July 10, 2025 8:12 PM

कोविड मामलों में हल्की गिरावट, देश में एक्टिव केस घटे; केरल में एक और मौत

  • पिछले 24 घंटे में देश में नए कोविड मामलों की तुलना में स्वस्थ होने वालों की संख्या अधिक रही

नई दिल्ली। देशभर में कोविड-19 संक्रमण को लेकर लंबे समय बाद थोड़ी राहत की तस्वीर सामने आई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा 13 जून को जारी ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटे में देश में नए कोविड मामलों की तुलना में स्वस्थ होने वालों की संख्या अधिक रही। यह गिरावट भले ही मामूली हो, लेकिन यह दर्शाती है कि संक्रमण की रफ्तार थोड़ी धीमी पड़ी है।

7131 सक्रिय मामले, एक दिन में 23 की कमी

13 जून की सुबह तक देशभर में कोविड-19 के कुल एक्टिव केस 7131 रह गए हैं, जो इससे पिछले दिन यानी 12 जून को 7154 थे। यानि बीते 24 घंटों में एक्टिव मामलों में 23 की कमी दर्ज हुई। इसी अवधि में 200 नए संक्रमण के मामले सामने आए, जबकि 223 लोग ठीक हुए। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 1420 लोगों को पिछले 24 घंटे में रिकवर घोषित किया गया है।

राज्यवार संक्रमण दर में गुजरात सबसे आगे

राज्यवार आँकड़ों पर नजर डालें तो बीते दिन सबसे अधिक 77 नए केस गुजरात में दर्ज हुए। इसके बाद राजस्थान में 32, उत्तर प्रदेश में 24, जबकि आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में 14-14 नए मामले आए। इसके अतिरिक्त असम में 7, हरियाणा व झारखंड में 5-5, पुडुचेरी में 4, लद्दाख में 3 और ओडिशा में एक नया मामला रिपोर्ट किया गया।

केरल में एक और मौत, नए वैरिएंट से बढ़ा खतरा

हालांकि राहत की इस स्थिति के बीच चिंता की बात यह है कि मौतों का सिलसिला अभी थमा नहीं है। पिछले 24 घंटे में केरल में कोविड से एक 82 वर्षीय बुजुर्ग की मौत हुई है। इससे पहले 12 जून को तीन लोगों की मौत हुई थी, जिनमें महाराष्ट्र में दो और मध्य प्रदेश व पश्चिम बंगाल में एक-एक मरीज शामिल थे। कुल मिलाकर कोविड के नए वैरिएंट से अब तक देश में 78 मौतें दर्ज की गई हैं, जिनमें से महाराष्ट्र में सबसे अधिक 21 और केरल में 20 लोगों की जान गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि नए वैरिएंट्स में संक्रमण का स्तर कम है, लेकिन बुजुर्ग और बीमार लोगों के लिए यह अभी भी खतरे से खाली नहीं है।

एहतियात ज़रूरी

स्वास्थ्य मंत्रालय लगातार यह सलाह दे रहा है कि बुजुर्ग, गंभीर बीमारियों से ग्रसित और कमजोर इम्यूनिटी वाले नागरिकों को विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए। भले ही कोविड की लहर अब पहले जैसी नहीं रही, लेकिन नए वैरिएंट्स का असर सीमित रहते हुए भी जानलेवा साबित हो सकता है।

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