सियोल, (जनवरी 2025) – दक्षिण कोरिया के पद से हटाए गए राष्ट्रपति यून सुक-योल को बुधवार को उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया गया। उन पर 3 दिसंबर 2024 को देश में मार्शल लॉ (आपातकाल) लागू करने की कोशिश करने के आरोप में आपराधिक जांच चल रही है। हालांकि, संसद ने महज तीन घंटे बाद इस आपातकाल के फैसले को पलट दिया था। इसके बाद 14 दिसंबर को संसद ने उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित किया और उन्हें राष्ट्रपति पद से हटा दिया।
महाभियोग पर सुनवाई की तारीख के पहले गिरफ्तारी
14 जनवरी 2025 को सर्वोच्च न्यायालय में महाभियोग पर सुनवाई होनी थी, जिसके लिए राष्ट्रपति यून को कोर्ट में पेश होना था। हालांकि, उन्होंने 13 जनवरी को कोर्ट में पेश नहीं होने का निर्णय लिया, जिससे उनकी गिरफ्तारी की संभावना जताई जा रही थी। इसके बाद जांच एजेंसियों ने बुधवार सुबह गिरफ्तारी वारंट जारी किया।
गिरफ्तारी के समय भारी विरोध का सामना
जब पुलिस यून सुक-योल को गिरफ्तार करने उनके घर पहुंची, तो उन्हें जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ा। रिपोर्ट के अनुसार, गिरफ्तारी के लिए 1000 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे। यून के समर्थकों ने राष्ट्रपति आवास के बाहर भारी विरोध प्रदर्शन किया। सुरक्षा गार्ड्स ने पुलिस को रोकने के लिए बैरिकेडिंग की, और सत्ताधारी पार्टी के सांसदों और योल के वकीलों ने भी पुलिस को रोका। इस दौरान, प्रदर्शनकारियों की संख्या हजारों में पहुंच गई थी, और वे राष्ट्रपति के आवास के बाहर इकट्ठा हो गए थे।
पुलिस ने सीढ़ी का इस्तेमाल कर घर में प्रवेश किया
यून सुक-योल के घर के बाहर बढ़ते हुए विरोध के बावजूद, पुलिस ने सीढ़ी का इस्तेमाल कर उनके आवास में प्रवेश किया। इससे पहले, 3 जनवरी 2025 को पुलिस ने भ्रष्टाचार से संबंधित मामलों में उनकी गिरफ्तारी की कोशिश की थी। उस समय, राष्ट्रपति के सुरक्षा गार्ड्स ने पुलिस को गेट पर ही रोक दिया था, और विरोध प्रदर्शनकारियों ने भी पुलिस का विरोध किया था। यह हंगामा करीब छह घंटे तक चला, जिसके बाद पुलिस को बिना किसी गिरफ्तारी के वापस लौटना पड़ा था।
मूल मामले का विवरण
मार्शल लॉ लागू करने के मामले में यून सुक-योल पर आरोप है कि उन्होंने 3 दिसंबर 2024 को आपातकाल लागू करने का आदेश दिया था, लेकिन संसद ने इसे महज तीन घंटे बाद पलट दिया। इस निर्णय के बाद, विपक्ष और नागरिक समाज ने उनका विरोध किया और 14 दिसंबर को महाभियोग प्रस्ताव पारित किया। 14 जनवरी को सर्वोच्च न्यायालय में महाभियोग पर सुनवाई होने वाली थी, जिसके लिए यून को पेश होना था, लेकिन उन्होंने कोर्ट में उपस्थित होने से इनकार कर दिया, जिससे उनकी गिरफ्तारी की प्रक्रिया शुरू हो गई।
दक्षिण कोरिया में राष्ट्रपति यून सुक-योल की गिरफ्तारी को लेकर पूरे देश में राजनीतिक उथल-पुथल मच गई है। जहां एक ओर यून के समर्थक विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर उनकी गिरफ्तारी को लेकर न्यायिक प्रक्रिया पूरी की जा रही है। इस मामले में आने वाले दिनों में और भी घटनाक्रम सामने आ सकते हैं, जो दक्षिण कोरिया के राजनीति और कानूनी व्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं।