“जब तक आतंकवाद खत्म नहीं होता, सिंधु जल संधि स्थगित रहेगी”: विदेश मंत्री जयशंकर का पाकिस्तान को सख्त संदेश
नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पाकिस्तान को दो टूक शब्दों में चेतावनी दी है कि जब तक वह आतंकवाद के ढांचे को स्थायी रूप से खत्म नहीं करता, भारत सिंधु जल संधि को आगे नहीं बढ़ाएगा। गुरुवार को उन्होंने राजधानी दिल्ली में होंडुरास दूतावास के उद्घाटन समारोह के अवसर पर मीडिया को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान के पास उन आतंकियों की सूची है, जिन्हें भारत ढूंढ़ रहा है — अब वक्त आ गया है कि वो इन आतंकियों को भारत को सौंपे और उनके कैंप्स को नेस्तनाबूद करे।
PoK पर सख्त रुख: “अब केवल एक ही चर्चा शेष है”
जयशंकर ने पाकिस्तान द्वारा कश्मीर मुद्दे पर बातचीत की पेशकश पर करारा जवाब देते हुए कहा कि अब इस विषय पर चर्चा के लिए केवल एक ही बात बची है — वह है पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) को भारत को वापस सौंपना। उन्होंने दोहराया कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और इस पर कोई समझौता नहीं होगा।
तीसरे पक्ष की भूमिका को खारिज किया
विदेश मंत्री ने दोहराया कि भारत की नीति पहले की तरह अब भी स्पष्ट है — कश्मीर और पाकिस्तान से संबंधित मामलों में किसी तीसरे पक्ष की भूमिका या मध्यस्थता को भारत नहीं मानेगा। उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच कोई भी संवाद अगर होगा, तो वह पूरी तरह द्विपक्षीय होगा और उसकी शर्तें भी भारत तय करेगा।
सीजफायर और आतंकी ढांचों को लेकर दिया बड़ा बयान
सीजफायर पर बोलते हुए जयशंकर ने कहा, “अब यह साफ हो गया है कि सीजफायर की याचना कौन कर रहा था। भारत ने जो आतंकी ढांचों को खत्म करने के लक्ष्य तय किए थे, हम उन्हें सफलतापूर्वक पूरा कर चुके हैं। पाकिस्तान की सेना ने पहले भारत की चेतावनियों को गंभीरता से नहीं लिया, और उसका खामियाजा भी अब उन्हें भुगतना पड़ रहा है।”
पहलगाम आतंकी हमले पर मिला वैश्विक समर्थन
विदेश मंत्री ने पहलगाम में हुए पर्यटकों पर आतंकी हमले का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत को इस मामले में अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भरपूर समर्थन मिला है। भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में एक प्रस्ताव भी पेश किया, जिसमें दोषियों को जवाबदेह ठहराने की मांग की गई थी।
“हमने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए यह सुनिश्चित किया कि 7 मई को आतंकियों को उनके अपराध का प्रत्यक्ष उत्तर मिले। 10 मई की सुबह तक उन्हें भारी नुकसान पहुंचाया गया, जिसकी पुष्टि उपग्रह (सैटेलाइट) तस्वीरों से हुई है। इससे साफ हो जाता है कि कौन वास्तव में संघर्ष विराम चाहता था,” उन्होंने कहा।
साफ संकेत: अब भारत रक्षात्मक नहीं, निर्णायक मोड में है
जयशंकर के इस बयान से साफ है कि भारत अब सिर्फ प्रतिक्रिया देने वाला देश नहीं, बल्कि रणनीतिक पहल करने वाला राष्ट्र बन चुका है। पाकिस्तान को यह स्पष्ट संकेत मिल चुका है कि अब भारत न तो आतंकवाद सहन करेगा और न ही कूटनीतिक भ्रम में उलझेगा। सिंधु जल संधि को रोकने की बात भारत पहले कभी इस स्तर पर खुलकर नहीं कहता था, लेकिन अब यह भारत की निर्णायक विदेश नीति की झलक है।
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