अंतरिक्ष से लौटे शुभांशु शुक्ला, लखनऊ में भावुक हुआ परिवार; मां रो पड़ीं, पिता ने लहराया तिरंगा

लखनऊ। भारत के लिए एक ऐतिहासिक और भावुक पल तब आया, जब अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला 20 दिन के अंतरिक्ष मिशन को पूरा कर सकुशल पृथ्वी पर लौट आए। Axiom Mission-4 के तहत शुभांशु और उनकी टीम ने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) में 18 दिन बिताए और सोमवार शाम को वापसी की प्रक्रिया शुरू की। मंगलवार दोपहर 3 बजे (भारतीय समयानुसार) उनका स्पेसक्राफ्ट कैलिफोर्निया के तट पर प्रशांत महासागर में सफलतापूर्वक लैंड हुआ।

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LUCKNOW, JULY 15 (UNI):- Mother of Indian astronaut Shubhanshu Shukla celebrate his safe return to Earth, along with the Axiom-4 crew, in Lucknow on Tuesday. UNI PHOTO-72U

लखनऊ में माता-पिता ने देखी बेटे की वापसी, भावनाओं का उमड़ा सैलाब

शुभांशु के माता-पिता शंभू दयाल शुक्ला और आशा शुक्ला लखनऊ के सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (CMS) में आयोजित लाइव कार्यक्रम में बेटे की वापसी का सीधा प्रसारण देख रहे थे। जैसे ही ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट के समुद्र में स्प्लैशडाउन की खबर आई, परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।

पिता शंभू दयाल ने तिरंगा लहराकर बेटे को गर्व और हौसले का संदेश भेजा, जबकि मां आशा भावनाओं में बह गईं और रो पड़ीं। उन्होंने पति के कंधे पर सिर रखकर आंसू छलकने दिए। इसके बाद दोनों ने केक काटकर इस ऐतिहासिक पल का जश्न मनाया।

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LUCKNOW, JULY 15 (UNI):- Family members of Indian astronaut Shubhanshu Shukla celebrate his safe return to Earth, along with the Axiom-4 crew, in Lucknow on Tuesday. UNI PHOTO-68U

“बेटा आज दोबारा जन्म लेकर आया है” – मां आशा

भावुक मां आशा ने कहा, "हमारा बेटा आज दोबारा जन्म लेकर आया है। उसका सकुशल लौटना किसी चमत्कार से कम नहीं है। हमने रातभर उसकी सलामती की दुआ की।"

पिता शंभू दयाल बोले, "आज का दिन हमारे परिवार के लिए सबसे बड़ा दिन है। अब बस उससे गले मिलने की प्रतीक्षा है।"

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LUCKNOW, JULY 15 (UNI):- Family members of Indian astronaut Shubhanshu Shukla celebrate his safe return to Earth, along with the Axiom-4 crew, in Lucknow on Tuesday. UNI PHOTO-71U

अनडॉकिंग से पहले शुभांशु ने की थी सैटेलाइट कॉल

इस ऐतिहासिक वापसी से कुछ घंटे पहले शुभांशु ने अंतरिक्ष से अपने माता-पिता को सैटेलाइट कॉल किया। उन्होंने कहा:

"यह मेरी ISS से आखिरी कॉल है… अब लौट रहा हूं, जल्द मिलूंगा।"

शुभांशु की यह बात सुनते ही घर में मौजूद हर सदस्य की आंखें भर आईं। इस कॉल ने पूरे परिवार को भावनात्मक रूप से झकझोर दिया, लेकिन साथ ही उन्हें यह भरोसा भी दिलाया कि उनका बेटा सुरक्षित है।


रातभर जागकर परिवार ने की प्रार्थना, सुंदरकांड का पाठ

शुभांशु की वापसी के इंतजार में परिवार ने पूरी रात स्पेस एजेंसी की लाइव फीड और टीवी स्क्रीन से नज़रें नहीं हटाईं। हर एक अपडेट के साथ उनकी धड़कनें तेज हो जाती थीं। मंगलवार सुबह शुभांशु के पिता ने सुंदरकांड का पाठ कर भगवान से बेटे की सुरक्षित वापसी के लिए आभार जताया।


20 दिन की ऐतिहासिक यात्रा पूरी

  • शुभांशु 25 जून को दोपहर 12 बजे (IST) स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट से रवाना हुए थे।
  • 26 जून को शाम 4:01 बजे ISS पहुंचे।
  • 14 जुलाई की शाम 4:45 बजे स्पेस स्टेशन से रवाना हुए।
  • 15 जुलाई दोपहर 3 बजे ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट ने कैलिफोर्निया के समुद्र में सफल लैंडिंग की।

इस प्रकार उड़ान से लेकर वापसी तक, पूरी अंतरिक्ष यात्रा 20 दिन में पूरी हुई।


परिवार की जुबानी ये मिशन सिर्फ वैज्ञानिक नहीं, भावनात्मक था

शुभांशु के परिवार के लिए यह मिशन सिर्फ एक अंतरिक्ष उपलब्धि नहीं, बल्कि एक भावनात्मक अनुभव था। बेटे की वापसी की उम्मीद, डर और गर्व—तीनों भावनाएं हर पल उनके साथ थीं। अब वे बस इंतजार कर रहे हैं कि शुभांशु स्वास्थ्य जांच और रिहैबिलिटेशन के बाद भारत लौटे और वे उसे गले से लगा सकें।