सियाचिन ग्लेशियर पर हिमस्खलन में तीन जवान शहीद, एक कैप्टन सुरक्षित
लद्दाख। दुनिया के सबसे ऊंचे और कठिन युद्धक्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर पर सोमवार रात बड़ा हादसा हुआ। सेना के बेस कैम्प पर अचानक हुए हिमस्खलन की चपेट में आकर तीन जवान शहीद हो गए। सभी जवान महार रेजिमेंट से ताल्लुक रखते थे। हादसे के दौरान बर्फ में दबे जवानों को निकालने के लिए सेना ने तुरंत राहत और बचाव अभियान शुरू किया। करीब 5 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद एक कैप्टन को जिंदा बचा लिया गया, जबकि तीनों जवानों की जान नहीं बचाई जा सकी।

कठिन हालात में रेस्क्यू
सेना के प्रवक्ता ने बताया कि हादसा देर शाम के समय हुआ, जब मौसम अचानक बिगड़ गया। हिमस्खलन की वजह से बेस कैम्प का बड़ा हिस्सा बर्फ की चपेट में आ गया। बचाव दल के जवान भी बर्फ में फंस गए थे, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और कई घंटे तक लगातार खुदाई कर शहीद और घायल साथियों को बाहर निकाला।

सियाचिन की चुनौती
सियाचिन ग्लेशियर को दुनिया का सबसे कठिन और खतरनाक युद्धक्षेत्र कहा जाता है। यहां तापमान अक्सर माइनस 40 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है। बर्फीले तूफान और हिमस्खलन का खतरा हर समय बना रहता है। यही वजह है कि यहां तैनात सैनिकों को दुश्मन से ज्यादा प्रकृति से लड़ना पड़ता है। सेना के अनुसार, सियाचिन में हर साल कई सैनिक ठंड और प्राकृतिक हादसों की वजह से शहीद हो जाते हैं।

देशभर में शोक की लहर
जवानों की शहादत की खबर से उनके परिवारों और पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है। रक्षा मंत्री ने घटना पर दुख व्यक्त करते हुए शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी और कहा कि राष्ट्र उनके सर्वोच्च बलिदान को कभी नहीं भूलेगा।
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