उपलब्धियों ने न सिर्फ देशवासियों का आत्मविश्वास बढ़ाया, बल्कि अन्य खिलाड़ियों को भी प्रेरित किया। सचिन यादव और यशवीर सिंह जैसे युवा खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन कर इस मुकाम तक पहुंच बनाई है।
टोक्यो में उम्मीदें
13 से 21 सितंबर तक होने वाली इस विश्व चैंपियनशिप में भारत की निगाहें नीरज चोपड़ा पर तो रहेंगी ही, लेकिन बाकी तीन खिलाड़ियों से भी अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही है। विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर सबकुछ योजना के मुताबिक रहा तो भारत इस बार भाला फेंक में एक से अधिक पदक जीतकर नया इतिहास रच सकता है।
एथलेटिक्स में क्रांति की झलक
नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक (2021) में स्वर्ण पदक जीतकर भारत के एथलेटिक्स इतिहास का सबसे सुनहरा पन्ना लिखा था। इसके बाद से एथलेटिक्स में देश की स्थिति लगातार बेहतर होती जा रही है। टोक्यो में भारतीय टीम की मौजूदगी इसी बदलाव का प्रतिबिंब है। यह न सिर्फ खिलाड़ियों की मेहनत बल्कि देश में खेल सुविधाओं और प्रशिक्षण के स्तर में हुए सुधार का भी नतीजा है।
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