नेवा पर तीसरी राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस: ‘वन नेशन, वन एप्लिकेशन’ से विधायिकाओं को मिलेगी नई रफ्तार
नई दिल्ली, 29 अक्टूबर। भारत की विधायिकाओं को डिजिटल और पेपरलेस बनाने की दिशा में एक और अहम कदम उठाते हुए संसदीय कार्य मंत्रालय गुरुवार को संसद भवन एनेक्सी में राष्ट्रीय ई-विदान एप्लिकेशन (नेवा) पर तीसरी राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस आयोजित करेगा। इस कॉन्फ्रेंस में देशभर से 100 से अधिक प्रतिनिधि भाग लेंगे। इसका उद्देश्य ‘वन नेशन, वन एप्लिकेशन’ की अवधारणा को साकार करना और विधान संस्थाओं में प्रौद्योगिकी के माध्यम से पारदर्शिता तथा दक्षता को बढ़ाना है।
डिजिटल इंडिया मिशन के तहत एक महत्वपूर्ण पहल
‘नेवा’ (National e-Vidhan Application) परियोजना, डिजिटल इंडिया मिशन की 44 मिशन मोड परियोजनाओं में से एक है। इस परियोजना का उद्देश्य देश की सभी विधानसभाओं को एक ही डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाना है, जिससे न केवल कार्यवाही पारदर्शी बने बल्कि दस्तावेज़ों के डिजिटलीकरण से पेपरलेस गवर्नेंस को भी बढ़ावा मिले। यह पहल ‘वन नेशन, वन एप्लिकेशन’ के सिद्धांत को सशक्त बनाती है, जिसके माध्यम से सभी विधानसभाएं एकीकृत प्रणाली के तहत काम करेंगी।
प्रमुख नेताओं की उपस्थिति
संसदीय कार्य मंत्रालय के अनुसार, इस सम्मेलन में केंद्रीय संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरन रिजिजू मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। उनके साथ संसदीय कार्य और सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन भी उपस्थित रहेंगे। सम्मेलन में देशभर के विभिन्न राज्यों की विधानसभाओं के सचिव, नोडल अधिकारी और संबंधित विभागों के वरिष्ठ प्रतिनिधि भाग लेंगे, जो अपने-अपने राज्यों में नेवा परियोजना के क्रियान्वयन की निगरानी कर रहे हैं।
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कृत्रिम बुद्धिमत्ता से होगी प्रक्रिया और सुगम
इस सम्मेलन में प्रतिभागी कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और अन्य डिजिटल प्रौद्योगिकियों के उपयोग पर विचार-विमर्श करेंगे। चर्चा इस बात पर केंद्रित रहेगी कि किस प्रकार एआई और डेटा एनालिटिक्स का प्रयोग करके विधान प्रक्रियाओं को अधिक पारदर्शी, समयबद्ध और नागरिक-केंद्रित बनाया जा सकता है।
साथ ही, प्रतिभागी उन तकनीकी और प्रशासनिक चुनौतियों पर भी चर्चा करेंगे जो राज्यों में नेवा प्लेटफॉर्म लागू करते समय सामने आई हैं। वे अपने अनुभव साझा करेंगे और सफल मॉडलों को देशभर में लागू करने के सुझाव देंगे।
पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा में बड़ा कदम
संसदीय कार्य मंत्रालय ने कहा कि नेवा परियोजना के माध्यम से भारत की विधानसभाओं को पूर्णतः डिजिटल, पारदर्शी और कुशल प्रणाली में बदलने का लक्ष्य रखा गया है। यह परियोजना विधायी कार्यों में पारदर्शिता लाने के साथ-साथ दस्तावेज़ों के भंडारण और संचार की प्रक्रिया को आधुनिक बना रही है। इससे न केवल पर्यावरण की रक्षा होगी बल्कि संसाधनों की बचत और कार्यकुशलता में भी वृद्धि होगी।
राज्यों की प्रगति रिपोर्ट होगी साझा
सम्मेलन के दौरान विभिन्न राज्य और केंद्रशासित प्रदेश अपने-अपने क्षेत्रों में नेवा परियोजना के कार्यान्वयन की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। साथ ही वे बताएंगे कि किस प्रकार इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से उनकी विधानसभा के कामकाज में सुधार आया है। मंत्रालय का मानना है कि यह सम्मेलन अनुभव साझा करने और भविष्य की रणनीति तय करने में सहायक सिद्ध होगा।
डिजिटल लोकतंत्र की दिशा में भारत की पहल
‘नेवा’ केवल एक तकनीकी परियोजना नहीं, बल्कि लोकतंत्र को और सशक्त बनाने का एक प्रयास है। इससे विधायकों को सदन की कार्यवाही, विधेयक, प्रश्नोत्तर और अन्य दस्तावेज़ों की डिजिटल पहुंच मिलेगी, जिससे निर्णय लेने की प्रक्रिया तेज और प्रभावी बनेगी।
संसदीय कार्य मंत्रालय ने कहा कि यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘डिजिटल इंडिया’ और ‘सशक्त लोकतंत्र’ की दृष्टि को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। मंत्रालय को विश्वास है कि ‘वन नेशन, वन एप्लिकेशन’ की यह सोच भारत की विधान संस्थाओं को तकनीकी रूप से एक नए युग में प्रवेश दिलाएगी।
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