- 5 आईईडी-वायरलेस सेट बरामद; पाकिस्तान को चिनाब का पानी देने वाले 2 डैम के गेट बंद
पहलगाम/नई दिल्ली । जम्मू-कश्मीर के पुंछ ज़िले में सोमवार को एक बड़ी आतंकरोधी कार्रवाई के तहत सुरक्षा बलों ने सुरनकोट तहसील के मारहोट गांव में आतंकियों का छिपा हुआ ठिकाना खोज निकाला। तलाशी के दौरान वहां से 5 आईईडी, वायरलेस सेट और संदिग्ध कपड़े बरामद किए गए हैं। यह इलाका लंबे समय से आतंकी गतिविधियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह माना जा रहा था। इस कार्रवाई के बाद जम्मू स्थित कोट बलवाल जेल और श्रीनगर सेंट्रल जेल की सुरक्षा तत्काल प्रभाव से बढ़ा दी गई है। इन जेलों में कई खूंखार आतंकी बंद हैं, जिनके बाहरी नेटवर्क के सक्रिय होने की आशंका जताई जा रही है। खुफिया इनपुट मिलने के बाद NIA ने कोट बलवाल जेल में लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े दो ओवरग्राउंड वर्कर्स निसार अहमद और मुश्ताक हुसैन से सघन पूछताछ शुरू कर दी है। दोनों पर 2023 के डांगरी हमले में आतंकियों को रसद व पनाह देने का आरोप है। अब शक जताया जा रहा है कि पहलगाम आतंकी हमले में भी इनकी भूमिका रही हो सकती है। इस घटनाक्रम के बीच जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने एक अहम रणनीतिक निर्णय लेते हुए चिनाब नदी पर स्थित दो प्रमुख डैम — बागलिहार और सलाल — के गेट बंद कर दिए हैं, जिससे पाकिस्तान की ओर बहने वाला पानी तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है। ये दोनों बांध भारत की ऊर्जा सुरक्षा और सामरिक दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण हैं। बता दें कि भारत पहले ही सिंधु जल संधि को लेकर पुनर्विचार की प्रक्रिया में है, और पहलगाम हमले के बाद इस पर कार्रवाई और तेज़ हो गई है। भारत के इस जल कूटनीति कदम से पाकिस्तान की चिंता और बढ़ गई है। वहां की सरकार इसे एकतरफा कार्रवाई मान रही है, जबकि भारत इसे अपनी सुरक्षा और संप्रभुता का विषय बता रहा है। सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में आतंक के हर नेटवर्क को तोड़ने के लिए केंद्र सरकार और सख्त रणनीति अपना सकती है।
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