हाल ही में रिलीज हुई फिल्म ‘द साबरमती रिपोर्ट’ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इसकी सराहना की। यह फिल्म 2002 के गुजरात के गोधरा कांड पर आधारित है, जिसमें साबरमती एक्सप्रेस में हुए भीषण हादसे और उसके बाद उपजे साम्प्रदायिक तनाव को केंद्र में रखा गया है।
फिल्म की कहानी और विषय-वस्तु
‘द साबरमती रिपोर्ट’ का निर्देशन भारतीय सिनेमा के प्रसिद्ध निर्देशक ने किया है और फिल्म में गुजरात के गोधरा कांड की घटनाओं का फिल्मांकन बड़े सजीव और संवेदनशील तरीके से किया गया है। कहानी का मुख्य केंद्र गोधरा ट्रेन हादसे के बाद की घटनाओं पर आधारित है, जिसमें ट्रेन में आग लगने से कई यात्रियों की मौत हो गई थी। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था और इसके बाद गुजरात में साम्प्रदायिक तनाव का माहौल पैदा हुआ, जो उस समय की सबसे संवेदनशील घटनाओं में से एक था।
फिल्म में इस घटना के पीछे की सच्चाई और उसके बाद के संघर्षों को दिखाने की कोशिश की गई है। निर्देशक ने सच्चाई और तथ्यों को रखते हुए मानवीय संवेदनाओं का पूरा ध्यान रखा है, ताकि एक संतुलित दृष्टिकोण प्रस्तुत किया जा सके। यह फिल्म न केवल घटना के प्रभावों को दर्शाती है, बल्कि साम्प्रदायिक एकता और सांप्रदायिक सौहार्द का संदेश भी देने का प्रयास करती है।
पीएम मोदी और अमित शाह की प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फिल्म की प्रशंसा करते हुए इसे सच्चाई के करीब बताया और कहा कि “यह फिल्म इतिहास के उस काले अध्याय को याद दिलाती है, जिसे हमें कभी नहीं भूलना चाहिए।” उन्होंने निर्देशक की तारीफ करते हुए कहा कि फिल्म ने गोधरा कांड और उसके बाद की स्थितियों को सही तरीके से चित्रित किया है, जो समाज में एकता और शांति की भावना को प्रोत्साहित करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी फिल्म की सराहना की और इसे ‘एक आवश्यक फिल्म’ करार दिया। उन्होंने कहा, “यह फिल्म उन सभी लोगों को एक सजीव स्मरण कराती है जिन्होंने उस भयावह घटना में अपने प्रियजनों को खोया। यह फिल्म एक शिक्षाप्रद फिल्म है, जो हमें इतिहास से सीखने और शांति के मार्ग पर आगे बढ़ने का संदेश देती है।”
फिल्म का सामाजिक प्रभाव और दर्शकों की प्रतिक्रिया
फिल्म की रिलीज के बाद से ही यह चर्चा का विषय बनी हुई है। समीक्षकों ने इसे एक शक्तिशाली और वास्तविक प्रस्तुति करार दिया है, जिसमें दर्शकों के लिए एक शिक्षाप्रद संदेश है। दर्शकों का मानना है कि इस फिल्म ने उन्हें गोधरा कांड और उसके बाद की वास्तविकता को समझने में मदद की है। कई लोग इसे वर्तमान समय में प्रासंगिक मानते हैं और कहते हैं कि यह समाज में शांति और साम्प्रदायिक सद्भावना की भावना को बढ़ावा देने में मदद करेगी।
निष्कर्ष
‘द साबरमती रिपोर्ट’ सिर्फ एक फिल्म नहीं है, बल्कि एक यादगार दस्तावेज है, जो इतिहास की सच्चाई को सामने लाने का साहस रखती है। प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह द्वारा की गई सराहना के बाद इसे लेकर दर्शकों में उत्सुकता और बढ़ गई है। फिल्म के माध्यम से एकता और साम्प्रदायिक सौहार्द का संदेश देने की यह कोशिश निश्चित रूप से सराहनीय है।