जबलपुर। रामानंद संप्रदाय के प्रमुख संत और श्रीमठ काशी के पीठाधीश्वर जगदगुरु रामनरेशाचार्य के अचानक लापता हो जाने से मध्य प्रदेश पुलिस और धार्मिक जगत में हड़कंप मच गया है। बताया जा रहा है कि वे बुधवार और गुरुवार की दरमियानी रात भोपाल से जबलपुर जाने वाली श्रीधाम एक्सप्रेस ट्रेन से यात्रा कर रहे थे, लेकिन जबलपुर पहुंचने से पहले ही रहस्यमयी तरीके से लापता हो गए।
स्वामी रामनरेशाचार्य को पूरी यात्रा के दौरान पुलिस सुरक्षा प्राप्त थी। उनके साथ मौजूद सुरक्षा कर्मियों ने जब उन्हें ट्रेन में न पाकर खोजबीन शुरू की, तब कहीं जाकर मामला सामने आया। इसके बाद जीआरपी थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई। अब जीआरपी समेत रेलवे सुरक्षा बल भी इस मामले की जांच में जुट गया है।
पिपरिया स्टेशन पर आखिरी बार दिखे
सीसीटीवी फुटेज की जांच के बाद यह सामने आया है कि स्वामी रामनरेशाचार्य आखिरी बार पिपरिया रेलवे स्टेशन पर देखे गए थे। फुटेज में वह स्टेशन परिसर में टहलते हुए नज़र आए, लेकिन इसके बाद वे कहां गए, इसका कोई पता नहीं चल सका है। न ही यह स्पष्ट हो पाया है कि उन्होंने ट्रेन दोबारा पकड़ी थी या कहीं और चले गए। उनके मोबाइल की लोकेशन भी फिलहाल ट्रेस नहीं हो पा रही है।
राम मंदिर आंदोलन से जुड़ी अहम शख्सियत
स्वामी रामनरेशाचार्य केवल धार्मिक क्षेत्र में ही नहीं, बल्कि देश की सांस्कृतिक और सामाजिक दिशा तय करने वाले आंदोलनों में भी अग्रणी भूमिका निभा चुके हैं। वे अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर बने रामालय ट्रस्ट के संयोजक रह चुके हैं। इस ट्रस्ट की स्थापना तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव ने की थी, जिसमें अन्य प्रमुख शंकराचार्यों की भी सहभागिता रही थी।
पुलिस और अनुयायियों में बेचैनी
स्वामी रामनरेशाचार्य के अनुयायियों में उनके अचानक लापता होने से गहरी चिंता है। वहीं पुलिस प्रशासन इसे एक गंभीर मामला मानते हुए जांच में कोई कसर नहीं छोड़ रहा। जबलपुर जीआरपी ने आसपास के सभी स्टेशनों और रूटों पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं।
फिलहाल पूरा मामला रहस्य बना हुआ है कि आखिर एक विशेष सुरक्षा घेरे में यात्रा कर रहे संत ट्रेन से कैसे लापता हो गए। उनकी खोजबीन के लिए पुलिस टीमें लगातार प्रयास कर रही हैं।
स्वदेश ज्योति के द्वारा
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