छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में शनिवार सुबह सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई। इस ऑपरेशन में 17 नक्सली मारे गए, जिनमें 11 महिलाएं शामिल हैं। मारे गए नक्सलियों में झीरम घाटी हमले का मास्टरमाइंड बुधरा उर्फ जगदीश भी था, जिस पर ₹25 लाख का इनाम घोषित था। इस मुठभेड़ को राज्य में नक्सल विरोधी अभियान की सबसे बड़ी सफलताओं में से एक माना जा रहा है।

कैसे हुआ ऑपरेशन?

यह एनकाउंटर सुकमा और दंतेवाड़ा जिलों की सीमा पर स्थित केरलापाल थाना क्षेत्र के उपमपल्ली गांव में हुआ। सुरक्षाबलों को गुप्त सूचना मिली थी कि इलाके में भारी संख्या में माओवादी जमा हैं। इसके बाद डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (DRG), सीआरपीएफ (CRPF) और कोबरा कमांडो की 600 जवानों की टीम ने नक्सलियों के कोर इलाके में घुसकर यह कार्रवाई की।

मुठभेड़ का विवरण:

  • शनिवार सुबह 6 बजे सुरक्षाबलों ने ऑपरेशन शुरू किया।
  • करीब 3 घंटे चली मुठभेड़, दोनों ओर से गोलीबारी हुई।
  • ऑपरेशन के बाद इलाके की घेराबंदी कर तलाशी अभियान चलाया गया

झीरम घाटी हमले का आरोपी भी ढेर

मारे गए नक्सलियों में बुधरा उर्फ जगदीश सबसे बड़ा नाम था, जो 2013 के झीरम घाटी हत्याकांड में शामिल था। इस हमले में कांग्रेस के 27 बड़े नेताओं की निर्मम हत्या कर दी गई थी।

बरामदगी और नुकसान

  • सुरक्षाबलों को मौके से कई आधुनिक हथियार मिले, जिनमें इंसास और SLR रायफलें शामिल हैं।
  • दो जवान घायल हुए, जिन्हें उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया है और उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।

नक्सल विरोधी अभियान में बढ़ती सफलता

पिछले कुछ महीनों में राज्य सरकार ने नक्सल विरोधी अभियान तेज कर दिया है

  • मार्च 2025 में अब तक 100 से ज्यादा नक्सली मारे जा चुके हैं
  • पिछले हफ्ते ही 25 लाख के इनामी नक्सली सुधीर को ढेर किया गया था
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सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की प्रतिक्रिया

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि सरकार 2026 तक नक्सलवाद को खत्म करने के मिशन पर काम कर रही है। उन्होंने सुरक्षाबलों की बहादुरी की सराहना की और नक्सलियों को आत्मसमर्पण करने की चेतावनी दी।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भी ऑपरेशन को बड़ा कदम बताया और कहा कि छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद को पूरी तरह खत्म किया जाएगा

अभी भी खतरा बरकरार

विशेषज्ञों का मानना है कि सुकमा, दंतेवाड़ा और बीजापुर में अभी भी 200 से ज्यादा हार्डकोर नक्सली सक्रिय हैं। हालांकि, सुरक्षाबल लगातार ऑपरेशन चला रहे हैं और नक्सल प्रभाव वाले इलाकों में रोड, स्कूल और अस्पताल जैसी सुविधाएं बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है।

इस ऑपरेशन से नक्सलियों को बड़ा झटका लगा है, लेकिन राज्य में सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता अभी भी बनी हुई है

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