फेस्टिव सीजन और इंडस्ट्रियल डिमांड ने बढ़ाई चमक, विशेषज्ञ बोले – “अभी आक्रामक निवेश से बचें”

चांदी के दाम दोगुने होकर 1.75 लाख रुपये प्रति किलो पहुंचे, जानिए कारण, निवेश सलाह और सुरक्षित तरीके

नई दिल्ली।
चांदी ने इस साल कमाई के मामले में इतिहास रच दिया है। अंतरराष्ट्रीय और घरेलू बाजार में चांदी के भाव दोगुने से अधिक बढ़कर 1.75 लाख रुपये प्रति किलो तक पहुंच गए हैं। यह अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है।
दिलचस्प बात यह है कि इसी अवधि में चांदी ने सोने से 37% ज्यादा रिटर्न दिया है, यानी जिन्होंने चांदी में निवेश किया था, उन्हें सोने की तुलना में कहीं अधिक मुनाफा हुआ।
हालांकि, इतनी तेजी के बाद अब निवेशकों के मन में सवाल उठ रहा है — क्या अब भी चांदी में निवेश करना सही रहेगा, या भाव गिर सकते हैं? आइए जानते हैं इसके पीछे के कारण और विशेषज्ञों की राय।


💠 चांदी के दाम दोगुने होने की बड़ी वजहें

बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, इस साल चांदी के दाम में जो तेज उछाल देखने को मिला, उसके पीछे तीन प्रमुख कारण हैं — फेस्टिव सीजन की मांग, इंडस्ट्रियल डिमांड में उछाल और सप्लाई में रुकावट।

1️⃣ फेस्टिव सीजन ने बढ़ाई घरेलू मांग

भारत विश्व के सबसे बड़े चांदी उपभोक्ता देशों में से एक है।
दिवाली और धनतेरस जैसे त्योहारों पर सोना और चांदी खरीदना शुभ माना जाता है। इस वर्ष त्योहारों के दौरान बड़ी संख्या में लोगों ने निवेश और उपहार के रूप में चांदी की खरीदारी की, जिससे बाजार में मांग कई गुना बढ़ गई।
ज्वेलर्स और बुलियन डीलर्स के अनुसार, इस वर्ष धनतेरस पर चांदी की बिक्री पिछले साल की तुलना में लगभग 60% अधिक रही।

2️⃣ इंडस्ट्रियल डिमांड बनी बड़ी ताकत

आज चांदी सिर्फ आभूषण या निवेश की वस्तु नहीं रह गई है, बल्कि यह आधुनिक उद्योगों का अहम हिस्सा बन चुकी है।

  • सोलर पैनल उद्योग में सबसे ज्यादा चांदी की खपत होती है क्योंकि यह बिजली का उत्कृष्ट संवाहक है।
  • एआई (Artificial Intelligence) चिप्स, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EVs) में भी चांदी की मांग तेजी से बढ़ी है।
  • वैश्विक बाजार में औद्योगिक मांग में इस साल लगभग 14% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

3️⃣ सप्लाई घटने से दामों में उछाल

मांग बढ़ने के बावजूद चांदी की सप्लाई सीमित रही।
कई देशों में पर्यावरणीय नियमों और खदानों के बंद होने से उत्पादन पर असर पड़ा।
करीब 70% चांदी, कॉपर और जिंक की खुदाई के दौरान बाय-प्रोडक्ट के रूप में निकलती है।
जब तक इन धातुओं की माइनिंग नहीं बढ़ती, चांदी की उपलब्धता भी सीमित रहती है।
मांग और सप्लाई के इस असंतुलन ने कीमतों को ऊपर धकेला।

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💬 क्या यह चांदी में निवेश करने का सही समय है?

बाजार के ज्यादातर विशेषज्ञों का मानना है कि अभी आक्रामक निवेश से बचना चाहिए, क्योंकि भाव पहले से ही रिकॉर्ड स्तर पर हैं। हालांकि, लंबी अवधि के लिए चांदी अब भी एक आकर्षक विकल्प बनी हुई है।

🔹 रेनिशा चेनानी (हेड ऑफ रिसर्च, ऑगमेंट)

“अमेरिका में शटडाउन की आशंका, टैरिफ और फेड रेट कट्स की उम्मीद से निवेशकों ने चांदी खरीदी है। लंबी अवधि में तेजी जारी रह सकती है, लेकिन फिलहाल शॉर्ट टर्म रिस्क को देखते हुए नई खरीदारी से बचें।”

🔹 अजय केडिया (डायरेक्टर, केडिया कमोडिटी)

“चांदी ने पहले ही 100% का गेन दिखा दिया है, इसलिए अभी बड़ी खरीदारी नहीं करनी चाहिए।
लेकिन सोने की तुलना में चांदी की ग्रोथ तेजी से हो रही है। 2025 की पहली छमाही में निवेश के लिए यह बेहतरीन विकल्प हो सकता है।”

🔹 अनुज गुप्ता (हेड, कमोडिटी एंड करेंसी, एचडीएफसी सिक्योरिटीज)

“चांदी की कीमत में बढ़ोतरी का मुख्य कारण औद्योगिक मांग है। चीन में ब्याज दरें कम होने से फैक्ट्रियां तेज़ी से चल रही हैं।
कीमतों में उतार-चढ़ाव रहेगा, लेकिन गिरावट आने पर खरीदारी के अवसर जरूर मिलेंगे।”


💰 चांदी में निवेश के तीन सुरक्षित तरीके

अगर आप चांदी में निवेश करना चाहते हैं, तो इसके कई विकल्प हैं। लेकिन सुरक्षा, शुद्धता और सुविधा को ध्यान में रखकर निवेश करें।

1️⃣ फिजिकल सिल्वर (भौतिक चांदी)

यह सबसे पारंपरिक और लोकप्रिय तरीका है।
आप ज्वेलरी शॉप, बैंक या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से सिक्के, बार या गहने खरीद सकते हैं।
हालांकि, इसमें शुद्धता और चोरी का जोखिम रहता है, इसलिए हमेशा BIS हॉलमार्क्ड सिल्वर ही खरीदें।
भंडारण की सुविधा और बीमा पर भी ध्यान दें।

2️⃣ सिल्वर ईटीएफ (Silver ETFs)

यह आधुनिक और सुरक्षित निवेश विकल्प है।
सिल्वर ईटीएफ ऐसे फंड होते हैं जो चांदी की कीमत से जुड़े होते हैं।
इनमें चांदी की असली खरीद नहीं करनी पड़ती — बल्कि यह स्टॉक एक्सचेंज पर शेयरों की तरह ट्रेड होते हैं।
सिल्वर ईटीएफ में चोरी या शुद्धता का कोई खतरा नहीं होता।
इसे खरीदने के लिए डिमैट अकाउंट होना जरूरी है।

3️⃣ सिल्वर फ्यूचर्स या डिजिटल सिल्वर

कमोडिटी मार्केट (जैसे MCX) में सिल्वर फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट्स के जरिए निवेश किया जा सकता है।
इसके अलावा आजकल कई डिजिटल प्लेटफॉर्म (जैसे Paytm Gold, MMTC-PAMP) पर डिजिटल सिल्वर खरीदने का विकल्प भी उपलब्ध है।
यह तरीका उन निवेशकों के लिए अच्छा है जो छोटे निवेश से शुरुआत करना चाहते हैं।


सावधानी से करें निवेश, लंबी अवधि पर रखें नजर

वर्तमान में चांदी के भाव रिकॉर्ड स्तर पर हैं।
अगर आप शॉर्ट टर्म मुनाफे के लिए निवेश करना चाहते हैं, तो थोड़ा इंतजार करना बेहतर होगा।
लेकिन लॉन्ग टर्म निवेशक के लिए चांदी अब भी आकर्षक है क्योंकि आने वाले वर्षों में इसकी औद्योगिक मांग लगातार बढ़ने की संभावना है।

विशेषज्ञों का मानना है कि 2025 तक चांदी एक बार फिर नए ऐतिहासिक स्तर पर पहुंच सकती है — बशर्ते निवेशक गिरावट के दौरान समझदारी से खरीदारी करें।