July 4, 2025 7:10 PM

सोपोर में तीन आतंकी मददगार गिरफ्तार, पाकिस्तान समर्थित संगठनों से थे जुड़े- इलेक्ट्रॉनिक नेटवर्क से आतंकियों के संपर्क में रहते थे, पीएसए के तहत भेजा गया जेल

सोपोर में तीन आतंकी मददगार गिरफ्तार,

सोपोर में तीन आतंकी मददगार गिरफ्तार, पाकिस्तान समर्थित संगठनों से थे जुड़े

सोपोर (जम्मू-कश्मीर)। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा एजेंसियों को बड़ी सफलता मिली है। सोपोर पुलिस ने शुक्रवार को तीन ऐसे व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है, जो पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों के लिए काम कर रहे थे और राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में सक्रिय भूमिका निभा रहे थे।

पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपी प्रतिबंधित इलेक्ट्रॉनिक संचार माध्यमों का इस्तेमाल कर आतंकियों के संपर्क में रहते थे। वे लगातार सीमापार सक्रिय आतंकवादी संगठनों से एन्क्रिप्टेड वीओआईपी प्लेटफॉर्म और वीपीएन नेटवर्क के जरिए जुड़े हुए थे। इसके अलावा, ये आरोपी स्थानीय युवाओं को आतंकी गतिविधियों की ओर उकसाने और जोड़ने का प्रयास भी कर रहे थे।

आरोपियों की पहचान

पुलिस ने तीनों आरोपियों की पहचान इस प्रकार की है:

  1. इरफान मोहिउद्दीन डार, पुत्र मोहिउद्दीन डार, निवासी संग्रामपोरा सोपोर
  2. मोहम्मद आसिफ खान, पुत्र अबू रहमान खान, निवासी हरवान बोमई
  3. गौहर मकबूल राथर, पुत्र मोहम्मद मकबूल राथर, निवासी हरदुशिवा

इन तीनों के खिलाफ पहले भी गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत कई मामले दर्ज हैं। बावजूद इसके ये लगातार आतंकी संगठनों के लिए गुप्त रूप से काम कर रहे थे।

पीएसए के तहत हुई कार्रवाई

पुलिस ने बताया कि इन व्यक्तियों की गतिविधियों को लंबे समय से मॉनिटर किया जा रहा था। उनकी गतिविधियों से संबंधित विस्तृत डोजियर तैयार किया गया और इसके बाद इन्हें सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (PSA) के तहत गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार किए गए आरोपियों को फिलहाल कोट भलवाल जेल भेज दिया गया है।

क्यों है यह गिरफ्तारी अहम?

इस गिरफ्तारी को जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी कामयाबी माना जा रहा है, क्योंकि ये लोग लंबे समय से सीमा पार से संचालित आतंकी नेटवर्क का हिस्सा बने हुए थे। इनका उद्देश्य राज्य में युवाओं को गुमराह कर आतंक के रास्ते पर ले जाना था, जिससे क्षेत्र की शांति और संप्रभुता को नुकसान पहुंचाया जा सके।

पुलिस की इस सख्त कार्रवाई से यह संकेत मिलता है कि जम्मू-कश्मीर में आतंकी नेटवर्क को जड़ से खत्म करने के लिए सरकार और सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।



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