पूर्वी सिंहभूम।
झारखंड के सोनारी विमानतल पर मंगलवार सुबह एक बड़ा हादसा टल गया, जब भुवनेश्वर से आने वाला इंडिया वन एयर का 19 सीटर विमान लैंडिंग के दौरान अचानक फिसल गया। विमान रनवे से फिसलकर उत्तर दिशा की ओर घास के मैदान में जाकर रुका। घटना के समय विमान में दो पायलट समेत कुल 9 यात्री सवार थे। सभी यात्री सुरक्षित हैं, हालांकि एक को मामूली चोट आई जिसे प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई।

घबराए यात्री, अफरा-तफरी का माहौल
लैंडिंग के समय आए तेज झटके के बाद विमान में चीख-पुकार और डर का माहौल बन गया। कई यात्री घबरा गए और कुछ रोने लगे। हालांकि पायलट की तत्परता और सूझबूझ से तुरंत विमान को नियंत्रित किया गया और सभी यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।
बारिश बनी हादसे की वजह!
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, लगातार हो रही बारिश के चलते रनवे गीला और फिसलनभरा हो गया था, जिसके कारण विमान का संतुलन बिगड़ गया और वह रनवे छोड़कर घास वाले क्षेत्र में जा पहुंचा।

फायर ब्रिगेड और जांच एजेंसियां सक्रिय
घटना की सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की टीम और रेस्क्यू कर्मचारी मौके पर पहुंचे। यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए आपातकालीन व्यवस्था सक्रिय की गई।
इस बीच, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) और विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) की टीम ने विमानतल पहुंचकर जांच शुरू कर दी है।
पहले भी उठ चुके हैं सवाल
गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है, जब सोनारी विमानतल पर लैंडिंग से जुड़ी कोई समस्या सामने आई हो। पूर्व में भी यात्रियों और पायलटों द्वारा रनवे की गुणवत्ता, सुरक्षा उपायों और बुनियादी सुविधाओं को लेकर शिकायतें की जा चुकी हैं।
इस घटना ने एक बार फिर से विमानतल की तैयारियों, सतर्कता और तकनीकी रखरखाव पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेष रूप से रनवे की जलनिकासी व्यवस्था और बारिश के समय की सुरक्षा मानकों पर पुनर्विचार की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
प्रशासन की चुप्पी
हैरानी की बात यह है कि अब तक विमानतल प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। यह चुप्पी यात्रियों और आम नागरिकों में असुरक्षा की भावना को और गहरा कर रही है।
यात्री बोले – जान बची तो लाखों पाए
हादसे के बाद कई यात्रियों ने कहा कि लैंडिंग के समय ऐसा महसूस हुआ कि जान बचना मुश्किल है। एक यात्री ने बताया, “हम सब डर के मारे एक-दूसरे को पकड़कर बैठे थे। जैसे ही विमान झटका खाकर घास में घुसा, लगा अब सब कुछ खत्म हो जाएगा।”

जांच के बाद उठेंगे आवश्यक कदम?
अब देखना यह होगा कि विमानपत्तन प्राधिकरण और जांच एजेंसियां इस घटना की रिपोर्ट के आधार पर क्या ठोस कदम उठाते हैं, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो और यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि बनी रहे।
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