नई दिल्ली: भारतीय तटरक्षक बल (Indian Coast Guard – ICG) ने उत्तरी अरब सागर में एक भारतीय पोत एमएसवी ‘ताज धारे हरम’ के चालक दल के नौ सदस्यों को बचा लिया। यह घटना 26 दिसंबर को घटित हुई, जब भारतीय पोत मुंद्रा (गुजरात) से यमन के सोकोत्रा की ओर जा रहा था और समुद्र में बाढ़ और लहरों के कारण वह संकट में फंस गया। पोत का संपर्क टूटने के बाद भारतीय तटरक्षक बल ने तत्काल बचाव अभियान शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान की समुद्री सुरक्षा एजेंसी (Maritime Security Agency – MSA) ने भी सहयोग किया।
घटना का विवरण:
26 दिसंबर को, जब पोत मुंद्रा से रवाना होकर यमन के सोकोत्रा की ओर बढ़ रहा था, तो अचानक समुद्र में उठी लहरों और बाढ़ के कारण पोत डूबने की स्थिति में पहुंच गया। यह घटना पाकिस्तान के समुद्री क्षेत्र में घटित हुई, जहां पोत के चालक दल को बचाने के लिए तुरंत समुद्री बचाव कार्य शुरू किया गया।
बचाव अभियान की शुरुआत:
भारतीय तटरक्षक बल के डोर्नियर विमान की नियमित निगरानी उड़ान के दौरान इस संकट का पता चला। जैसे ही सूचना मिली, समुद्री बचाव समन्वय केंद्र (MRCC) के माध्यम से मुंबई और गांधीनगर के संबंधित अधिकारियों को सतर्क किया गया। इसके बाद, समुद्र में पहले से गश्त कर रहे आईसीजीएस शूर को तुरंत घटनास्थल के पास तेज़ी से भेजा गया।
पाकिस्तान का सहयोग:
इस घटनाक्रम में पाकिस्तान की समुद्री सुरक्षा एजेंसी (MSA) ने भारतीय तटरक्षक बल का सहयोग किया। दोनों देशों के समुद्री बचाव समन्वय केंद्रों (MRCC) के बीच निरंतर संवाद बना रहा, जिससे बचाव कार्य को तेजी से और सुरक्षित रूप से अंजाम दिया जा सका। पाकिस्तान के एमआरसीसी ने भी क्षेत्र में मौजूद नाविकों को सतर्क किया और भारतीय तटरक्षक बल को तुरंत सहायता प्रदान करने का आह्वान किया।
बचाव और सुरक्षित वापसी:
बचाव अभियान के बाद, भारतीय तटरक्षक बल के द्वारा पोत के चालक दल के सभी नौ सदस्यों को सुरक्षित रूप से बचा लिया गया और एक जीवन रक्षक बेड़े पर लाकर पोरबंदर तट पर लाया गया। चालक दल के सदस्य जहाज को छोड़कर समुद्र में शरण लेने के लिए विवश हो गए थे, और तटरक्षक बल ने उन्हें समुद्र से बाहर निकालकर बचाया।
इस पूरे मिशन के दौरान, दोनों देशों के समुद्री बचाव समन्वय केंद्रों ने आपसी सहयोग और समन्वय बनाए रखा, जिससे यह महत्वपूर्ण बचाव कार्य सफल हो सका। भारतीय तटरक्षक बल की तत्परता और पाकिस्तान की समुद्री सुरक्षा एजेंसी का समर्थन इस आपातकालीन स्थिति में एक सराहनीय कदम रहा।