- इंडिगो की फ्लाइट और हैदराबाद से तिरुपति जा रही स्पाइसजेट की फ्लाइट उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद लौट आईं।
नई दिल्ली। देश की प्रमुख विमान सेवाओं में तकनीकी खामियों और परिचालन गड़बड़ियों का सिलसिला थम नहीं रहा है। गुरुवार को दिल्ली से लेह जा रही इंडिगो की फ्लाइट और हैदराबाद से तिरुपति जा रही स्पाइसजेट की फ्लाइट उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद लौट आईं। वहीं, बीते छह दिनों में एयर इंडिया को 66 उड़ानें रद्द करनी पड़ी हैं, जिनमें अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट्स की संख्या अधिक है। DGCA ने इस स्थिति को गंभीरता से लिया है।
गुरुवार को दो फ्लाइट्स की इमरजेंसी वापसी
इंडिगो फ्लाइट 6E 2006, जो दिल्ली से लेह जा रही थी, तकनीकी खराबी के चलते उड़ान भरने के बाद वापस दिल्ली लौट आई। इस फ्लाइट में क्रू समेत कुल 180 लोग सवार थे। स्पाइसजेट की फ्लाइट SG 2696 हैदराबाद से तिरुपति के लिए रवाना हुई थी, लेकिन टेकऑफ के 10 मिनट बाद पायलट को पिछले दरवाजे में खराबी का संकेत मिला। तुरंत निर्णय लेकर विमान को हैदराबाद एयरपोर्ट पर सुरक्षित लाया गया। इसमें 80 यात्री सवार थे।
एअर इंडिया की कई अंतरराष्ट्रीय उड़ानें प्रभावित
- बुधवार को एयर इंडिया को तीन प्रमुख फ्लाइट्स रद्द करनी पड़ीं:
- दिल्ली-बाली फ्लाइट (AI2145) को बाली एयरपोर्ट के पास ज्वालामुखी विस्फोट की खबरों के कारण आधे रास्ते से वापस बुला लिया गया।
- टोरंटो-दिल्ली (AI188) की फ्लाइट को क्रू ड्यूटी लिमिट और मेंटेनेंस के कारण टेकऑफ से पहले ही रद्द करना पड़ा।
- दुबई-दिल्ली (AI996) उड़ान भी तकनीकी कारणों से रद्द हुई, यात्रियों को विमान से उतारना पड़ा।
17 जून को सात अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रद्द
17 जून को एयर इंडिया ने अहमदाबाद-लंदन, दिल्ली-पेरिस, दिल्ली-वियना, लंदन-अमृतसर, दिल्ली-दुबई, बेंगलुरु-लंदन और सैन फ्रांसिस्को-मुंबई जैसी सात प्रमुख अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रद्द कीं।

12-17 जून: एयर इंडिया की 66 उड़ानें रद्द
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के अनुसार, 12 से 17 जून के बीच एयर इंडिया को अपने बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमानों में तकनीकी समस्याओं के चलते 66 उड़ानें रद्द करनी पड़ीं। हालांकि जांच में किसी बड़ी सुरक्षा चूक की पुष्टि नहीं हुई, लेकिन DGCA ने एयरलाइन को साफ निर्देश दिए हैं:
- विमान सुरक्षा के मानकों को सख्ती से लागू करें
- मेंटेनेंस को प्राथमिकता दें
- सभी फ्लाइट्स का समय पर डिपार्चर सुनिश्चित करें
यात्रियों की परेशानी बढ़ी, भरोसे की चुनौती
लगातार रद्द हो रहीं फ्लाइट्स और टेक्निकल फॉल्ट से यात्रियों में असंतोष और चिंता का माहौल है। एयरलाइंस की तकनीकी तैयारी, ऑपरेशनल निगरानी और यात्रियों की सुरक्षा नीति पर सवाल उठ रहे हैं।