भारत-पाकिस्तान के बीच बीते चार दिन से जारी सैन्य तनाव भले ही शनिवार शाम 5 बजे से संघर्षविराम में बदल गया हो, मगर जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में शनिवार देर शाम संघर्षविराम की घोषणा के कुछ ही घंटों बाद जोरदार धमाकों की आवाजें गूंजीं। इस पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ओमर अब्दुल्ला ने तीखा सवाल उठाते हुए सोशल मीडिया पर लिखा – “यह कौन सा संघर्षविराम है? श्रीनगर में हर ओर धमाकों की आवाजें गूंज रही हैं।”

What the hell just happened to the ceasefire? Explosions heard across Srinagar!!!
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) May 10, 2025
ट्रंप की मध्यस्थता में सीजफायर, मगर जमीनी शांति अभी दूर
शनिवार शाम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की थी कि भारत और पाकिस्तान अमेरिका की मध्यस्थता में तत्काल और पूर्ण संघर्षविराम पर सहमत हो गए हैं। विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भी बताया कि उन्होंने दोनों देशों के प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री और सुरक्षा सलाहकारों से बातचीत की है और अब दोनों देश एक ‘न्यूट्रल वैन्यू’ पर वार्ता को तैयार हैं।
इस घोषणा के बाद ही पाकिस्तान के डिप्टी पीएम इशाक डार ने भी पुष्टि की कि भारत-पाक तत्काल प्रभाव से युद्धविराम पर सहमत हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान हमेशा से शांति का पक्षधर रहा है, लेकिन वह अपनी संप्रभुता से समझौता नहीं करेगा।
मोदी ने बुलाई उच्च स्तरीय बैठक
श्रीनगर धमाकों और सीमावर्ती क्षेत्रों में बनी असहजता के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रात 8 बजे रक्षा मंत्री, सीडीएस जनरल अनिल चौहान और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ आपात बैठक बुलाई। बैठक में सीजफायर के तुरंत बाद हुए घटनाक्रम की समीक्षा की गई और सेना को हाई अलर्ट पर बने रहने के निर्देश दिए गए।

सीमाओं पर ड्रोन हमलों की कोशिश नाकाम
शनिवार देर रात पाकिस्तान ने एक बार फिर जम्मू, पंजाब, राजस्थान और गुजरात के 26 क्षेत्रों में ड्रोन के जरिए घुसपैठ और हमले की कोशिश की, लेकिन भारतीय वायुसेना और BSF ने हर प्रयास को नाकाम कर दिया। रक्षा सूत्रों का कहना है कि संघर्षविराम की आड़ में पाकिस्तान अब भी अपने आतंकी मंसूबे नहीं छोड़ रहा।
सिंधु जल संधि निलंबन जारी, आतंक पर रुख सख्त
भारत ने साफ किया है कि भले ही संघर्षविराम लागू हो गया हो, लेकिन सिंधु जल संधि का निलंबन अभी भी प्रभावी रहेगा। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने दो टूक कहा कि जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देना पूरी तरह नहीं छोड़ता, तब तक यह निलंबन बरकरार रहेगा।
12 मई को डीजीएमओ वार्ता, शांति की दिशा में अगला कदम
अब भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य कमांडर्स (DGMO) की अगली बैठक 12 मई को तय मानी जा रही है। इस बैठक में संघर्षविराम की स्थिति, सीमा पर भरोसे की बहाली और आगे की रणनीतियों पर चर्चा की जाएगी।
जनता में चिंता, सरकार पर बढ़ा दबाव
श्रीनगर में हुए धमाकों ने आम नागरिकों में एक बार फिर दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। ओमर अब्दुल्ला की नाराजगी और जनता की बेचैनी सरकार पर दबाव बना रही है कि केवल घोषणाओं से नहीं, जमीनी स्तर पर शांति की बहाली सुनिश्चित की जाए।
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