- हेनले पासपोर्ट इंडेक्स ने जारी की सूची
नई दिल्ली।
साल 2025 के पहले छह महीने के लिए दुनिया के सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट की रैंकिंग जारी हो गई है। यह प्रतिष्ठित सूची हेनले एंड पार्टनर्स ने प्रकाशित की है, जो कि पासपोर्ट की रैंकिंग तैयार करने के लिए वीजा-फ्री यात्रा की क्षमता का विश्लेषण करती है। रैंकिंग का आधार यह होता है कि एक पासपोर्ट धारक कितने देशों में बिना वीजा के यात्रा कर सकता है।
हेनले पासपोर्ट इंडेक्स के मुताबिक, सिंगापुर का पासपोर्ट दुनिया का सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट है, जिसे रखने वाले लोग दुनिया के 195 देशों में वीजा-फ्री यात्रा कर सकते हैं। सिंगापुर ने पिछले कुछ वर्षों से यह स्थान बरकरार रखा है और अब भी सबसे ताकतवर पासपोर्ट के रूप में अपनी स्थिति कायम रखे हुए है।
भारत की स्थिति:
भारत की स्थिति इस रैंकिंग में 85वें नंबर पर है। भारतीय पासपोर्ट धारक केवल 57 देशों में ही वीजा-फ्री यात्रा कर सकते हैं, जो इस समय के लिए एक बड़ी कमी दर्शाता है। पिछले साल की तुलना में भारत की रैंकिंग 5 अंक गिरकर 85 पर पहुंच गई है। हालांकि, भारत में अब भी कई ऐसे देश हैं जहां भारतीय नागरिक बिना वीजा के प्रवेश कर सकते हैं, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में कई देशों ने भारतीय नागरिकों के लिए वीजा प्रक्रियाओं को कठिन बना दिया है।
दुनिया के सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट के रैंकिंग में अन्य देशों की स्थिति:
- सिंगापुर:
सिंगापुर का पासपोर्ट पहले स्थान पर है और इस पासपोर्ट के धारक 195 देशों में वीजा-फ्री यात्रा कर सकते हैं। - जापान:
जापान का पासपोर्ट दूसरे स्थान पर है। जापानी पासपोर्ट धारक 193 देशों में वीजा-फ्री यात्रा कर सकते हैं। - दक्षिण कोरिया, फ्रांस, जर्मनी, इटली, स्पेन, फिनलैंड:
इन देशों के पासपोर्ट संयुक्त रूप से तीसरे स्थान पर हैं। इन देशों के पासपोर्ट धारक 192 देशों में वीजा-फ्री यात्रा कर सकते हैं। - ऑस्ट्रिया, आयरलैंड, डेनमार्क, लक्जमबर्ग, नॉर्वे, स्वीडन, नीदरलैंड:
इन देशों के पासपोर्ट चौथे स्थान पर हैं। इन पासपोर्ट के जरिए 191 देशों में वीजा-फ्री प्रवेश की अनुमति मिलती है। - न्यूजीलैंड, पुर्तगाल, स्विट्जरलैंड, ब्रिटेन, बेल्जियम:
इन देशों के पासपोर्ट पांचवें स्थान पर हैं, और इन पासपोर्ट धारकों को 190 देशों में वीजा-फ्री प्रवेश की अनुमति है।
पाकिस्तान का पासपोर्ट:
पाकिस्तान का पासपोर्ट दुनिया में सबसे कमजोर पासपोर्ट में शामिल है। पाकिस्तान 33 देशों में वीजा-फ्री प्रवेश के साथ 103वें नंबर पर है। यह रैंकिंग पाकिस्तान के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि इसका पासपोर्ट सबसे कमजोर पासपोर्ट की सूची में शामिल होता है। पाकिस्तान से नीचे की रैंकिंग में अफ्रीकी देशों के पासपोर्ट भी आते हैं, जैसे कि सोमालिया (102वां), फिलिस्तीन, नेपाल और बांग्लादेश की रैंकिंग पाकिस्तान से भी बेहतर है।
रैंकिंग से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारी:
हेनले पासपोर्ट इंडेक्स का उद्देश्य यह दिखाना है कि दुनिया के विभिन्न देशों के पासपोर्ट धारक कितने देशों में वीजा-फ्री यात्रा कर सकते हैं। यह रैंकिंग वैश्विक गतिशीलता को समझने में मदद करती है, जो कि वाणिज्यिक और राजनीतिक संबंधों के विकास के संदर्भ में महत्वपूर्ण है। हर साल यह रैंकिंग अद्यतन होती है, और विभिन्न देशों के पासपोर्टों की ताकत में बदलाव होता रहता है।
इस इंडेक्स में शामिल देशों की रैंकिंग न केवल उनके नागरिकों के लिए यात्रा की सुविधाएं उपलब्ध कराती है, बल्कि यह देशों की वैश्विक स्थिति, कूटनीतिक संबंधों और अंतरराष्ट्रीय विश्वास को भी दर्शाती है।
भारत के लिए भविष्य की दिशा:
भारत में पासपोर्ट की ताकत को बढ़ाने के लिए निरंतर सुधारों की आवश्यकता है। सरकार को विदेश नीति, कूटनीति और व्यापारिक संबंधों को मजबूत करके अन्य देशों के साथ वीजा मुक्त समझौतों पर काम करना होगा ताकि भारतीय नागरिकों को यात्रा की अधिक स्वतंत्रता मिल सके।
इस समय भारत के पासपोर्ट की रैंकिंग जहां है, वहां से उसे सुधारने के लिए बहुत सारी पहल की जा सकती हैं, जिसमें द्विपक्षीय और बहुपक्षीय कूटनीतिक प्रयासों को शामिल किया जा सकता है।