भोपाल।
भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) ने लंबे समय के इंतजार और आंतरिक मतभेदों के बाद अंततः इंदौर जिले के शहर और ग्रामीण जिलाध्यक्षों के नामों की घोषणा कर दी है। भाजपा ने इंदौर शहर में सुमित मिश्रा को जबकि इंदौर ग्रामीण में श्रवण सिंह चावड़ा को जिलाध्यक्ष नियुक्त किया है। यह घोषणा भाजपा द्वारा लंबे समय से चल रही बैठकों और परामर्शों के बाद की गई है।
जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट की अहम मुलाकात
गुरुवार सुबह भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा से जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट की मुलाकात हुई, जो कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में महात्मा गांधी के श्रद्धांजलि समारोह में शामिल हुए थे। इस बैठक के बाद भाजपा द्वारा जिलाध्यक्षों की घोषणा की गई, जिसने पार्टी कार्यकर्ताओं में हलचल मचा दी।
जिलाध्यक्षों के चुनाव की प्रक्रिया
भा.ज.पा. ने दिसंबर में इंदौर जिले के अध्यक्षों के लिए रायशुमारी प्रक्रिया पूरी कर ली थी, लेकिन पार्टी में नेतृत्व को लेकर खींचतान के कारण घोषणा में देरी हो गई। यह प्रक्रिया पूरी होने के बावजूद, कई नेताओं के बीच आपसी मतभेदों और सिफारिशों की वजह से जिलाध्यक्षों के नामों की घोषणा में 12 दिन का समय लग गया।
भा.ज.पा. ने 12 जनवरी को सबसे पहले उज्जैन और विदिशा जिले के अध्यक्षों के नाम घोषित किए थे। इसके बाद, दूसरे चरण में 18 जिलों के अध्यक्षों की घोषणा की गई। पार्टी ने इस प्रक्रिया के दौरान लगभग हर दूसरे दिन नए जिलाध्यक्षों की घोषणा की, ताकि संगठन को मजबूत किया जा सके।
सुमित मिश्रा और श्रवण सिंह चावड़ा की नियुक्ति
इंदौर शहर के अध्यक्ष के रूप में सुमित मिश्रा की नियुक्ति भाजपा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। मिश्रा को इंदौर नगर में पार्टी को मजबूती देने का अवसर मिलेगा। वहीं, इंदौर ग्रामीण क्षेत्र में श्रवण सिंह चावड़ा को जिम्मेदारी दी गई है, जो पार्टी के संगठन को ग्रामीण क्षेत्रों में मजबूती प्रदान करेंगे।
इन नियुक्तियों के साथ भाजपा अब इंदौर जिले में अपनी जमीनी पकड़ मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। सुमित मिश्रा और श्रवण सिंह चावड़ा दोनों ही पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता रहे हैं और उनकी नियुक्ति से पार्टी को इंदौर जिले में आगामी चुनावों में लाभ मिलने की संभावना जताई जा रही है।
संगठन की मजबूत पकड़ की दिशा में भाजपा का कदम
भा.ज.पा. ने जिलाध्यक्षों के चुनाव के बाद अपने संगठन को और अधिक मजबूत करने की दिशा में कार्य करना शुरू कर दिया है। इन नियुक्तियों के बाद भाजपा को उम्मीद है कि इंदौर जिले में पार्टी की पकड़ मजबूत होगी और आगामी चुनावों में पार्टी को अधिक समर्थन मिलेगा।
यह नियुक्तियां भाजपा की संगठनात्मक रणनीति का हिस्सा हैं, जो राज्य के हर जिले में अपनी पैठ को मजबूत करने के लिए है। भाजपा के लिए इंदौर एक अहम क्षेत्र है और यह क्षेत्र आगामी चुनावों के लिए पार्टी की प्राथमिकता में रहेगा।
भा.ज.पा. में आंतरिक मतभेदों का प्रभाव
हालांकि, जिलाध्यक्षों की नियुक्ति में देर हुई, लेकिन पार्टी ने इस समय का उपयोग नेताओं के बीच की खींचतान को सुलझाने और चुनावों से पहले संगठन को एकजुट करने के लिए किया। इन नियुक्तियों के बाद अब पार्टी में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ है और कार्यकर्ता अपने नेतृत्व से संतुष्ट नजर आ रहे हैं।
भविष्य में और नियुक्तियाँ
भा.ज.पा. के जिलाध्यक्षों की नियुक्ति के बाद अब पार्टी की निगाहें राज्यभर में अन्य जिलों में नियुक्तियों पर हैं। आगामी दिनों में पार्टी और संगठन के अन्य महत्वपूर्ण पदों की घोषणा की जा सकती है।
/swadeshjyoti/media/agency_attachments/2025/11/09/2025-11-09t071157234z-logo-640-swadesh-jyoti-1-2025-11-09-12-41-56.png)
/swadeshjyoti/media/agency_attachments/2025/11/09/2025-11-09t071151025z-logo-640-swadesh-jyoti-1-2025-11-09-12-41-50.png)
/swadeshjyoti/media/post_attachments/wp-content/uploads/2025/01/indore.jpeg)