मानवाधिकार पर दुनियाभर के विद्यार्थियों को दिया मार्गदर्शन, मुख्यमंत्री ने बताई छत्तीसगढ़ की शान
रायपुर/ऑक्सफोर्ड।
छत्तीसगढ़ की सुप्रीम कोर्ट वकील सुगंधा जैन ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि प्रतिभा और प्रतिबद्धता की कोई सीमा नहीं होती। इंग्लैंड के ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में आयोजित विश्वस्तरीय 18वीं मोनरो ई. प्राइस मीडिया लॉ मूट कोर्ट प्रतियोगिता में उन्हें बतौर जज आमंत्रित किया गया। विशेष बात यह रही कि पूरे भारत से केवल सुगंधा जैन को ही इस वैश्विक आयोजन में निर्णायक के रूप में स्थान मिला, जिससे उन्होंने न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि भारत का भी नाम अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया।
भारत की अकेली प्रतिनिधि बनीं जज, 150 देशों के छात्रों ने लिया भाग
यह प्रतियोगिता बोनवेरो इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूमन राइट्स द्वारा 21 से 25 अप्रैल 2025 के बीच ऑक्सफोर्ड में आयोजित की गई थी। इसमें दुनिया भर के 150 से अधिक देशों के प्रमुख लॉ यूनिवर्सिटी के छात्र शामिल हुए। मीडिया, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, और मानवाधिकार जैसे संवेदनशील विषयों पर आधारित इस मूट कोर्ट में सुगंधा जैन ने बतौर जज गहन न्यायिक दृष्टिकोण और विशेषज्ञता का परिचय दिया। उन्होंने विभिन्न देशों से आए प्रतिभागियों को न केवल अंक दिए, बल्कि उनके तर्कों का विश्लेषण कर अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून की बारीकियों को भी समझाया।
छत्तीसगढ़ की पहली महिला, जो अंतरराष्ट्रीय लॉ आयोजन में बनीं निर्णायक
यह उपलब्धि इसलिए भी ऐतिहासिक है क्योंकि यह पहला अवसर था जब छत्तीसगढ़ से किसी भी विधिक पेशे से जुड़ी महिला ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लॉ आधारित किसी आयोजन में निर्णायक की भूमिका निभाई हो। सुप्रीम कोर्ट में आठ वर्षों से प्रैक्टिस कर रहीं सुगंधा जैन महिला अधिकारों, कानूनी जागरूकता, और न्यायिक सुधारों के क्षेत्र में भी सक्रिय हैं। वे कई शासकीय विधि संस्थानों से भी संबद्ध हैं और समय-समय पर विभिन्न विधिक कार्यशालाओं में सहभागिता करती रही हैं।

कानूनी ज्ञान के साथ सामाजिक संवेदना की प्रतीक हैं सुगंधा
सुगंधा न केवल एक कानूनी विशेषज्ञ हैं, बल्कि वे महिला उत्थान और जन-जागरूकता अभियानों से भी वर्षों से जुड़ी हैं। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में जन्मी और पली-बढ़ी सुगंधा का जीवन संघर्षों से भरा रहा है, लेकिन उन्होंने अपने लक्ष्य से कभी समझौता नहीं किया। उनकी उपलब्धि आज देशभर की बेटियों और युवा वकीलों के लिए एक प्रेरणा है।
मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और सांसद ने दी बधाई
सुगंधा जैन की इस गौरवशाली उपलब्धि पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उपमुख्यमंत्री अरुण साव और रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने संयुक्त रूप से उन्हें बधाई दी। मुख्यमंत्री साय ने कहा, “सुगंधा जैन की यह उपलब्धि हर छत्तीसगढ़वासी के लिए गर्व का क्षण है। वे राज्य की बेटियों के लिए एक प्रकाश स्तंभ हैं।” उपमुख्यमंत्री साव ने उन्हें “विधिक नेतृत्व की युवा प्रतीक” बताया, वहीं सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि “भारत की न्यायिक शक्ति अब वैश्विक मंचों पर मजबूती से पहचान बना रही है और सुगंधा जैसे प्रतिभाशाली युवा इसमें अग्रणी हैं।”
प्रेरणा की प्रतिमूर्ति बनीं सुगंधा
इस उपलब्धि ने न केवल भारत का गौरव बढ़ाया है बल्कि यह भी सिद्ध कर दिया है कि छत्तीसगढ़ जैसे अपेक्षाकृत छोटे राज्य की बेटियां भी वैश्विक मंचों पर नेतृत्व कर सकती हैं। सुगंधा जैन आने वाले समय में कई और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की न्यायिक प्रतिभा का प्रतिनिधित्व करेंगी — ऐसी उम्मीद की जा रही है।
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