- भारत-पाक तनाव के चलते बंद किए गए 32 हवाई अड्डों को फिर से खोलने की तैयारी शुरू हो गई है
- नागरिक उड़ानों के संचालन को लेकर जल्द ही आधिकारिक घोषणा की जा सकती है
नई दिल्ली ।भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया सैन्य तनाव के कारण बंद किए गए देश के 32 रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हवाई अड्डों को दोबारा खोलने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय और एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) के सूत्रों ने संकेत दिए हैं कि जल्द ही इन हवाई अड्डों पर फिर से उड़ानों की बहाली को लेकर औपचारिक घोषणा की जाएगी।
श्रीनगर-अमृतसर जैसे संवेदनशील एयरपोर्ट रहे प्रभावित
इन हवाई अड्डों में श्रीनगर, जम्मू, पठानकोट, अमृतसर, लेह, भटिंडा, हिसार जैसे सीमावर्ती और सामरिक दृष्टि से अहम एयरपोर्ट शामिल हैं। सैन्य टकराव की आशंका के चलते 9 से 15 मई के बीच इन पर नागरिक उड़ानों का संचालन अस्थायी रूप से रोक दिया गया था। एयरस्पेस सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एयर ट्रैफिक को सीमित किया गया था और NOTAM (नोटिस टू एयरमेन) के माध्यम से इसकी सूचना जारी की गई थी।
स्थिति में नरमी के बाद पुनर्संचालन की तैयारी
अब जबकि दोनों देशों के बीच तनाव में आंशिक नरमी देखने को मिल रही है और अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक गतिविधियाँ तेज़ हुई हैं, AAI और अन्य संबंधित प्राधिकरण इन हवाई अड्डों को चरणबद्ध तरीके से फिर से शुरू करने की योजना पर काम कर रहे हैं। इससे क्षेत्रीय कनेक्टिविटी, पर्यटन और व्यापार पर पड़े प्रतिकूल प्रभाव को धीरे-धीरे दूर किया जा सकेगा।
सुरक्षा और रणनीतिक समीकरणों में संतुलन
हवाई अड्डों को बंद करना एक असाधारण निर्णय था, जो दर्शाता है कि स्थिति कितनी संवेदनशील थी। अब पुनः संचालन की प्रक्रिया इस संकेत के रूप में देखी जा रही है कि दोनों देशों के बीच सैन्य स्तर पर स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है, और नागरिक जीवन को सामान्य बनाने की दिशा में भारत ने पहल शुरू कर दी है।
आर्थिक और सामरिक असर
हवाई सेवाएं बंद होने से न केवल आम नागरिकों की आवाजाही प्रभावित हुई, बल्कि सैन्य लॉजिस्टिक्स और व्यापार पर भी इसका असर पड़ा। विशेषकर जम्मू-कश्मीर, पंजाब और लद्दाख क्षेत्र में पर्यटन और अस्पताल से जुड़ी आपात सेवाएं बाधित रहीं। हवाई मार्गों के पुनः चालू होने से इन क्षेत्रों में सामान्य जीवन की बहाली तेज़ हो सकेगी।