July 12, 2025 9:40 PM

शुभांगी अत्रे की आंखों में छलका दर्द: ‘मैं उन्हें सिर्फ अच्छी यादों के लिए याद रखना चाहती हूं’

  • तलाक के एक महीने बाद ही पीयूष का निधन हुआ, जिसने एक्ट्रेस को भीतर तक झकझोर दिया

‘भाबीजी घर पर हैं’ की अंगूरी भाभी के किरदार से घर-घर में मशहूर हुईं टीवी एक्ट्रेस शुभांगी अत्रे एक बार फिर भावनात्मक वजहों से चर्चा में हैं। उनके पूर्व पति पीयूष अत्रे का इस साल अप्रैल में निधन हो गया था। शुभांगी और पीयूष की शादी को 22 साल हो चुके थे, लेकिन फरवरी 2025 में दोनों अलग हो गए थे। तलाक के एक महीने बाद ही पीयूष का निधन हुआ, जिसने एक्ट्रेस को भीतर तक झकझोर दिया। अब शुभांगी ने पहली बार खुलकर इस व्यक्तिगत क्षति और पीयूष की सेहत से जुड़ी परेशानियों को लेकर बात की है।

‘डॉक्टर ने कहा था—लाइफस्टाइल नहीं बदली, तो…’

एक इंटरव्यू में शुभांगी ने बताया कि पीयूष काफी समय से लीवर सिरोसिस जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित थे। डॉक्टरों ने उन्हें स्पष्ट चेतावनी दी थी कि यदि वे अपनी जीवनशैली में बदलाव नहीं करते तो स्थिति गंभीर हो सकती है। शुभांगी ने कहा— “डॉक्टर्स ने कई बार कहा था कि उन्हें अपनी आदतें छोड़नी होंगी। मुझे कहीं न कहीं अहसास था कि कोई भी अनहोनी हो सकती है। लेकिन इतनी जल्दी ये होगा, ये सोचा नहीं था।”
‘मैं सिर्फ अच्छी यादों के लिए उन्हें याद रखना चाहती हूं’
शुभांगी की आवाज इस बातचीत के दौरान कई बार भर आई। उन्होंने कहा—
“मैं पीयूष को सिर्फ उन अच्छी यादों के लिए याद रखना चाहती हूं, जो हमने साथ बिताईं। मैंने उनसे सच्चा प्यार किया था और वो मेरे जीवन का बड़ा हिस्सा थे।”
उन्होंने अपनी बेटी आशी के लिए एक खास संदेश भी साझा किया—
“मैं सिर्फ इतना चाहती हूं कि वो जहां भी हों, आशी को आशीर्वाद देते रहें। हमें जीवन में मार्गदर्शन मिलता रहे।”

22 साल साथ, फिर अलगाव और अंत

शुभांगी और पीयूष की शादी 2003 में हुई थी। दोनों की बेटी अब किशोरावस्था में है। उन्होंने कई बार अपनी शादीशुदा जिंदगी को लेकर मीडिया में बहुत कुछ नहीं कहा, लेकिन शराब की लत को इस रिश्ते के टूटने की प्रमुख वजह बताया था। फरवरी 2025 में शुभांगी ने जब तलाक की घोषणा की, तो फैंस और इंडस्ट्री दोनों चौंक गए। लेकिन इससे भी बड़ा सदमा अप्रैल में आया, जब पीयूष का स्वास्थ्य बिगड़ने के बाद निधन हो गया। शुभांगी ने कभी भी उनके प्रति नाराज़गी या गुस्सा नहीं दिखाया, बल्कि अब भी उन्हें सम्मान और संवेदना के साथ याद कर रही हैं।

शुभांगी का भावनात्मक साहस

व्यक्तिगत त्रासदी के बावजूद शुभांगी ने न सिर्फ प्रोफेशनल कमिटमेंट्स को निभाया, बल्कि इस कठिन समय में अपनी बेटी को भी संवेदनात्मक सहारा दिया। उनकी यह भावुक अपील कि वह अपने पूर्व पति को सिर्फ अच्छी यादों के लिए याद रखना चाहती हैं, न सिर्फ इंसानियत का प्रतीक है, बल्कि एक मजबूत महिला की छवि भी सामने लाता है।

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