थराली में बादल फटा, 90 परिवार प्रभावित | आपदा प्रभावितों ने जताई नाराजगी, धामी ने दिए राहत के भरोसे
चमोली। उत्तराखंड में आपदाओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। उत्तरकाशी में हाल ही में बादल फटने से तबाही मचने के कुछ ही दिन बाद चमोली जिले के थराली तहसील में शुक्रवार देर रात फिर बादल फटने की घटना ने लोगों को दहला दिया। इस आपदा से करीब 90 परिवार प्रभावित हुए हैं। कई घरों और खेतों को नुकसान पहुंचा है। प्रशासन की टीम राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई है।
रविवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी प्रभावित क्षेत्र का जायजा लेने पहुंचे। लेकिन इस दौरान प्रभावित ग्रामीणों ने कड़ी नाराजगी जताई। कई महिलाएं तो मुख्यमंत्री के काफिले की गाड़ी के आगे बैठ गईं और प्रशासन के खिलाफ अपना आक्रोश प्रकट किया। बाद में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हें समझाइश देकर हटाया।
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आपदा प्रभावितों से मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री धामी ने लोगों को राहत राशि के चेक बांटे और हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि सरकार आपदा प्रभावित परिवारों को अकेला नहीं छोड़ेगी। राज्य सरकार ने प्रभावित परिवारों के पुनर्वास और मुआवजे की पूरी जिम्मेदारी ली है।
इसके बाद मुख्यमंत्री धामी राहत शिविर पहुंचे, जहां उन्होंने पीड़ित परिवारों से उनकी समस्याएं सुनीं। ग्रामीणों ने साफ कहा कि प्रशासन सिर्फ दिखावे की कार्रवाई कर रहा है, लेकिन उन्हें जमीन पर तत्काल मदद की जरूरत है। कई ग्रामीणों ने शिकायत की कि अब तक उन्हें न तो सही राहत सामग्री मिली है और न ही रहने की कोई उचित व्यवस्था।
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मुख्यमंत्री धामी ने प्रशासन को निर्देश दिया कि प्रभावितों को तत्काल अस्थायी आवास, भोजन, स्वच्छ पानी और चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाए। साथ ही उन्होंने प्रभावित गांवों में हुए नुकसान का विस्तृत सर्वेक्षण कराने और शीघ्र रिपोर्ट तैयार करने के आदेश दिए।
थराली का यह बादल फटना उत्तराखंड में लगातार बढ़ रही प्राकृतिक आपदाओं पर भी सवाल खड़े कर रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि अनियोजित विकास, नदी-नालों में अतिक्रमण और जलवायु परिवर्तन की वजह से प्रदेश में आपदाओं की आवृत्ति और तीव्रता बढ़ रही है। वहीं, प्रभावित ग्रामीणों का कहना है कि सरकार को केवल तात्कालिक राहत पर नहीं, बल्कि दीर्घकालिक समाधान और सुरक्षित पुनर्वास पर ध्यान देना होगा।
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