हैदराबाद। तेलंगाना के नागरकुर्नूल जिले में श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) टनल में हुए हादसे के बाद से 8 मजदूर बीते 24 घंटों से फंसे हुए हैं। एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) और एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) की टीमें लगातार बचाव अभियान चला रही हैं, लेकिन सुरंग के अंदर बढ़ते पानी और कीचड़ के कारण राहत कार्य में भारी दिक्कत आ रही है।
कैसे हुआ हादसा?
यह हादसा 22 फरवरी की सुबह करीब 8:30 बजे हुआ, जब टनल के एंट्री पॉइंट से 14 किलोमीटर अंदर सुरंग की छत का लगभग 3 मीटर हिस्सा अचानक ढह गया।
हादसे के वक्त टनल में करीब 60 मजदूर काम कर रहे थे, जिनमें से अधिकांश तुरंत बाहर निकलने में सफल रहे। हालांकि, टनल बोरिंग मशीन (TBM) चला रहे 8 कर्मचारी फंस गए, जिनमें शामिल हैं:
- 2 इंजीनियर
- 2 मशीन ऑपरेटर
- 4 मजदूर
रेस्क्यू ऑपरेशन में आ रही हैं दिक्कतें
टनल के अंदर भारी मात्रा में पानी भर गया है, जिससे बचाव कार्य प्रभावित हो रहा है। एनडीआरएफ अधिकारियों के मुताबिक, जब उन्होंने सुरंग के अंदर आवाज लगाई, तो कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला।
- टनल में घुटनों तक कीचड़ जमा हो गया है, जिससे बचाव दल का आगे बढ़ना मुश्किल हो रहा है।
- मजदूरों तक ऑक्सीजन पहुंचाने की कोशिश की जा रही है।
- पानी निकालने के लिए 100 हॉर्स पावर का हाई-केपेसिटी पंप मंगवाया गया है।
- एनडीआरएफ के 145 और एसडीआरएफ के 120 जवानों को बचाव कार्य में लगाया गया है।
- सेना की इंजीनियर रेजिमेंट (सिकंदराबाद स्थित इन्फैंट्री डिवीजन का हिस्सा) को भी स्टैंडबाय पर रखा गया है।
रेस्क्यू ऑपरेशन में अब तक क्या हुआ?
- ट्रैकिंग और ऑक्सीजन सप्लाई
- सुरंग में ऑक्सीजन पाइप डाला गया है ताकि फंसे हुए मजदूरों को सांस लेने में दिक्कत न हो।
- विशेषज्ञ टीमें मजदूरों के संभावित ठिकानों का पता लगाने के लिए साउंड वेव और हीट सेंसर तकनीक का उपयोग कर रही हैं।
- पानी निकालने की प्रक्रिया
- सुरंग में लगभग 3-4 फीट तक पानी भर गया है।
- बचाव कार्य को सुचारु करने के लिए हाई-कैपेसिटी पंप लगाया जा रहा है, जिससे पानी को बाहर निकाला जाएगा।
- मशीन का मलबे में फंसा होना सबसे बड़ी चुनौती
- टनल बोरिंग मशीन (TBM) भारी मलबे के नीचे फंसी है, और मजदूर इसी मशीन के पास थे।
- मशीन को हटाना या उसके चारों ओर सुरंग बनाना बचाव टीम के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गया है।
सेना और प्रशासन की बड़ी तैयारी
- बचाव कार्य में हैदराबाद से विशेष इंजीनियरिंग विशेषज्ञों की टीम को बुलाया गया है।
- स्थानीय प्रशासन ने घटनास्थल के आसपास ट्रैफिक और सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है।
- एनडीआरएफ और सेना के जवान दूसरे वैकल्पिक रास्ते से टनल के अंदर जाने की कोशिश कर रहे हैं।
परिवारों की बढ़ती चिंता, मजदूरों के लिए प्रार्थना
फंसे हुए मजदूरों के परिवार घटनास्थल पर पहुंच गए हैं और उनके सुरक्षित बाहर आने की प्रार्थना कर रहे हैं। प्रशासन ने परिवारों को बचाव अभियान की पूरी जानकारी देने का भरोसा दिलाया है।
अधिकारियों का बयान
एनडीआरएफ प्रमुख का कहना है:
“टनल में जाने का कोई सीधा रास्ता नहीं है। कीचड़ और पानी के कारण बचाव अभियान धीमा हो गया है, लेकिन हम पूरी ताकत से काम कर रहे हैं।”
तेलंगाना सरकार के मंत्री का बयान:
“हम लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन की निगरानी कर रहे हैं। सभी मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए हरसंभव कोशिश की जा रही है।”
अब तक की स्थिति:
✅ रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
✅ 100 हॉर्स पावर पंप मंगवाया गया
✅ टनल में ऑक्सीजन सप्लाई की जा रही है
✅ सेना और इंजीनियरिंग टीम स्टैंडबाय पर
✅ परिवार घटनास्थल पर मौजूद
आगे क्या होगा?
- बचाव दल अब दूसरी तरफ से खुदाई कर मजदूरों तक पहुंचने का प्रयास कर रहा है।
- पानी निकालने के लिए हेवी-ड्यूटी पंप का उपयोग किया जाएगा।
- अगले 12-24 घंटे में बचाव अभियान और तेज किए जाने की संभावना है।
टनल हादसे में फंसे मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए बचाव दल हरसंभव प्रयास कर रहा है। पानी, कीचड़ और मलबे की वजह से ऑपरेशन चुनौतीपूर्ण बना हुआ है, लेकिन एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सेना की संयुक्त कोशिशों से जल्द ही मजदूरों को सुरक्षित निकाले जाने की उम्मीद है। पूरा देश उनके सुरक्षित बाहर आने की कामना कर रहा है।