July 31, 2025 4:34 PM

कौशल विकास आधारित हो शिक्षा, ताकि युवाओं को रोजगार मिले: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव-

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‘विकसित भारत 2047’ अंतर्गत राष्ट्रीय कार्यशाला में हुआ शिक्षा प्रणाली का पुनरावलोकन- राज्यपाल बोले, स्थानीय रोजगार को दृष्टिगत रखते हुए पाठ्यक्रम हो तैयार

कौशल आधारित शिक्षा से मिलेगा युवाओं को रोजगार: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भोपाल।
राजधानी भोपाल स्थित कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में बुधवार को उच्च शिक्षा विभाग द्वारा “विकसित मध्यप्रदेश 2047: रोजगार आधारित शिक्षा-रुझान एवं नए अवसर” विषय पर राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन हुआ। इस अवसर पर मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कार्यक्रम को संबोधित किया। कार्यशाला का उद्देश्य बदलते समय में शिक्षा को रोजगारोन्मुख बनाना और युवाओं को आत्मनिर्भरता की दिशा में अग्रसर करना रहा।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि शिक्षा केवल डिग्री तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि यह युवाओं के समग्र विकास और आत्मनिर्भरता का आधार बने। उन्होंने कहा कि प्रदेश में युवाओं के लिए शिक्षा कौशल विकास पर केंद्रित होनी चाहिए, जिससे उन्हें रोजगार के अवसर मिल सकें। डॉ. यादव ने बताया कि प्रदेश सरकार ने नई शिक्षा नीति (एनईपी) के अंतर्गत 10 हजार से अधिक शैक्षणिक संस्थानों में बदलाव की दिशा में कार्य शुरू कर दिया है।

शिक्षा का भारतीय मूल्यों से होना चाहिए मेल

मुख्यमंत्री ने लार्ड मैकाले की शिक्षा व्यवस्था की आलोचना करते हुए कहा कि स्वतंत्रता के बाद 2020 तक देश कभी भी उस ढांचे से बाहर निकलने का साहस नहीं कर सका। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में बनी नई शिक्षा नीति को भारतीय मूल्यों और परंपराओं के अनुरूप बताया। डॉ. यादव ने बताया कि मध्यप्रदेश में 64 कलाओं की परंपरा रही है, इसलिए यहां भगवान श्रीकृष्ण भी शिक्षा ग्रहण करने के लिए उज्जैन के सांदीपनि आश्रम आए थे।

तकनीकी शिक्षा में नया विस्तार

मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश के विश्वविद्यालयों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, क्लाउड कंप्यूटिंग, बायोटेक्नोलॉजी और डेटा साइंस जैसे आधुनिक कोर्स शुरू किए गए हैं। इससे युवाओं को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भाग लेने का अवसर मिलेगा। साथ ही उन्होंने बताया कि प्रदेश दूध उत्पादन में देश में तीसरे स्थान पर है और पशुधन की संख्या 6 करोड़ से अधिक है। इसलिए राज्य में वेटेनरी कॉलेजों की संख्या बढ़ाई जा रही है।

राज्यपाल पटेल ने दी शिक्षा सुधार की दिशा में सुझाव

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि रोजगारोन्मुख शिक्षा भविष्य की तैयारी का एक सशक्त मंच है। उन्होंने विश्वविद्यालयों से आग्रह किया कि वे स्थानीय स्तर पर रोजगार की संभावनाओं की पहचान कर उसी के अनुरूप पाठ्यक्रम तैयार करें। राज्यपाल ने शिक्षा को समाज की रीढ़ बताते हुए कहा कि यह व्यक्ति, समाज और राष्ट्र को सक्षम बनाती है। उन्होंने कहा कि शिक्षा प्रणाली ऐसी होनी चाहिए, जो विद्यार्थियों को रोजगार के साथ आत्मनिर्भर भी बनाए।

संस्कारों के साथ शिक्षा देना हमारी परंपरा: मंत्री परमार

उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि भारत की शिक्षा पद्धति में संस्कार और रोजगार दोनों का समावेश सदैव रहा है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति और जवाबदेही तय करने की दिशा में प्रदेश का प्रयास देशभर में मिसाल बनेगा। उन्होंने बताया कि शिक्षा के क्षेत्र में उठाए गए कदम प्रदेश के इतिहास में मील का पत्थर साबित होंगे।

विचार साझा करने पहुंचे विशेषज्ञ

कार्यशाला में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र, नई दिल्ली के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी, आईईयूएसी के निदेशक डॉ. एसी पांडे और मध्यप्रदेश निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के अध्यक्ष प्रो. भरत शरण सिंह ने भी अपने विचार साझा किए। राज्यपाल का स्वागत उच्च शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव अनुपम राजन ने पौधा, श्रीफल, अंग वस्त्र और स्मृति चिह्न देकर किया।



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