41 साल बाद किसी भारतीय ने की अंतरिक्ष यात्रा

20 दिन अंतरिक्ष में रहकर लौटे शुभांशु शुक्ला, कैलिफोर्निया में स्पेसक्राफ्ट की सफल लैंडिंग


नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला सहित चार अंतरिक्षयात्री अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में 20 दिन बिताने के बाद 15 जुलाई को दोपहर 3 बजे पृथ्वी पर लौट आए। इनका स्पेसएक्स का ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट करीब 23 घंटे की वापसी यात्रा के बाद कैलिफोर्निया के तटवर्ती समुद्र में सफलतापूर्वक स्प्लैशडाउन हुआ।

यह मिशन अमेरिका की निजी अंतरिक्ष कंपनी एक्सियम स्पेस, नासा, इसरो और स्पेसएक्स की साझेदारी में संपन्न हुआ। शुभांशु शुक्ला इस मिशन का हिस्सा बनकर अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय और 41 साल बाद पहले भारतीय बने हैं। इससे पहले 1984 में राकेश शर्मा ने सोवियत स्पेस मिशन के तहत अंतरिक्ष यात्रा की थी।


🌍 मिशन टाइमलाइन: शुभांशु की यात्रा का पूरा विवरण

  • 25 जून, दोपहर 12:00 बजे (भारतीय समयानुसार): शुभांशु और उनकी टीम ने अमेरिका के कैनेडी स्पेस सेंटर से फाल्कन-9 रॉकेट के ज़रिए उड़ान भरी।
  • 26 जून, शाम 4:01 बजे: चारों एस्ट्रोनॉट्स अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में पहुंचे।
  • 14 जुलाई, शाम 4:45 बजे: ISS से उनका ड्रैगन कैप्सूल अनडॉक होकर पृथ्वी के लिए रवाना हुआ।
  • 15 जुलाई, दोपहर 3:00 बजे: कैप्सूल ने कैलिफोर्निया के समुद्र में सुरक्षित स्प्लैशडाउन किया।

🛰️ क्या-क्या किया शुभांशु ने अंतरिक्ष में?

60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोग

  • शुभांशु ने मिशन के दौरान 60 से ज्यादा वैज्ञानिक प्रयोगों में भाग लिया।
  • भारत के 7 प्रयोग भी इसमें शामिल थे, जैसे:
  • अंतरिक्ष में मेथी और मूंग के बीजों की खेती
  • स्पेस माइक्रोएल्गी पर शोध।
  • अंतरिक्ष में हड्डियों की सेहत से जुड़ी जांच।
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प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत

  • 28 जून को शुभांशु ने ISS से पीएम नरेंद्र मोदी से वीडियो कॉल पर बातचीत की।
  • शुभांशु बोले: "अंतरिक्ष से भारत बहुत भव्य दिखता है।"
  • जब पीएम ने पूछा कि क्या गाजर का हलवा ले गए थे, तो शुभांशु ने हंसते हुए कहा, "हां, साथियों के साथ बैठकर खाया।"

छात्रों से संवाद

  • 3, 4 और 8 जुलाई को उन्होंने तिरुवनंतपुरम, बेंगलुरु और लखनऊ के 500 से ज्यादा छात्रों से हैम रेडियो के माध्यम से बातचीत की।
  • उद्देश्य: छात्रों में STEM (विज्ञान, तकनीकी, इंजीनियरिंग, गणित) के प्रति रुचि बढ़ाना।

ISRO से वैज्ञानिक संवाद

  • 6 जुलाई को शुभांशु ने इसरो प्रमुख डॉ. वी. नारायणन और अन्य वैज्ञानिकों से बातचीत कर गगनयान मिशन में अपने अनुभवों को साझा किया।

पृथ्वी की तस्वीरें

  • ISS के कपोला मॉड्यूल (7 खिड़कियों वाला अवलोकन स्थल) से पृथ्वी की शानदार तस्वीरें लीं।

🇮🇳 भारत के गगनयान मिशन में योगदान

शुभांशु का यह अनुभव भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान की तैयारी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। गगनयान के 2027 में लॉन्च होने की संभावना है, जिसमें भारतीय गगनयात्री पृथ्वी की कक्षा में जाकर वापस लौटेंगे।

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💰 भारत ने चुकाए 548 करोड़ रुपये

यह मिशन एक्सियम स्पेस का चौथा प्राइवेट स्पेस मिशन था। भारत सरकार ने शुभांशु की एक सीट के लिए करीब 548 करोड़ रुपये चुकाए। इससे पहले तीन मिशन 2022, 2023 और 2024 में लॉन्च हो चुके हैं।


🛰️ क्या है अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS)?

  • ISS एक उच्च कक्षा में स्थित प्रयोगशाला है, जहां वैज्ञानिक और एस्ट्रोनॉट माइक्रोग्रैविटी में विभिन्न प्रयोग करते हैं।
  • यह हर 90 मिनट में पृथ्वी की एक परिक्रमा करता है।
  • इसकी गति करीब 28,000 किमी/घंटा है।
  • इसे अमेरिका, रूस, जापान, कनाडा और यूरोपीय स्पेस एजेंसी ने मिलकर बनाया है।


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