- जलाभिषेक के दौरान अचानक मंदिर परिसर में करंट फैल गया, जिससे भगदड़ मच गई। इस हादसे में दो श्रद्धालुओं की मौत हो गई
बाराबंकी (उत्तर प्रदेश)। सावन के तीसरे सोमवार पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ औसानेश्वर महादेव मंदिर में उमड़ी, लेकिन आस्था का यह मेला दर्दनाक हादसे में तब्दील हो गया। रविवार देर रात लगभग 2:30 बजे जलाभिषेक के दौरान अचानक मंदिर परिसर में करंट फैल गया, जिससे भगदड़ मच गई। इस हादसे में दो श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 29 लोग घायल हो गए हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हादसे के समय मंदिर परिसर में लगभग तीन हजार श्रद्धालु जलाभिषेक के लिए कतार में खड़े थे। तभी अचानक परिसर में चीख-पुकार मच गई। लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर दौड़ने लगे, लेकिन भीड़ में कई लोग एक-दूसरे पर गिरते और कुचलते चले गए। भगदड़ का कारण परिसर में फैला करंट बताया गया है।
कैसे हुआ हादसा?
जिला अधिकारी शशांक त्रिपाठी ने बताया कि मंदिर परिसर के ऊपर से गुजर रही बिजली की लाइन पर कुछ बंदर कूद गए थे। इससे बिजली का तार टूटकर मंदिर के टिन शेड पर गिर गया, जिससे पूरे परिसर में करंट फैल गया। इसी कारण भगदड़ की स्थिति बनी। हादसे में प्रशांत कुमार (16 वर्ष) और रमेश कुमार (35 वर्ष) की मौके पर ही मौत हो गई।
#WATCH लखनऊ, उत्तर प्रदेश: बाराबंकी के मंदिर में भगदड़ की घटना पर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, "बहुत दुखद है। जो लोग घायल हुए हैं वे जल्दी से जल्दी स्वस्थ हों। कल उत्तराखंड में मनसा देवी माता के मंदिर में दुर्घटना हुई और आज बाराबंकी में हो गई। बहुत… pic.twitter.com/Nm8APq1KJn
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 28, 2025
घायलों की स्थिति
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) अवधेश यादव ने जानकारी दी कि हादसे के बाद घायलों को अलग-अलग अस्पतालों में भेजा गया। 29 घायलों में से 9 को हैदरगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 6 को कोठी सीएचसी और 5 गंभीर घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है। इनमें कई महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और राहत कार्य शुरू किए।
सरकार का मुआवजा और सवाल
उत्तर प्रदेश सरकार ने मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है। हालांकि इस हादसे ने प्रशासनिक तैयारियों की पोल खोल दी है। सावन के सोमवार को जब मंदिरों में लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ जुटती है, तब सुरक्षा और बिजली के प्रबंध पहले से नहीं करना घोर लापरवाही की मिसाल है।
सुरक्षा इंतज़ाम नाकाफी
स्थानीय लोगों का कहना है कि औसानेश्वर मंदिर में हर साल सावन में लाखों श्रद्धालु आते हैं, लेकिन इसके बावजूद मंदिर परिसर में बिजली की लाइनें खुली पड़ी हैं और सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम नहीं होते। मंदिर के ऊपर टिन शेड पर बिजली की लाइन गिरना यह दर्शाता है कि बिजली विभाग और स्थानीय प्रशासन ने पहले से कोई एहतियाती उपाय नहीं किए थे।
मनसा देवी मंदिर में भी हुई थी भगदड़
गौरतलब है कि इससे पहले रविवार सुबह उत्तराखंड के हरिद्वार स्थित मनसा देवी मंदिर में भी भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई थी। उसमें 8 लोगों की मौत और 30 से अधिक श्रद्धालु घायल हुए थे। दो-दो बड़े हादसों ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।