October 14, 2025 8:59 PM

डेटा आधारित निवेश की कला : सिस्टमैटिक एक्टिव इक्विटी से भविष्य की दिशा तय करेगा निवेश का नया युग

systematic-active-equity-data-driven-investment-future

डेटा आधारित निवेश की कला : सिस्टमैटिक एक्टिव इक्विटी से निवेश का भविष्य

द्वारा : कोमल नारंग, चीफ क्लाइंट ऑफिसर, जियोब्लैकरॉक, एसेट मैनेजमेंट कंपनी

नई दिल्ली।
भारत का इक्विटी मार्केट अब एक नए और अधिक तकनीक-प्रेरित युग में प्रवेश कर रहा है। बढ़ती निवेशक भागीदारी, डिजिटल इकोसिस्टम की मजबूती और आंकड़ों तक आसान पहुंच ने निवेश की सोच को पूरी तरह बदल दिया है। आज निवेशक न केवल मुनाफे की तलाश में हैं, बल्कि वे अपने निवेश में अनुशासन, नियमितता और डेटा आधारित निर्णय चाहते हैं। इसी परिवर्तित माहौल में जियोब्लैकरॉक ने निवेश की एक नई अवधारणा प्रस्तुत की है — सिस्टमैटिक एक्टिव इक्विटी (SAE), जिसे भविष्य की निवेश रणनीति के रूप में देखा जा रहा है।


सिस्टमैटिक एक्टिव इक्विटी क्या है?

सिस्टमैटिक एक्टिव इक्विटी (SAE) एक ऐसी निवेश पद्धति है जो सोच में एक्टिव (सक्रिय) है, लेकिन इसके क्रियान्वयन का तरीका सिस्टमैटिक (व्यवस्थित) है।
यह पारंपरिक एक्टिव और पैसिव फंड्स के बीच का एक नया मार्ग प्रस्तुत करता है। पारंपरिक एक्टिव फंड प्रायः प्रबंधकों के अनुभव और निर्णयों पर निर्भर रहते हैं, जबकि पैसिव फंड किसी इंडेक्स की नकल करते हैं। SAE इन दोनों के बीच संतुलन बनाता है — यह डेटा और तकनीक आधारित निर्णयों के जरिए एक एक्टिव पोर्टफोलियो बनाता है जो जानबूझकर बेंचमार्क से अलग हो।

उदाहरण के तौर पर, यदि किसी इंडेक्स में 500 कंपनियों के शेयर शामिल हैं, तो SAE उनमें से केवल 120–130 शेयरों का चयन करेगा। यह चयन किसी अनुमान पर नहीं, बल्कि ठोस आंकड़ों और वैकल्पिक डेटा पर आधारित होता है — जैसे उपभोक्ता व्यवहार, ऑनलाइन खरीदारी, रोजगार के रुझान और डिजिटल गतिविधियों के संकेत।


क्यों है SAE निवेश का भविष्य?

SAE की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह निर्णयों को भावनाओं या अटकलों पर नहीं, बल्कि रीयल-टाइम डेटा एनालिसिस पर आधारित करता है।
पारंपरिक फंड्स में जब तक कंपनियों के तिमाही नतीजे आते हैं, तब तक निवेश अवसर निकल चुके होते हैं, जबकि SAE की प्रणाली क्रेडिट कार्ड खर्च, ई-कॉमर्स डेटा, सोशल मीडिया गतिविधियों जैसे संकेतों से बाजार के बदलते रुझानों को पहले ही पहचान लेती है।

इससे निवेशक न केवल बाजार के उतार-चढ़ाव को बेहतर तरीके से समझ पाते हैं, बल्कि अपने जोखिम को भी प्रभावी ढंग से नियंत्रित कर सकते हैं।


लक्ष्य : लाभ, जोखिम और लागत में संतुलन

SAE का उद्देश्य केवल उच्च रिटर्न (अल्फा) प्राप्त करना नहीं, बल्कि जोखिम और लागत के बीच संतुलन बनाए रखना भी है।
यह रणनीति फ्लेक्सी कैप कैटेगरी के लिए सबसे उपयुक्त मानी जा रही है, जिसमें निवेश का दायरा निफ्टी 500 या बीएसई 500 जैसे व्यापक सूचकांकों तक फैला हुआ है।

कुछ निवेशकों का मानना है कि बार-बार री-बैलेंसिंग (जैसे साप्ताहिक आधार पर) से रिटर्न पर असर पड़ सकता है। लेकिन SAE के अनुभव बताते हैं कि विविधीकरण (Diversification) पूरे पोर्टफोलियो में स्थिरता बनाए रखता है। अल्पकालिक उतार-चढ़ाव के बावजूद, इसका दीर्घकालिक लक्ष्य पोर्टफोलियो स्तर पर स्थिर और बेहतर रिटर्न देना होता है।


निवेश को लागत-कुशल बनाना — जियोब्लैकरॉक की रणनीति

जियोब्लैकरॉक निवेश को किफायती और कुशल बनाने की दिशा में भी अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
कंपनी ने अपने डायरेक्ट प्लान में कुल व्यय अनुपात (Total Expense Ratio) को लगभग 0.5% पर बनाए रखने का लक्ष्य रखा है, जो उद्योग में सबसे कम लागत वाले प्रस्तावों में से एक है।

यह संभव हुआ है ब्लैकरॉक के वैश्विक प्लेटफॉर्म ‘अलादीन’ (Aladdin) के जरिए, जो जियोब्लैकरॉक को लाइसेंस के तहत उपलब्ध कराया गया है। यह प्लेटफॉर्म पोर्टफोलियो संचालन, जोखिम प्रबंधन और निवेश विश्लेषण को एकीकृत करता है।
इससे न केवल संचालन अधिक प्रभावी होता है बल्कि संभावित लागत बचत भी सीधे निवेशकों को लाभ के रूप में पहुंचती है।


सिर्फ एक फंड नहीं, बल्कि एक सम्पूर्ण निवेश दर्शन

जियोब्लैकरॉक का मानना है कि सिस्टमैटिक एक्टिव इक्विटी केवल एक फंड नहीं, बल्कि एक निवेश दर्शन है — ऐसा दर्शन जो डेटा आधारित विश्लेषण और मानवीय अंतर्दृष्टि को जोड़ता है।
भारत में इसकी शुरुआत जियोब्लैकरॉक फ्लेक्सी कैप फंड से होगी, लेकिन इसका दायरा इससे कहीं व्यापक है। SAE मॉडल को भविष्य में फैक्टर-आधारित फंड्स (जैसे वैल्यू, ग्रोथ, मोमेंटम) या सेक्टर-फोकस्ड फंड्स पर भी लागू किया जा सकता है।


जियोब्लैकरॉक का फायदा : तकनीक और डिजिटल नेटवर्क का मेल

ब्लैकरॉक की वैश्विक विशेषज्ञता और जियो के डिजिटल नेटवर्क के संयोजन ने भारतीय बाजार में एक नई शक्ति उत्पन्न की है।
अलादीन प्लेटफॉर्म और जियो के डिजिटल-फर्स्ट इकोसिस्टम के मिलन से निवेश उत्पादों को कम लागत, अधिक कुशलता और व्यापक पहुंच के साथ निवेशकों तक पहुंचाना संभव हुआ है।
यह साझेदारी न केवल निवेश समाधान को आधुनिक बना रही है, बल्कि यह भारतीय निवेशकों के अनुभव को भी वैश्विक मानकों के अनुरूप बना रही है।


डेटा आधारित निवेश ही भविष्य है

वास्तव में, सिस्टमैटिक एक्टिव इक्विटी (SAE) निवेश की उस दिशा का प्रतिनिधित्व करता है जहाँ निर्णय डेटा और तकनीक के आधार पर लिए जाते हैं, न कि अनुमान या भावनाओं पर।
यह वैश्विक अनुभव और भारतीय बाजार की वास्तविकताओं का मिश्रण है, जिसका उद्देश्य है —

  • स्थिर लाभ प्रदान करना
  • जोखिम को सीमित रखना
  • लागत को कम करना
  • और निवेशक अनुभव को बेहतर बनाना

यह केवल एक निवेश उत्पाद नहीं, बल्कि निवेश करने का नया वैज्ञानिक और अनुशासित तरीका है, जो आने वाले वर्षों में भारतीय निवेश जगत की परिभाषा बदल सकता है।


Share on facebook
Share on twitter
Share on linkedin
Share on whatsapp
Share on telegram