October 16, 2025 5:44 AM

टीसीए कल्याणी ने संभाला महालेखा नियंत्रक का पद, बनीं 29वीं अधिकारी

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टीसीए कल्याणी ने संभाला महालेखा नियंत्रक का पद, बनीं 29वीं अधिकारी

नई दिल्ली। भारतीय सिविल लेखा सेवा (आईसीएएस) की वरिष्ठ अधिकारी टीसीए कल्याणी ने सोमवार को भारत सरकार के महालेखा नियंत्रक (Comptroller General of Accounts – CGA) का पदभार संभाल लिया। वे इस पद पर आसीन होने वाली 29वीं अधिकारी बनी हैं।

विभिन्न मंत्रालयों में रहा महत्वपूर्ण योगदान

टीसीए कल्याणी 1991 बैच की अधिकारी हैं और अब तक उन्होंने भारत सरकार के कई अहम मंत्रालयों में अपनी सेवाएं दी हैं। इनमें रक्षा, दूरसंचार, उर्वरक, वित्त, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, सूचना एवं प्रसारण तथा गृह मंत्रालय शामिल हैं। अपनी सेवा अवधि के दौरान उन्होंने लेखा और वित्तीय प्रबंधन के साथ-साथ पारदर्शिता एवं दक्षता बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग को भी प्रोत्साहित किया।

गृह मंत्रालय में निभाई बड़ी जिम्मेदारी

महालेखा नियंत्रक बनने से पहले कल्याणी प्रधान मुख्य लेखा नियंत्रक (Principal CCA) के रूप में गृह मंत्रालय में कार्यरत थीं। यहां वे भारत सरकार के सबसे बड़े मंत्रालयों में से एक के बजट और लेखा-जोखा की देखरेख कर रही थीं। उनकी कुशलता और अनुभव ने उन्हें इस नई जिम्मेदारी तक पहुँचाया है।

शैक्षणिक उपलब्धियां

टीसीए कल्याणी ने दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्री राम कॉलेज से राजनीति विज्ञान में स्नातक की डिग्री प्राप्त की है, जहाँ उन्हें स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। इसके बाद उन्होंने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) से अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में एमए और पश्चिमी यूरोपीय अध्ययन में एमफिल की डिग्री हासिल की।

34 वर्षों का अनुभव और नीतिगत योगदान

कल्याणी के पास सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन, लेखांकन, प्रशासन और शासन में 34 वर्षों से अधिक का अनुभव है। उन्होंने प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) योजना को लागू करने में अहम भूमिका निभाई, जिसके तहत किसानों को उर्वरक सब्सिडी सीधे उनके खातों में पहुंचाई जाती है। इस योजना ने पारदर्शिता और भ्रष्टाचार-मुक्त व्यवस्था को मजबूत बनाने में योगदान दिया।

वित्त मंत्रालय का बयान

वित्त मंत्रालय ने कल्याणी की नियुक्ति पर कहा कि उन्होंने सार्वजनिक सेवा वितरण में सुधार, डिजिटल तकनीक के उपयोग और पारदर्शिता सुनिश्चित करने में लगातार नेतृत्वकारी भूमिका निभाई है। मंत्रालय ने उम्मीद जताई कि उनके नेतृत्व में लेखा प्रणाली और अधिक आधुनिक, पारदर्शी और कुशल बनेगी।


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