नई दिल्ली, 12 अक्टूबर।
दीपावली से पहले सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के लिए एक अहम फैसला सुनाया है।
प्रधान न्यायाधीश बी.आर. गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में ग्रीन पटाखों के निर्माण, बिक्री और उपयोग की सशर्त अनुमति दी जाती है।
कोर्ट के अनुसार, 15 अक्टूबर से 21 अक्टूबर तक लोग सीमित समय में ग्रीन पटाखे फोड़ सकते हैं, लेकिन सख्त नियमों के साथ।


🎇 पटाखे फोड़ने का समय तय — सुबह 6 से 7 और रात 8 से 10 बजे तक

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि पटाखे केवल निर्धारित समय सीमा के भीतर ही जलाए जा सकेंगे —

  • सुबह 6:00 बजे से 7:00 बजे तक
  • रात 8:00 बजे से 10:00 बजे तक

कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह अनुमति केवल ग्रीन पटाखों के लिए है, न कि पारंपरिक या उच्च प्रदूषण वाले पटाखों के लिए।


⚖️ कोर्ट का तर्क — “पूर्ण प्रतिबंध से बढ़ता है अवैध पटाखों का खतरा”

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि दिल्ली में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने से उनकी तस्करी और अवैध बिक्री बढ़ जाती है।
ऐसे पटाखे न केवल अधिक हानिकारक रसायन छोड़ते हैं, बल्कि उनका स्रोत भी संदिग्ध होता है।

पीठ ने कहा —

“पूर्ण रोक की स्थिति में तस्करी के जरिए जो पटाखे लाए जाते हैं, वे ग्रीन पटाखों से कहीं ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं।
इसलिए हमें संतुलित दृष्टिकोण अपनाना होगा — सीमित उपयोग के साथ पर्यावरण की रक्षा भी और लोगों की परंपरा भी।”


🧑‍⚖️ केंद्र सरकार को नीति बनाने के निर्देश

सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को आश्वस्त किया कि
पटाखों के निर्माण और बिक्री की अनुमति केवल लाइसेंस प्राप्त व्यापारियों को ही दी जाएगी।

कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि वह इस मुद्दे पर सभी राज्यों और एजेंसियों से विचार-विमर्श कर एक संतुलित नीति तैयार करे।
सुप्रीम कोर्ट ने 10 अक्टूबर को इस मामले पर फैसला सुरक्षित रखते हुए संकेत दिया था कि दिवाली के मौके पर अस्थायी राहत दी जा सकती है।


🚫 6 मई को लगा था प्रतिबंध, अब मिली सीमित छूट

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 6 मई 2024 को दिल्ली और एनसीआर में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध जारी रखा था।
तब कोर्ट ने उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान की सरकारों को आदेश दिया था कि वे इस प्रतिबंध को सख्ती से लागू करें।

कोर्ट ने चेतावनी दी थी कि यदि उसके आदेशों का पालन नहीं हुआ तो अवमानना की कार्रवाई की जाएगी।
3 अप्रैल को कोर्ट ने यह भी कहा था कि

“जब तक यह वैज्ञानिक रूप से सिद्ध नहीं हो जाता कि ग्रीन पटाखों से बहुत कम या नगण्य प्रदूषण होता है, तब तक प्रतिबंध में बदलाव उचित नहीं।”

हालांकि, अब कोर्ट ने वैज्ञानिक संस्थाओं की रिपोर्ट और केंद्र के सुझावों के आधार पर सशर्त छूट देने का निर्णय लिया है।


🌿 क्या होते हैं ग्रीन पटाखे?

ग्रीन पटाखे काउंसिल फॉर साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (CSIR) और नीरी (NEERI) द्वारा विकसित पर्यावरण अनुकूल पटाखे हैं।
इनसे पारंपरिक पटाखों की तुलना में लगभग 30% कम प्रदूषण होता है।

इन पटाखों में —

  • एल्यूमिनियम, पोटेशियम नाइट्रेट, सल्फर जैसे हानिकारक रसायनों की मात्रा बहुत कम या नहीं होती,
  • बेरियम जैसे पदार्थ पूरी तरह अनुपस्थित रहते हैं,
  • इनके पैकेट पर CSIR-NEERI का हरा लोगो और एन्क्रिप्टेड क्यूआर कोड होता है।

भारत में ग्रीन पटाखे तीन प्रमुख कैटेगरी में मिलते हैं —
स्वास, स्टार और सफल।\

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🔍 सुप्रीम कोर्ट का उद्देश्य — परंपरा और पर्यावरण के बीच संतुलन

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह फैसला लोगों की धार्मिक भावनाओं और परंपरा का सम्मान करते हुए,
साथ ही पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखकर लिया गया है।
कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि किसी ने इस निर्णय का दुरुपयोग किया,
या पारंपरिक पटाखों की बिक्री की कोशिश की, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।


🌆 दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण पर नजर

दिल्ली में सर्दियों के आगमन के साथ ही वायु गुणवत्ता में गिरावट शुरू हो जाती है।
ऐसे में दीपावली के दौरान पटाखों से होने वाला प्रदूषण बड़ी चिंता का विषय रहता है।
कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि
वे वायु गुणवत्ता की लगातार निगरानी करें और जरूरत पड़ने पर आकस्मिक नियंत्रण उपाय लागू करें।


📜 सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सारांश

विषयआदेश / निर्णय
अनुमति अवधि15 से 21 अक्टूबर
पटाखों का प्रकारकेवल ग्रीन पटाखे
सुबह का समय6:00 बजे से 7:00 बजे तक
रात का समय8:00 बजे से 10:00 बजे तक
बिक्री की अनुमतिकेवल लाइसेंस प्राप्त विक्रेताओं को
निगरानीकेंद्र और राज्य सरकारें मिलकर करेंगी

⚠️ उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर किसी ने पारंपरिक पटाखे बेचे या इस्तेमाल किए,
तो उसे एनवायरनमेंट प्रोटेक्शन एक्ट 1986 और क्रिमिनल प्रोसीजर कोड के तहत दंडित किया जाएगा।
दिल्ली पुलिस और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को इस आदेश की निगरानी करने की जिम्मेदारी दी गई है।

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🎆 दीपावली पर उम्मीद — स्वच्छ हवा और सुरक्षित उत्सव

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद दिल्लीवासियों के लिए यह राहत की खबर है कि
वे अब सीमित समय में ग्रीन पटाखों के साथ दीपावली मना सकेंगे।
हालांकि, यह जिम्मेदारी भी उन्हीं पर है कि वे नियमों का पालन करें,
ताकि उत्सव की रोशनी के साथ शहर की हवा भी स्वच्छ बनी रहे।


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सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में 15 से 21 अक्टूबर तक ग्रीन पटाखों की सशर्त अनुमति दी, सुबह-शाम तय समय में ही जलाए जा सकेंगे पटाखे

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सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और एनसीआर में दीपावली के दौरान ग्रीन पटाखों के निर्माण और बिक्री की अनुमति दी। 15 से 21 अक्टूबर तक सुबह 6-7 और रात 8-10 बजे के बीच ही पटाखे फोड़ने की अनुमति होगी। अदालत ने कहा कि पूर्ण प्रतिबंध के बजाय संतुलित नीति जरूरी है।

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