लाल किला धमाके और फरीदाबाद विस्फोटक मामले की कड़ियां जुड़ने लगीं, यूपी एटीएस की ताबड़तोड़ छापेमारी में सहारनपुर से दो संदिग्ध हिरासत में
लखनऊ/सहारनपुर, 11 नवंबर।
दिल्ली (New Delhi) के लाल किले के पास सोमवार देर शाम हुए धमाके (bomb blast) और फरीदाबाद में हाल ही में भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद होने के बाद उत्तर प्रदेश की आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने प्रदेश भर में अपनी कार्रवाई तेज कर दी है। इन घटनाओं की कड़ियां आपस में जुड़ती नजर आ रही हैं। मंगलवार को यूपी एटीएस ने लखनऊ और सहारनपुर में एक साथ छापेमारी की, जिसमें कई अहम सुराग हाथ लगे हैं।
सूत्रों के मुताबिक, एटीएस की टीम ने सहारनपुर से आतंकी डॉ. आदिल अहमद के दो नजदीकी सहयोगियों को हिरासत में लिया है। इन दोनों से पूछताछ जारी है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि उनका संबंध लाल किला धमाके या फरीदाबाद के विस्फोटक जखीरे से किस हद तक है। वहीं, लखनऊ में एटीएस की एक अन्य टीम ने डॉक्टर शाहीन के परिवार से लंबी पूछताछ की, जो हाल ही में गिरफ्तार आतंकी डॉ. मुजम्मिल की करीबी बताई जा रही है।
डॉक्टर शाहीन लखनऊ के लालबाग इलाके की रहने वाली है। कुछ दिन पहले जम्मू-कश्मीर पुलिस ने उसे फरीदाबाद से गिरफ्तार किया था। जांच एजेंसियों को शक है कि वह आतंकी मुजम्मिल के संपर्क में रहकर देशविरोधी गतिविधियों में शामिल थी। इसी सिलसिले में मंगलवार को एटीएस और लखनऊ पुलिस ने उसके घर पहुंचकर परिवार के सदस्यों से विस्तृत पूछताछ की।
शाहीन के पिता ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उनकी बेटी डेढ़-दो साल से घर नहीं आई है। उन्होंने बताया कि इस दौरान परिवार का उससे कोई संपर्क नहीं हुआ था। पिता का कहना है कि उन्हें अपनी बेटी के आतंकी गतिविधियों से जुड़े होने की जानकारी मीडिया से मिली है। उन्होंने प्रशासन से अनुरोध किया कि मामले की निष्पक्ष और गहराई से जांच की जाए ताकि सच्चाई सामने आ सके।
इसी क्रम में एटीएस और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त टीम ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर और शामली जिलों में भी व्यापक तलाशी अभियान चलाया। लखनऊ के मड़ियांव क्षेत्र में डॉ. परवेज अहमद अंसारी के घर पर भी छापा मारा गया, हालांकि वह घर पर नहीं मिला। इसके बाद टीम ने सहारनपुर के अंबाला रोड इलाके में स्थित उसके किराए के मकान की तलाशी ली और कई दस्तावेज जब्त किए।
जांच में सामने आया है कि गिरफ्तार डॉ. आदिल अहमद राठर मूल रूप से जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग का निवासी है। वह सहारनपुर के फेमस हॉस्पिटल में मेडिसिन विशेषज्ञ के रूप में कार्यरत था। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, कुछ सप्ताह पहले श्रीनगर के कई इलाकों में जैश-ए-मोहम्मद के समर्थन में लगाए गए पोस्टरों के मामले में भी उसका नाम सामने आया था। इन पोस्टरों के सामने आने के बाद श्रीनगर में तनाव का माहौल बन गया था।
पुलिस ने 28 अक्टूबर को इस प्रकरण में मामला दर्ज किया था। जांच के दौरान जब सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए, तो उसमें डॉ. आदिल को खुद पोस्टर लगाते हुए देखा गया। इसके बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। बताया जा रहा है कि डॉ. आदिल सोशल मीडिया और पेशेवर संपर्कों के जरिए आतंकियों के नेटवर्क को मजबूत करने की कोशिश कर रहा था।
यूपी एटीएस अब यह पता लगाने की कोशिश में है कि डॉ. आदिल के संपर्क में आए लोग देश के किन-किन हिस्सों में सक्रिय हैं। सहारनपुर से उठाए गए दोनों संदिग्धों से यह भी पूछा जा रहा है कि क्या उन्हें लाल किला धमाके या फरीदाबाद के विस्फोटकों के बारे में कोई जानकारी थी। जांच एजेंसियों का मानना है कि दिल्ली और हरियाणा में हाल में हुई घटनाओं के तार उत्तर प्रदेश और जम्मू-कश्मीर से जुड़े हुए हो सकते हैं।
राज्य के गृह विभाग के सूत्रों के अनुसार, एटीएस ने कुछ डिजिटल डिवाइस और मोबाइल फोन भी जब्त किए हैं, जिनसे कई अहम जानकारियां मिलने की उम्मीद है। जांच एजेंसियां इस मामले में केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के साथ भी लगातार संपर्क में हैं।
फिलहाल एटीएस ने दोनों गिरफ्तार किए गए संदिग्धों की पहचान गुप्त रखी है। टीम यह जांचने में जुटी है कि डॉ. आदिल के अस्पताल से लेकर उसके निजी संपर्कों तक कौन-कौन लोग इस नेटवर्क से जुड़े हुए हैं। बताया जा रहा है कि आने वाले दिनों में एटीएस कुछ और ठिकानों पर छापेमारी कर सकती है।
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