July 30, 2025 8:01 PM

कांवड़ मार्ग पर होटल संचालकों के लिए लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन अनिवार्य, क्यूआर कोड पर फिलहाल कोई आदेश नहीं: सर्वोच्च न्यायालय

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कांवड़ मार्ग पर होटलों को लाइसेंस दिखाना अनिवार्य, क्यूआर कोड पर रोक नहीं: सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली।
कांवड़ यात्रा मार्ग पर संचालित होटलों और भोजनालयों को लेकर सर्वोच्च न्यायालय ने महत्वपूर्ण निर्देश देते हुए कहा है कि सभी होटल मालिकों को अपने लाइसेंस और पंजीकरण प्रमाण-पत्र सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित करने होंगे। यह निर्देश विशेष रूप से उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा मार्ग पर बढ़ते तीर्थयात्रियों के मद्देनज़र दिया गया है।

क्यूआर कोड के मुद्दे पर फिलहाल कोई आदेश नहीं

सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार को एक बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने भोजनालयों पर क्यूआर कोड अनिवार्य करने के राज्य सरकार के आदेश पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है, पर साथ ही स्पष्ट किया कि अभी इस मुद्दे पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। अदालत ने कहा कि क्यूआर कोड की अनिवार्यता पर मुख्य याचिका की सुनवाई के समय विचार किया जाएगा।

क्यूआर कोड को लेकर क्या है मामला?

उत्तर प्रदेश सरकार ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर सभी खाने-पीने की दुकानों, भोजनालयों, ढाबों और होटलों पर क्यूआर कोड स्टिकर लगाने और बैनर के माध्यम से दुकानदार का नाम और पहचान प्रदर्शित करने का निर्देश दिया था। सरकार का तर्क था कि इससे पारदर्शिता बढ़ेगी, सुरक्षा सुनिश्चित होगी और आपात स्थिति में प्रशासन को पहचान में सुविधा मिलेगी।

याचिकाकर्ताओं की आपत्ति

इस आदेश के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा, शिक्षाविद अपूर्वानंद झा, एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स समेत अन्य याचिकाकर्ताओं ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिकाएं दाखिल की थीं। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि यह आदेश निजता के अधिकार और धार्मिक स्वतंत्रता का हनन करता है और छोटे दुकानदारों को अनावश्यक रूप से परेशान किया जा रहा है।

कोर्ट ने दोनों राज्य सरकारों से मांगा जवाब

जस्टिस एमएम सुंदरेश और एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार को नोटिस जारी कर इन याचिकाओं पर अपना पक्ष रखने के लिए कहा है। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि फिलहाल केवल लाइसेंस और पंजीकरण प्रमाण-पत्र प्रदर्शित करने का निर्देश प्रभावी रहेगा।

प्रशासन की दलील

सरकार का तर्क है कि कांवड़ यात्रा के दौरान लाखों श्रद्धालु इन मार्गों से गुजरते हैं। ऐसे में भोजन और आवास स्थलों पर सुरक्षा, पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित करना अनिवार्य है। साथ ही, क्यूआर कोड से यह भी तय होगा कि दुकानदार अधिकृत है या नहीं, जिससे धोखाधड़ी और मिलावट जैसे मामलों पर अंकुश लगाया जा सके।

आगे क्या?

फिलहाल कोर्ट ने क्यूआर कोड की अनिवार्यता पर कोई भी अंतिम फैसला नहीं दिया है। यह मुद्दा मुख्य याचिका पर सुनवाई के दौरान विचाराधीन रहेगा। इस बीच, होटल और भोजनालय मालिकों को अपने लाइसेंस और पंजीकरण प्रमाण-पत्र को प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा।



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