भारत के महान स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया है। 38 वर्षीय अश्विन ने गाबा टेस्ट के बाद आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस खबर को साझा किया। इस मौके पर उनके साथ भारतीय कप्तान रोहित शर्मा भी मौजूद थे। अश्विन के संन्यास की खबर ने क्रिकेट प्रेमियों और खेल जगत को चौंका दिया है, क्योंकि वह भारतीय टीम के स्पिन विभाग की रीढ़ माने जाते थे।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में भावुक विदाई
प्रेस कॉन्फ्रेंस में अश्विन ने अपने करियर और भारतीय टीम के साथ बिताए पलों को याद किया। उन्होंने अपने साथी खिलाड़ियों, कोचों और प्रशंसकों का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा, “यह फैसला मेरे लिए आसान नहीं था, लेकिन हर खिलाड़ी के जीवन में ऐसा समय आता है जब उसे आगे बढ़ने का निर्णय लेना पड़ता है। भारतीय टीम के लिए खेलना मेरे जीवन का सबसे बड़ा सम्मान रहा है।”
कोहली के साथ ड्रेसिंग रूम में भावुक पल
संन्यास की घोषणा से पहले अश्विन को ड्रेसिंग रूम में विराट कोहली के साथ देखा गया। इस दौरान कोहली ने उन्हें गले लगाकर शुभकामनाएं दीं। यह पल टीम के बाकी खिलाड़ियों के लिए भी भावुक था, क्योंकि अश्विन ने लंबे समय तक भारतीय टीम को अपनी गेंदबाजी से सफलता दिलाई है।
अश्विन का शानदार करियर
रविचंद्रन अश्विन ने 2011 में अपने टेस्ट करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने अपने डेब्यू टेस्ट से ही अपनी उपयोगिता साबित की और भारतीय टीम के अहम गेंदबाज बन गए।
- टेस्ट में रिकॉर्ड:
अश्विन ने 106 टेस्ट मैचों में 537 विकेट चटकाए। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 59 रन देकर 7 विकेट रहा। औसत 24.00 और स्ट्राइक रेट 50.73 के साथ वह टेस्ट क्रिकेट में सबसे प्रभावी स्पिनरों में से एक रहे। - वनडे और टी20:
अश्विन ने 113 वनडे मैचों में 151 विकेट लिए, जबकि 68 टी20 मैचों में 61 विकेट हासिल किए। - कुल अंतरराष्ट्रीय विकेट:
287 मैचों में 765 विकेट लेकर अश्विन ने भारतीय क्रिकेट में अपना नाम स्वर्ण अक्षरों में दर्ज किया।
टेस्ट में दूसरा सबसे ज्यादा विकेट लेने वाला भारतीय
अश्विन टेस्ट क्रिकेट में भारत के लिए सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले दूसरे गेंदबाज हैं। उनसे आगे केवल अनिल कुंबले हैं, जिनके नाम 619 विकेट हैं। अश्विन ने स्पिन गेंदबाजी में कई नए आयाम जोड़े और भारतीय सरजमीं पर विपक्षी टीमों के लिए सबसे बड़ा खतरा बने रहे।
संन्यास का कारण
हालांकि अश्विन ने अपने संन्यास का कारण स्पष्ट रूप से नहीं बताया, लेकिन माना जा रहा है कि उम्र और लगातार क्रिकेट खेलने के दबाव के चलते उन्होंने यह निर्णय लिया। अश्विन ने यह भी कहा कि वह अब अपने परिवार के साथ अधिक समय बिताना चाहते हैं और युवा खिलाड़ियों के लिए जगह बनाना जरूरी है।
क्रिकेट के लिए योगदान
अश्विन न केवल अपनी गेंदबाजी के लिए बल्कि अपनी बल्लेबाजी और क्रिकेट की समझ के लिए भी जाने जाते थे। उन्होंने कई बार मुश्किल परिस्थितियों में अपनी टीम के लिए रन बनाए। अश्विन के क्रिकेटिंग दिमाग और रणनीति ने भारतीय टीम को कई मैच जिताए।
क्रिकेट जगत की प्रतिक्रिया
अश्विन के संन्यास पर क्रिकेट जगत की कई बड़ी हस्तियों ने प्रतिक्रिया दी है। भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली ने उन्हें शुभकामनाएं दीं। अनिल कुंबले और हरभजन सिंह जैसे दिग्गज स्पिनरों ने अश्विन को भारतीय क्रिकेट का महान सपूत बताया।
अश्विन का भविष्य
संन्यास के बाद अश्विन ने संकेत दिया है कि वह क्रिकेट से जुड़े रहेंगे। उन्होंने कहा कि वह युवा खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करने और अपनी विशेषज्ञता साझा करने के लिए तैयार हैं। अश्विन का अनुभव भारतीय क्रिकेट के लिए आने वाले समय में अमूल्य साबित हो सकता है।
अश्विन की विदाई का मतलब
अश्विन का संन्यास भारतीय क्रिकेट के लिए एक युग का अंत है। उनके जैसे खिलाड़ी बार-बार नहीं आते। उन्होंने न केवल अपने प्रदर्शन से बल्कि अपनी सोच और खेल के प्रति समर्पण से नई पीढ़ी के खिलाड़ियों को प्रेरित किया है।
अश्विन का करियर हर युवा क्रिकेटर के लिए एक प्रेरणा है, और भारतीय क्रिकेट में उनकी विरासत हमेशा याद की जाएगी।