August 1, 2025 12:29 PM

सोना कॉम्स्टार में पारिवारिक विरासत को लेकर संग्राम: पूर्व चेयरमैन संजय कपूर की मौत के बाद मां रानी कपूर ने उठाए गंभीर सवाल

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कोर्ट तक पहुंच सकता है विवाद– कंपनी पर जबरन दस्तावेज़ साइन कराने, गैरकानूनी नियुक्तियों और पारिवारिक संपत्ति हड़पने के आरोप

सोना कॉम्स्टार में पारिवारिक विवाद: संजय कपूर की मौत के बाद मां रानी कपूर ने लगाए गंभीर आरोप

नई दिल्ली। देश की जानी-मानी ऑटो कंपोनेंट निर्माता कंपनी सोना कॉम्स्टार इस समय एक बड़े पारिवारिक और कॉरपोरेट विवाद के केंद्र में आ चुकी है। कंपनी के पूर्व चेयरमैन संजय कपूर की हाल ही में ब्रिटेन में दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई थी। उनकी मौत के कुछ ही दिनों बाद, उनकी मां और कंपनी की पूर्व चेयरपर्सन रानी कपूर ने गंभीर आरोप लगाते हुए मामला सार्वजनिक किया है, जो अब कोर्ट और सेबी जैसे संस्थानों तक पहुंचने की कगार पर है।


क्या है पूरा मामला?

संजय कपूर की मृत्यु 24 जुलाई को हुई, और उसी दिन रानी कपूर ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) को पत्र लिखकर दावा किया कि उनके बेटे की मृत्यु के बाद जब वे गहरे सदमे में थीं, तब उनसे जबरन कई दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवाए गए। उन्होंने कहा कि कुछ लोग कपूर परिवार की विरासत हड़पने की कोशिश कर रहे हैं।


रानी कपूर का आरोप: बोर्ड में नियुक्तियां मेरी सहमति के बिना

रानी कपूर ने अपने पत्र में यह भी कहा कि उन्होंने कभी भी किसी व्यक्ति को कंपनी के बोर्ड में या सोना ग्रुप की अन्य कंपनियों में अपना प्रतिनिधि नियुक्त नहीं किया, इसके बावजूद 25 जुलाई को हुई एनुअल जनरल मीटिंग (AGM) में संजय कपूर की पत्नी प्रिया सचदेव कपूर को 99.4% वोटों से नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर नियुक्त किया गया।


कंपनी का पक्ष: रानी 2019 से शेयरहोल्डर नहीं हैं

सोना कॉम्स्टार की ओर से दिए गए आधिकारिक बयान में कहा गया है कि रानी कपूर 2019 से कंपनी की शेयरहोल्डर नहीं रही हैं। मई 2019 में कंपनी को एक घोषणा प्राप्त हुई थी, जिसमें संजय कपूर को RK फैमिली ट्रस्ट का एकमात्र लाभकारी मालिक बताया गया था, जो कंपनी में बड़े शेयरधारक औरियस इनवेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड को नियंत्रित करता है।

कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया कि AGM पूरी तरह से नियमों और रेगुलेटरी टाइमलाइन के अनुसार आयोजित की गई थी और रानी कपूर से कोई भी दस्तावेज दबाव में साइन नहीं करवाया गया।


कंपनी की शुरुआत और मौजूदा स्थिति

सोना कॉम्स्टार की स्थापना संजय कपूर के पिता सुरिंदर कपूर ने की थी। आज इस कंपनी की वैल्यूएशन करीब 30 हजार करोड़ रुपये है। कपूर परिवार के पास औरियस इनवेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से कंपनी में 28.02% हिस्सेदारी (लगभग 8,400 करोड़ रुपए) है। रानी कपूर का दावा है कि सुरिंदर कपूर ने 2015 में एक वसीयत तैयार की थी, जिसमें उन्हें कंपनी की सबसे बड़ी शेयरहोल्डर घोषित किया गया था।


प्रिया सचदेव कपूर की नियुक्ति का विवाद

रानी कपूर का कहना है कि प्रिया सचदेव कपूर, जो संजय कपूर की दूसरी पत्नी हैं, उन्हें नॉमिनेशन के नाम पर बोर्ड में शामिल किया गया है, जबकि रानी की जानकारी या सहमति से ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया। रानी के अनुसार, यह पूरी प्रक्रिया पारदर्शिता से परे है और कानूनी तौर पर अनुचित है।


अदालत का दरवाज़ा खटखटाने की तैयारी

सूत्रों के अनुसार, रानी कपूर अब जल्द ही हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर सकती हैं, जिसमें वह खुद को कंपनी की कानूनी शेयरहोल्डर घोषित करने और AGM में वोटिंग रोकने की मांग कर सकती हैं। इसके साथ ही वे नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) में भी कंपनी पर मिसमैनेजमेंट और उत्पीड़न (harassment) के आरोप लगाकर मामला दर्ज कर सकती हैं।

हालांकि, रानी कपूर के वकील वैभव गग्गर ने कहा है कि अभी तक उन्होंने कानूनी कार्रवाई शुरू नहीं की है, लेकिन स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अगला कदम जल्द उठाया जा सकता है।


संजय कपूर का निजी जीवन और पारिवारिक पृष्ठभूमि

संजय कपूर, जो इस समय विवाद के केंद्र में हैं, बॉलीवुड अभिनेत्री करिश्मा कपूर के पूर्व पति रह चुके हैं। दोनों की शादी 2003 में हुई थी और उनके दो बच्चे हैं — बेटी समायरा (2005) और बेटा कियान (2011)। दोनों का तलाक 2016 में हो गया था। इसके बाद संजय ने 2017 में प्रिया सचदेव से विवाह किया।


क्या कहती है विशेषज्ञ राय?

कॉरपोरेट मामलों के जानकारों का मानना है कि यदि वसीयत से संबंधित दस्तावेज और रानी कपूर के हस्ताक्षर संबंधी आरोप साबित हो जाते हैं, तो यह मामला कॉरपोरेट गवर्नेंस और शेयरहोल्डर अधिकारों की दृष्टि से एक बड़ा उदाहरण बन सकता है। विशेषकर जब एक पारिवारिक व्यवसाय में उत्तराधिकार, नियंत्रण और निर्णय लेने की प्रक्रिया विवादास्पद हो जाए, तब ऐसे मुद्दे अदालत की निगरानी में ही सुलझ पाते हैं।


आने वाले दिनों में बढ़ सकता है विवाद

सोना कॉम्स्टार जैसी प्रतिष्ठित कंपनी में उत्पन्न यह पारिवारिक और कॉरपोरेट विवाद न केवल शेयरधारकों बल्कि उद्योग जगत और नियामकों की भी निगाह में है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आगे रानी कपूर किस प्रकार की कानूनी कार्रवाई करती हैं और क्या न्यायालय इस मामले में किसी तरह की अंतरिम राहत या दखल देता है।



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