श्रावण के अंतिम सोमवार पर उज्जैन में उमड़ा आस्था का सैलाब, दो लाख से अधिक भक्तों ने किए महाकाल दर्शन
श्रावण मास का चौथा और अंतिम सोमवार आज श्रद्धा और आस्था के चरम पर रहा। उज्जैन के प्राचीन महाकालेश्वर मंदिर में सुबह से ही भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। तड़के ढाई बजे से ही मंदिर के कपाट खोल दिए गए और भस्म आरती के साथ भगवान महाकाल की दिव्य पूजा-अर्चना आरंभ हुई। श्रद्धालु दूर-दूर से आकर इस अद्भुत दर्शन में शामिल हुए।
🔱 भस्म आरती में गूंजा “जय महाकाल”, बिना परमिशन वाले भी पहुंचे चलायमान दर्शन में
मंदिर के गर्भगृह में भगवान महाकाल को सबसे पहले जल अर्पित किया गया। इसके पश्चात भस्म से उनका श्रृंगार किया गया। पंचामृत से अभिषेक कर भांग, चंदन, पुष्पों और आभूषणों से उन्हें सजाया गया। इस अवसर पर महाकाल को राजसी स्वरूप में सजाया गया, जिससे पूरा मंदिर परिसर दिव्यता और भक्ति से सराबोर हो उठा।

भस्म आरती के दौरान मंदिर की चलायमान दर्शन व्यवस्था में कई ऐसे श्रद्धालु भी पहुँच गए, जिनके पास प्रवेश की पूर्व अनुमति नहीं थी। फिर भी प्रशासन की व्यवस्थाओं के चलते सभी को सुचारू रूप से दर्शन का अवसर मिला। भस्म आरती के दौरान पूरा मंदिर परिसर “जय श्री महाकाल” के नारों से गूंज उठा।

🔱 श्रावण मास का विशेष महत्व, भगवान की दिनचर्या में नहीं हुआ कोई परिवर्तन
मंदिर के पुजारी पंडित महेश पुजारी ने जानकारी दी कि श्रावण मास को भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त करने का सर्वोत्तम अवसर माना जाता है। इस मास में तप, भक्ति और सेवा का विशेष महत्व होता है। उन्होंने बताया कि महाकाल मंदिर में भगवान की दैनिक दिनचर्या आज भी अपने पारंपरिक स्वरूप में सम्पन्न की गई। भगवान को प्रातःकालीन पूजा में भांग और चंदन अर्पित किया गया।
श्रद्धालु अपने हाथों से भगवान को जल अर्पित कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। पंडित महेश ने बताया कि इस मास में आने वाले भक्त जल अर्पण के साथ-साथ व्रत और जप भी करते हैं, जिससे भगवान शिव प्रसन्न होते हैं।
🔱 शाम 4 बजे निकलेगी महाकाल की भव्य सवारी, पालकी में दर्शन देंगे भगवान
महाकाल मंदिर में आज शाम को एक और विशेष आयोजन होगा। शाम 4 बजे भगवान महाकाल पालकी में नगर भ्रमण के लिए निकलेंगे। पालकी में भगवान श्री चंद्रमोलेश्वर स्वरूप में विराजमान रहेंगे। गजराज पर भगवान मनमहेश, गरुड़ रथ पर शिव तांडव स्वरूप और नंदी रथ पर श्री उमा-महेश स्वरूप में भक्तों को दर्शन देंगे।
मंदिर के सभा मंडप में पहले पालकी पूजन होगा। इसके पश्चात मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र बल के जवान भगवान को सलामी देंगे। इस सवारी में घुड़सवार पुलिस दल, सशस्त्र बल, होमगार्ड, भजन मंडली, झांझ मंडली और पुलिस बैंड का दल भी शामिल रहेगा। यह सवारी शहर के प्रमुख मार्गों से होकर गुजरेगी, जहां भक्तगण भगवान के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त करेंगे।

🔱 अब तक 11 लाख से अधिक श्रद्धालु कर चुके हैं दर्शन
श्रावण माह के चारों सोमवार को महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं का भारी जनसैलाब उमड़ा। पहले सोमवार को लगभग 2.5 लाख श्रद्धालु पहुंचे थे, दूसरे सोमवार को 3 लाख से अधिक, तीसरे सोमवार को 4 लाख और आज चौथे सोमवार को दोपहर तक लगभग 2 लाख श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन कर चुके हैं।
इस तरह अब तक पूरे श्रावण मास में 11 लाख से अधिक भक्तों ने उज्जैन आकर बाबा महाकाल की नगरी में आस्था के दीप जलाए हैं। प्रशासन ने भी सुरक्षा और व्यवस्था के लिए विशेष इंतजाम किए हैं, जिसमें भारी पुलिस बल, CCTV कैमरे, बैरिकेडिंग और स्वास्थ्य सुविधाएं शामिल हैं।

🔱 आस्था की इस धारा ने फिर सिद्ध किया – महाकाल की महिमा अपरंपार
उज्जैन में श्रावण मास के अंतिम सोमवार पर उमड़ा यह भक्तों का सैलाब न सिर्फ श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि महाकाल के प्रति जनविश्वास कितना गहरा है। हर वर्ग, हर उम्र के लोग बाबा के दर्शन के लिए लम्बी यात्रा कर उज्जैन पहुंचे और अपनी आस्था व्यक्त की।
श्रावण का यह अंतिम सोमवार उज्जैन के लिए फिर एक ऐतिहासिक दिन बन गया, जब लाखों लोगों ने एक साथ भगवान महाकाल के चरणों में सिर नवाया और जीवन में सुख-शांति, स्वास्थ्य और समृद्धि की प्रार्थना की।
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