अहमदाबाद। गुजरात में उत्तरायण (मकर संक्रांति) पर्व के दौरान पतंगबाजी के दौरान मस्त जोश के साथ जहां लोग आनंदित होते हैं, वहीं इस साल पतंग के मांझे ने राज्य भर में भारी तबाही मचाई है। पर्व के दौरान 6 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। इसके अलावा, राज्यभर में आपातकालीन सेवा (एंबुलेंस) के लिए कॉल्स में भी भारी वृद्धि हुई, जिसमें कुल 4947 कॉल किए गए। यह आंकड़ा पिछले साल के मुकाबले लगभग 345 कॉल अधिक है। राज्य में इस दौरान गंभीर दुर्घटनाओं और घायलों की संख्या में वृद्धि दर्ज की गई है।
उत्तरायण के दिन गुजरात के विभिन्न शहरों में 108 एम्बुलेंस सेवा दिनभर दौड़ती रही, ताकि किसी भी आपात स्थिति का तुरंत समाधान किया जा सके। इस दौरान कई घटनाओं में पतंग के मांझे से लोग घायल हुए और कुछ तो अपनी जान गंवा बैठे। खासकर पतंगबाजी में जब मांझा गाड़ियों के शीशे, वाहनों की चपेट में आता है या घायलों को लूटने के दौरान पतंग की डोर शरीर से उलझ जाती है, तो दुर्घटनाएं बढ़ जाती हैं।
राज्य में मौत की घटनाएं:
- राजकोट: पतंग के मांझे के कारण एक मोटरसाइकिल सवार की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि पतंग की डोर उसकी गर्दन में फंस गई थी, जिससे वह सड़क पर गिर पड़ा और गंभीर रूप से घायल हो गया। बाद में उसकी मृत्यु हो गई।
- सुरेन्द्रनगर (पाटडी, ओडु गांव): ईश्वरभाई ठाकोर नामक व्यक्ति पतंग की डोर से घायल हो गए थे, और बाद में उनकी मृत्यु हो गई।
- हालोल (राहतलाव गांव): 5 वर्षीय कुणाल की दर्दनाक मौत हो गई, जब उसकी गर्दन में पतंग का मांझा लिपट गया। वह अपने पिता के साथ टू-व्हीलर पर जा रहा था, तभी यह हादसा हुआ। कुणाल को घायल अवस्था में अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।
- कड़ी (बिजली के तार): कड़ी कस्बा क्षेत्र में एक महिला ने पतंग निकालते समय बिजली के तार से करंट लगने से घायल हो गई। जब उसे बचाने के प्रयास में उसका भाई भी करंट की चपेट में आया और उसकी मौत हो गई।
- मेहसाणा (वडनगर): वडबार गांव के 35 वर्षीय मानसाजी ठाकोर की भी पतंग के मांझे के कारण मौत हो गई।
- वडोदरा: उत्तरायण पर्व के दौरान वडोदरा में पतंग के मांझे से संबंधित छह घटनाएं सामने आईं। इनमें से एक में गला कटने से महिला मधुरी पटेल (35) की मौत हो गई, जबकि अन्य पांच लोग घायल हुए हैं और उनका इलाज अलग-अलग अस्पतालों में किया जा रहा है। इसके अलावा, एक अन्य व्यक्ति छत से गिर गया, जिसका इलाज जारी है।
राज्यभर में बढ़ी दुर्घटनाओं की संख्या:
गुजरात में उत्तरायण पर्व के दौरान पतंगबाजी की गतिविधियों में इस बार काफी वृद्धि हुई। इससे संबंधित कई दुर्घटनाओं में लोग घायल हुए और कुछ की मौत भी हो गई। राज्य में विशेष रूप से पतंग की डोर से होने वाली घटनाओं में वृद्धि देखी गई है। वाहनों की चपेट में आने, दुर्घटनाओं के बाद लोगों को चोटें लगने और बच्चों द्वारा पतंग लूटने के दौरान जान गंवाने की घटनाएं बढ़ी हैं।
गुजरात सरकार और पुलिस प्रशासन ने इस दौरान सुरक्षा के उपायों को कड़ा किया था, लेकिन बावजूद इसके इस तरह की दुर्घटनाएं नियंत्रित नहीं हो पाई। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इस वर्ष उत्तरायण पर्व के दौरान एम्बुलेंस सेवाओं से संबंधित अधिक कॉल आए हैं और इन घटनाओं को रोकने के लिए सतर्कता और सुरक्षा के उपायों को और सख्त किया गया है।
सरकार और प्रशासन की ओर से आगे आने वाले सालों में इस प्रकार की घटनाओं से बचने के लिए विशेष सुरक्षा दिशा-निर्देश और उपायों पर विचार किया जा सकता है। पतंग के मांझे को लेकर कई लोगों द्वारा विरोध भी किया गया है, और उम्मीद जताई जा रही है कि इस पर सख्त नियम बनाकर सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।