October 15, 2025 8:26 PM

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: ग्रीन पटाखों के निर्माण को मंजूरी, लेकिन दिल्ली-एनसीआर में बिक्री पर रोक बरकरार

supreme-court-firecracker-ban-delhi-ncr

सुप्रीम कोर्ट ने ग्रीन पटाखों को मंजूरी दी, दिल्ली-एनसीआर में बिक्री पर रोक बरकरार

नई दिल्ली। देश की सर्वोच्च अदालत ने दिवाली से पहले पटाखों को लेकर अहम फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने ग्रीन पटाखों के निर्माण को मंजूरी तो दे दी है, लेकिन साथ ही साफ कर दिया है कि दिल्ली-एनसीआर में इनकी बिक्री पर पूरी तरह रोक रहेगी। अदालत ने कहा कि केवल वही निर्माता ग्रीन पटाखे बनाएंगे जिनके पास अधिकृत एजेंसियों का सर्टिफिकेट होगा।

ग्रीन पटाखे बनाने की अनुमति, लेकिन कड़ी शर्तों के साथ

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि ग्रीन पटाखों का निर्माण केवल वही कंपनियां करेंगी जिन्हें नीरी (NEERI) और पेसो (PESO) जैसी मान्यता प्राप्त एजेंसियों से प्रमाणपत्र मिला है। इसके अलावा पटाखा निर्माताओं को लिखित वचन देना होगा कि वे दिल्ली-एनसीआर में किसी भी प्रकार के पटाखे नहीं बेचेंगे। अदालत ने चेतावनी दी कि यदि कोई कंपनी इस आदेश का उल्लंघन करती है, तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली-एनसीआर में सख्ती

सुप्रीम कोर्ट का यह कदम दिल्ली-एनसीआर की गंभीर प्रदूषण समस्या को देखते हुए उठाया गया है। दिवाली के समय यहां वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुंच जाता है। नवंबर 2024 में दिल्ली का औसत एक्यूआई (AQI) 494 दर्ज किया गया था, जिससे राजधानी घने स्मॉग की चादर में लिपट गई थी। सांस लेने तक में मुश्किल हो रही थी और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इसे आपात स्थिति करार दिया था।

अदालत ने कहा कि दिवाली पर पटाखों की बिक्री और जलाने से प्रदूषण का स्तर और अधिक बढ़ जाता है, इसलिए दिल्ली-एनसीआर में बिक्री और वितरण पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा।

पूरे देश में रोक लगाने से इंकार

मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने स्पष्ट किया कि अदालत पूरे देश में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं लगा सकती। केंद्र सरकार ने अभी तक इस बारे में कोई राष्ट्रीय स्तर का प्रस्ताव नहीं रखा है। इसलिए फिलहाल दिल्ली-एनसीआर को छोड़कर देश के अन्य हिस्सों में पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर कोई रोक नहीं होगी।

दिवाली से पहले लिया गया अहम निर्णय

सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला ऐसे समय पर आया है जब देशभर में दिवाली की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। परंपरागत रूप से दिवाली पर पटाखों की मांग और बिक्री सबसे ज्यादा होती है। अदालत ने साफ किया कि वह धार्मिक आस्था का सम्मान करती है, लेकिन स्वास्थ्य और पर्यावरण की सुरक्षा सर्वोपरि है

अगली सुनवाई में तय होंगे आगे के कदम

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले पर अगली सुनवाई में आगे के कदम तय किए जाएंगे। अदालत यह भी देखेगी कि दिल्ली-एनसीआर में ग्रीन पटाखों की बिक्री पर पूरी तरह प्रतिबंध जारी रखना चाहिए या फिर कुछ शर्तों के साथ अनुमति दी जा सकती है।

ग्रीन पटाखे क्या हैं?

ग्रीन पटाखे पारंपरिक पटाखों की तुलना में कम प्रदूषण फैलाते हैं। इनमें रासायनिक तत्वों की मात्रा कम होती है और यह सीमित मात्रा में धुआं व ध्वनि पैदा करते हैं। नीरी और पेसो जैसी एजेंसियों ने इन्हें प्रदूषण कम करने के उद्देश्य से विकसित किया है।


Share on facebook
Share on twitter
Share on linkedin
Share on whatsapp
Share on telegram