October 19, 2025 5:02 PM

शेयर बाजार में 400 अंकों की गिरावट, ट्रम्प के टैरिफ ऐलान से फार्मा सेक्टर में भारी दबाव

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शेयर बाजार 400 अंक टूटा, ट्रम्प के 100% टैरिफ ऐलान से फार्मा सेक्टर में भारी गिरावट

मुंबई। घरेलू शेयर बाजार में गुरुवार 26 सितंबर को निवेशकों को निराशा हाथ लगी। कारोबारी सत्र की शुरुआत से ही बिकवाली का दबाव देखने को मिला और दिनभर उतार-चढ़ाव के बाद सेंसेक्स करीब 400 अंकों की गिरावट के साथ 80,760 पर आ गया। इसी तरह निफ्टी भी 110 अंक टूटकर 24,770 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। बाजार में आई इस गिरावट का सबसे बड़ा असर फार्मा सेक्टर पर पड़ा है, जहां निवेशकों की पूंजी में भारी सेंध लगी है।

फार्मा शेयरों में 4% तक की गिरावट

फार्मा कंपनियों के शेयरों में बिकवाली का दौर सबसे तेज रहा। सन फार्मा, सिप्ला, ऑरोबिंदो फार्मा, ल्यूपिन, जायडस लाइफसाइंसेज और डॉ. रेड्डी जैसी बड़ी कंपनियों के शेयर 2% से लेकर 4% तक टूट गए। यह गिरावट अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की हालिया घोषणा के बाद देखने को मिली, जिसमें उन्होंने कहा है कि अमेरिका 1 अक्टूबर 2025 से भारत से आयातित ब्रांडेड या पेटेंटेड दवाओं पर 100% टैरिफ लगाएगा।

ट्रम्प का ऐलान और भारतीय फार्मा पर असर

भारत दुनिया के सबसे बड़े जेनेरिक दवा उत्पादकों में से एक है और अमेरिकी बाजार इसका सबसे बड़ा आयातक है। फार्मा कंपनियों के लिए अमेरिका उनकी कमाई का अहम हिस्सा है। ऐसे में ट्रम्प का यह ऐलान निवेशकों के लिए चिंता का विषय बन गया है। ब्रांडेड और पेटेंटेड दवाओं पर 100% आयात शुल्क लागू होने से भारतीय कंपनियों की अमेरिका में प्रतिस्पर्धा और लाभप्रदता पर सीधा असर पड़ेगा।

विशेषज्ञों का कहना है कि फिलहाल इस टैरिफ का असर भावनात्मक है, लेकिन लंबी अवधि में यह भारतीय दवा उद्योग के लिए चुनौती बन सकता है। यही वजह है कि निवेशकों ने फार्मा सेक्टर से पैसे निकालकर सुरक्षित सेक्टरों की ओर रुख किया।

सेंसेक्स और निफ्टी में सेक्टोरल दबाव

सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 22 लाल निशान पर बंद हुए, जबकि सिर्फ 8 में तेजी देखी गई। फार्मा के अलावा आईटी और एफएमसीजी सेक्टर में भी हल्की गिरावट रही। वहीं बैंकिंग और ऑटो सेक्टर में कुछ मजबूती देखी गई, लेकिन यह पूरे बाजार को संभालने में नाकाफी रही।

विश्लेषकों के मुताबिक अमेरिकी नीतिगत फैसलों के साथ-साथ वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता और विदेशी निवेशकों की बिकवाली का असर भारतीय शेयर बाजार पर भी दिखा है। इसके अलावा डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोरी ने भी निवेशकों की धारणा को प्रभावित किया।

निवेशकों के लिए आगे की रणनीति

विशेषज्ञों का कहना है कि फिलहाल बाजार में उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है। अमेरिकी टैरिफ नीति पर आगे की स्पष्टता आने तक फार्मा सेक्टर दबाव में रह सकता है। निवेशकों को सलाह दी जा रही है कि वे फिलहाल जोखिमभरे सौदों से बचें और मजबूत बुनियादी कंपनियों में लंबी अवधि का निवेश बनाए रखें।

शेयर बाजार में आई यह गिरावट इस बात का संकेत है कि वैश्विक राजनीतिक और आर्थिक फैसलों का असर भारतीय बाजार पर सीधा पड़ता है। आने वाले दिनों में सरकार और कंपनियां इस पर कैसी रणनीति बनाती हैं, यह निवेशकों के लिए अहम होगा।


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