सूडान में भूस्खलन से दारफुर गांव तबाह, 1000 लोगों की मौत की आशंका

खारतूम। सूडान के पश्चिमी क्षेत्र दारफुर में भयानक प्राकृतिक आपदा ने कहर ढा दिया है। मर्राह पर्वतों के बीच बसे तरासिन गांव में रविवार को हुए भूस्खलन में करीब 1000 लोगों की मौत होने की आशंका जताई जा रही है। यह हादसा कई दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश के कारण हुआ, जिससे पूरा गांव मलबे में दबकर तबाह हो गया।

गांव लगभग पूरी तरह उजड़ गया

सूत्रों के अनुसार, तरासिन गांव में रहने वाले लगभग सभी लोग इस आपदा की चपेट में आ गए। केवल एक व्यक्ति के जीवित बचने की सूचना मिली है। सूडान लिबरेशन मूवमेंट-आर्मी (SLM-A) ने बताया कि गांव का लगभग हर घर मलबे में समा गया और अनुमान है कि करीब एक हजार लोगों ने अपनी जान गंवाई। यह त्रासदी सूडान के हालिया इतिहास की सबसे भयावह प्राकृतिक आपदाओं में गिनी जा रही है।

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राहत कार्य बेहद कठिन, मदद की गुहार

गांव तक पहुंचना बेहद कठिन है क्योंकि रास्ते बारिश और भूस्खलन की वजह से कट चुके हैं। राहत और बचाव दल स्थानीय स्तर पर हरसंभव प्रयास कर रहे हैं, लेकिन मलबे के नीचे दबे शवों को निकालना बेहद मुश्किल साबित हो रहा है। इसी कारण संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय सहायता संगठनों से त्वरित मदद की अपील की गई है।

दारफुर पहले से ही संघर्षग्रस्त

दारफुर क्षेत्र लंबे समय से विद्रोह और संघर्ष का गढ़ रहा है। यहां दशकों से चले आ रहे संघर्ष और विद्रोही गतिविधियों ने बुनियादी ढांचे को कमजोर बना दिया है। ऐसे में प्राकृतिक आपदा ने हालात को और भयावह बना दिया है। राहत सामग्री, दवाइयों और भोजन की भारी कमी है।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा

स्थानीय संगठनों और मानवीय समूहों ने कहा है कि यदि शीघ्र मदद नहीं पहुंची, तो प्रभावित इलाकों में महामारी फैलने का खतरा बढ़ जाएगा। अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपेक्षा की जा रही है कि वे तत्काल राहत और पुनर्वास कार्यों के लिए आगे आएं।

यह त्रासदी न केवल सूडान बल्कि पूरी दुनिया को झकझोरने वाली है, क्योंकि इतने बड़े पैमाने पर जान-माल की हानि दुर्लभ है।